मध्य प्रदेश-मिजोरम में थम गया चुनावी शोर, सोशल मीडिया से भी प्रचार पर रोक, 28 नवंबर को डाले जाएंगे वोट
मध्य प्रदेश और पूर्वोत्तर राज्य मिजोरम विधानसभा चुनाव के लिए 28 नवंबर को होने वाले मतदान से पहले आज शाम 5 बजे चुनाव प्रचार का शोर थम गया। आदर्श आचार संहिता के तहत राजनीतिक दल अब सोशल मीडिया के जरिये भी प्रचार नहीं कर सकते।
पूर्वोत्तर राज्य मिजोरम और मध्य प्रदेश में 28 नवंबर को होने वाली वोटिंग से पहले आज शाम 5 बजे से प्रचार थम गया। चुनाव आचार संहिता के तहत अब इन दोनों राज्यों में चुनाव से पहले न तो कोई जुलूस निकाला जा सकेगा और ना ही सभाओं का आयोजन हो पाएगा। इसके साथ ही कोई प्रत्याशी लाउड स्पीकर का भी इस्तेमाल नहीं कर सकता। यही नहीं, कोई भी राजनीतिक दल या प्रत्याशी सोशल मीडिया यानी एसएमएस, वाट्सएप, फेसबुक आदि के जरिये भी अपना प्रचार नहीं कर सकता। अब मतदान से पहले प्रत्याशी केवल डोर-टू-डोर जाकर ही जनसपंर्क कर सकते हैं। चुनाव आयोग का स्पष्ट निर्देश है कि मतदान के 48 घंटे पहले उम्मीदवारों या राजनीतिक दलों द्वारा न तो किसी तरह की डिबेट की जाएगी और न ही कोई कार्यक्रम।
मध्य प्रदेश की सभी 230 सीटों के लिए 2907 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। 28 नवंबर को 65 हजार से ज्यादा मतदान केंद्रों पर राज्य के 5 करोड़ 3 लाख मतदाता अपने मतों का इस्तेमाल करेंगे। शांतिपूर्वक चुनाव संपन्न कराने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गए है। राज्य में सत्तारूढ़ बीजेपी सभी 230 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जबकि कांग्रेस ने 229 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। कांग्रेस ने जतारा की एक सीट लोकतांत्रिक जनता दल के उम्मीदवार के लिए छोड़ी है। इनके अलावा, बीएसपी, एसपी, आम आदमी पार्टी (आप) और अन्य दलों सहित कुल 2907 उम्मीदवार मैदान में हैं।
वहीं, मिजोरम की 40 सीटों पर भी सोमवार शाम चार बजे चुनाव प्रचार समाप्त हो गया। राज्य में बुधवार को मतदान होगा जिसमें 7,70,395 मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे। चुनाव में कांग्रेस और राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी एमएनएफ ने सभी 40 सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े किये हैं जबकि बीजेपी ने भी 39 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं।
मध्य प्रदेश चुनाव में पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था के लिए राज्य में केंद्रीय सुरक्षाबलों की 650 कंपनियां तैनात की गई हैं, जिनमें से बालाघाट में 76, भींड में 24, छिंदवाड़ा और मुरैना में 19-19, सागर और भोपाल में 18-18 कंपनियां तैनात की गई हैं। राज्य पुलिस के 85 प्रतिशत और होमगार्ड के 90 प्रतिशत बल को चुनाव कार्य में लगाया गया है। प्रदेश के बाहर से आए 33 हजार होमगार्ड के जवानों को भी चुनाव ड्यूटी में तैनात किया जा रहा है। चाक-चौबंद सुरक्षा के लिए हेलीकॉप्टर का भी सहारा लिया जा रहा है। इसके तहत बालाघाट, मंडला और भोपाल में एक-एक हेलीकॉप्टर तैनात रहेंगे। संचार व्यवस्था बेहतर रखने के लिए 20 सैटेलाइट फोन और 28 हजार वायरलेस सेट चुनाव में उपयोग किये जा रहे हैं।
वहीं मिजोरम राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) आशीष कुंद्रा ने बताया कि स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान के लिए सभी तैयारियां पूरी हो गई हैं। उन्होंने बताया कि चुनाव के लिए पूरे राज्य में पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था के इंतेजाम के साथ सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मतदान के लिए राज्य पुलिस के अलावा केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की भी पूरे राज्य में तैनाती की जाएगी। पूर्वोत्तर में मिजोरम एकमात्र ऐसा राज्य है जहां कांग्रेस की सरकार है। राज्य में कांग्रेस 2008 से सत्ता में है।
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