दिल्ली में पुलिस भी नहीं सुरक्षित, अब ज्वाइंट कमिश्नर हुए साइबर ठगी का शिकार, जानिए क्या है पूरा मामला

दिल्ली पुलिस में संयुक्त आयुक्त ट्रांसपोर्ट के पद पर कार्यरत अतुल कुमार कटियार दिल्ली पुलिस मुख्यालय स्थित अपने कार्यालय में बैठे हुए थे। उसी समय उनके फोन पर एसबीआई के क्रेडिट कार्ड से दो बार लेनदेन का मैसेज आया। जबकि क्रेडिट कार्ड उनकी जेब में मौजूद था।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

आम आदमी की बात छोड़िये, देश की राजधानी दिल्ली में आम-ओ-खास कोई भी सुरक्षित नहीं है। बीते सप्ताह भारत के सॉलिसिटर जनरल की पत्नी का मोबाइल फोन छिना। दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल के निजी सचिव के साथ धोखाधड़ी में कई लोग गिरफ्तार किए गए। अब दिल्ली पुलिस के एक संयुक्त आयुक्त को ही साइबर ठगों ने शिकार बना डाला।

साइबर ठगी का शिकार हुए संयुक्त पुलिस आयुक्त का नाम अतुल कुमार कटियार हैं। अतुल कुमार कटियार वर्तमान समय में दिल्ली पुलिस मुख्यालय में ही बैठते हैं। फिलहाल वे संयुक्त आयुक्त ट्रांसपोर्ट (यातायात) के पद पर हैं।

एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में खुद को ठग लिए जाने की पुष्टि स्वंय ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर अतुल कुमार कटियार ने की है। उन्होंने बताया, "दिल्ली पुलिस साइबर सेल में मामला दर्ज करा दिया गया है। ठगों तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है।"

दर्ज एफआईआर के मुताबिक, "दो-तीन दिन पहले अतुल कुमार कटियार आईटीओ स्थित दिल्ली पुलिस मुख्यालय स्थित कार्यालय में बैठे हुए थे। उसी वक्त उनके मोबाइल पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के क्रेडिट कार्ड से दो बार लेनदेन का मैसेज आया। जबकि क्रेडिट कार्ड उनकी जेब में मौजूद था।"


साइबर अपराधियों के शिकार संयुक्त पुलिस आयुक्त ने तुरंत बैंक से संपर्क करके क्रेडिट कार्ड ब्लाक करा दिया। आईएएनएस से बातचीत में अतुल कुमार कटियार ने बताया, "कार्ड बंद कराए जाने के बाद भी साइबर ठगों ने कार्ड को इस्तेमाल करने की कोशिश की, जिसमें वे नाकाम रहे।"

एक सवाल के जबाब में कटियार ने आईएएनएस को बताया कि उनके क्रेडिट कार्ड की लिमिट 50 हजार रुपये की थी। जिसमें से 28 हजार रुपये उनसे साइबर अपराधियों ने ठग लिए हैं। मामले की जांच करके अपराधियों तक पहुंचने के लिए दिल्ली पुलिस की साइबर सेल में एफआईआर दर्ज करवा दी गई है।

यहां उल्लेखनीय है कि बीते पंद्रह दिनों के अंदर दिल्ली में ठगी और झपटमारी की कई ऐसी हाईप्रोफाइल वारदातें सामने आई हैं जिसने दिल्ली पुलिस की कार्य-प्रणाली पर ही सवालिया निशान लगा दिए हैं। मसलन कुछ दिन पहले ही दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल के निजी सचिव अनूप ठाकुर के साथ धोखाधड़ी की घटना को अंजाम दिया गया। हालांकि, उस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया।

अनूप ठाकुर के साथ ठगी का मामला अभी ठंडा नहीं हुआ था कि पिछले हफ्ते ही नई दिल्ली जिले के मंडी हाउस जैसे भीड़-भाड़ स्थान पर भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की पत्नी से उनका मोबाइल छीन लिया गया। अभी तक न मोबाइल मिला है और न ही झपटमार पुलिस के हाथ लगे हैं।


इसी तरह रविवार को दिल्ली पुलिस मुख्यालय से चंद फर्लांग की दूरी पर आईटीओ पुल के पास एक भाजपा नेता की पत्नी शकुंतला उपाध्याय से मोटर साइकिल सवार झपटमारों ने उनका स्मार्टफोन झपट लिया। इस सिलसिले में मध्य दिल्ली जिले के आईपी स्टेट थाने में आपराधिक मामला दर्ज किया गया।

मोबाइल झपटमारी के यह दोनों मामले सुलझ पाते, तब तक पुलिस मुख्यालय में ही बैठे दिल्ली पुलिस के संयुक्त आयुक्त अतुल कुमार कटियार को साइबर ठगों ने शिकार बना लिया।

(आईएएनएस इनपुट के साथ)

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