कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू: ‘हमने बीजेपी की गंदी राजनीति को धूल चटा दी’

डीके शिवकुमार ने बताया कि बीजेपी को लगता था कि वह अपनी गंदी राजनीति के जरिये कर्नाटक में सरकार बना लेगी, लेकिन हमने उन्हें पीछे छोड़ दिया।

फोटो: सोशल मीडिया
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ऐशलिन मैथ्यू

कर्नाटक के त्रिशंकु नतीजे जैसे ही सामने आए, कांग्रेस-जेडीएस ने तुरंत साथ मिलकर सरकार बनाने का फैसला लिया और अपने विधायकों को साथ रखने की कवायद शुरू कर दी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डीके शिवकुमार ने अपनी राजनीतिक कुशलता से कांग्रेस विधायकों को लगातार साथ रखा। शिवकुमार ने कनकपूरा विधानसभा सीट से जीत हासिल की है और राज्य में सबसे ज्यादा मतों से जीतने के मामले में दूसरे नंबर पर रहे हैं।

शिवकुमार ने नेशनल हेरॉल्ड को बताया कि बीजेपी को लगता था कि वह अपनी गंदी राजनीति के जरिये कर्नाटक में सरकार बना लेगी, लेकिन हमने उन्हें पीछे छोड़ दिया। प्रस्तुत हैं ऐशलिन मैथ्यू से उनकी बातचीत के अंश।

कांग्रेस-जेडीएस का गठबंधन कैसे संभव हुआ?

जब मतों की गिनती हुई तो हमें महसूस हुआ कि हमें पूर्ण बहुमत नहीं मिलेगा और पार्टी निर्णय ले चुकी थी कि हम ऐसी स्थिति में जेडीएस को बिना शर्त समर्थन करेंगे। हमसे कहा कि इसे सुनिश्चित करें। हमारे बीच चाहे जो भी मतभेद रहे हों, लेकिन हम बीजेपी के खिलाफ हैं। इसने हमने निजी राजनीति को दूर रखा।

चूंकि बीजेपी के पास पर्याप्त संख्या नहीं थी, आपको क्या लगता है बीजेपी क्या करती?

बीजेपी निश्चित रूप से कांग्रेस विधायकों को खरीदने की कोशिश करती। उन्होंने काफी पैसे देने का ऑफर भी किया। उन्होंने कुछ मामलों में 5 करोड़, 15 करोड़ और 150 करोड़ रुपए देने की भी कोशिश की। हमने अपने विधायकों को कहा कि पूरी बातचीत को रिकार्ड कर लें।

अब, मुझे यकीन है कि आयकर विभाग इन विधायकों के पीछे पड़ जाएगा। मैं उन विधायकों के नाम नहीं बता पाऊंगा जिन्हें पैसे ऑफर किए गए थे।

आपने फिर कैसे विधायकों को साथ रखा और उन्हें मनाने में सफल हुए?

हमें विधायकों को साथ रखने में मुश्किल हुई। पहले, हमने अपने विधायकों को बेंगलुरू आने को कहा। जब वे आ गए तो हमने अपने विधायकों को समझाया कि उन्हें क्या करना है और क्या नहीं करना है। हम जानते थे कि जैसे ही अंतिम परिणाम सामने आएंगे वे (बीजेपी) विधायकों को खरीदने की कोशिश करेंगे। उन्हें पास पैसे हो सकते थे, लेकिन हमने जल्दी कार्रवाई करने का निर्णय लिया। हम अपने विधायकों को साथ रखने में सफल हुए।

इन विधायकों के परिवार वाले भी चिंतित थे क्योंकि उन्हें एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा रहा था। उन्हें बीजेपी समर्थकों से भी फोन आ रहे थे और पैसे और दूसरी सुविधाएं देने का वादा किया जा रहा था।

हम उन्हें इसलिए अपने साथ रखने में कामयाब हुए क्योंकि हमने उन्हें यह विश्वास दिलाया कि हम जीतेंगे। हमने उनसे कहा कि हमारे पास संख्या है और हम अगर साथ रहते हैं तो हम सरकार बना सकते हैं, नहीं तो हम सब विपक्ष में बैठेंगे और यह न तो उनके लिए और न ही राज्य के लिए अच्छा रहेगा। इसने यह साबित किया कि अगर हम संगठित रहते हैं तो बीजेपी कुछ नहीं कर सकती।

क्या आप हमें यह थोड़ा बता सकते हैं कि पर्दे के पीछे क्या हुआ?

पहले हम अपने विधायकों को ईगलटन रिसार्ट ले गए ताकि उन्हें कोई खरीदने की कोशिश न करे। मीडिया में आई यह खबर गलत थी कि वह रिसार्ट मेरे भाई डीके सुरेश का है। यह उनके क्षेत्र में है, बस इतना ही है। सिर्फ कांग्रेस के विधायक वहां थे, जेडीएस विधायक नहीं थे। उसके बाद हमने निर्णय लिया कि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हमें उन्हें राज्य के बाहर ले जाना होगा और यह भी सुनिश्चित करने के लिए कि कोई उन तक पहुंच न सके।

कुछ विधायक हैदराबाद नहीं आए, लेकिन हमें यकीन था कि बहुमत परीक्षण के दौरान वे पार्टी के लिए वोट करेंगे। मैं उनके संपर्क में था। बीजेपी ने गंदी राजनीति की, लेकिन हमने उन्हें पीछे छोड़ दिया।

उसके बाद हम उन्हें केरल ले जाना चाहते थे, लेकिन हमें बताया गया कि वहां उनके लिए पर्याप्त कमरे नहीं होंगे। हमें कम से कम 100 कमरों की जरूरत थी। उसके बाद तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस ने हमें बताया कि हैदराबाद में कई होटल हैं जिनका हम इस्तेमाल कर सकते हैं। उन्होंने हमें जमीनी सहायता मुहैया कराई।

फिर हमने हैदराबाद के पार्क हयात होटल का रुख किया, जिसके मालिक कांग्रेस नेता टी सुब्बारामी रेड्डी हैं। लेकिन, वहां भी पर्याप्त कमरे नहीं थे क्योंकि वहां पहले से लोग ठहरे हुए थे। जीवीके समूह के ताज कृष्णा में जरूरत के हिसाब से पर्याप्त कमरे थे। हमने 90 कमरे बुक किए क्योंकि नवनिर्वाचित विधायकों के कुछ सहयोगी भी थे।

क्या आपको तेलंगाना राष्ट्र समिति का सहयोग भई प्राप्त हुआ?

हैदराबाद पुलिस काफी मददगार साबित हुई। वरिष्ठ नेताओं ने हमें बताया कि हैदराबाद पुलिस बस के साथ-साथ चलेगी जैसे ही हम राज्य में दाखिल होंगे। टीआरएस के नेताओं ने हमसे बात की और कहा कि वे भी हमारी सहायता करेंगे। हमें कई जगहों से सहायता मिली क्योंकि कर्नाटक में सेकुलर सरकार बनाने के लिए हम साथ आ रहे थे।

यह चीजें पहली बार नहीं हुई हैं। पार्टी को ऐसा संभावनाओं का पूर्वानुमान था और मुझसे यह सुनिश्चित करने को कहा गया कि विधायकों को साथ रखा जाए। हमने पहले भी ऐसा किया है। हमें पिछले साल और कुछ साल पहले भी ऐसा करना पड़ा था। राजनीति में, बीजेपी से हम अप्रत्याशित चीजों की भी अपेक्षा करने लगे हैं।

क्या आपने जेडीएस नेता एचडी कुमारास्वामी से अपनी समस्याओं को समाप्त कर लिया है?

एचडी कुमारास्वामी से मेरी कुछ समस्याएं हैं। यह बहुत गहरा घाव है जो पिछले कई दशकों से रहा है। इसे ठीक होने में वक्त लगेगा। लेकिन, जब पार्टी गठबंधन का निर्णय लेती है तो हम सभी को उसके लिए काम करना होता है। हम कर्नाटक में सेकुलर सरकार बनाना चाहते थे। यह बहुत जरूरी थी।

क्या आप इस सरकार का हिस्सा बनेंगे?

यह मुझे पता नहीं है। यह सब पार्टी तय करेगी। इसका निर्णय मुझे नहीं लेना है।

क्या बाद में भी कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन होगा?

हम इसकी अभी भी योजना बना रहे हैं और यह पार्टी के उच्च नेतृत्व द्वारा तय किया जाएगा। वे सही समय पर बात करेंगे और अपने फैसले की घोषणा करेंगे। कई मुद्दे हैं जिन्हें हमें किनारे रखना होगा।

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