डूसू चुनाव में एबीवीपी का अध्यक्ष समेत तीन सीटों पर कब्जा, सचिव पद पर एनएसयूआई ने मारी बाजी
दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ (डूसू) चुनाव के नतीजे आ गए हैं। मतगणना में दिन भर चली गहमागहमी के बाद देर शाम आए नतीजों में एबीवीपी ने अध्यक्ष समेत तीन पदों पर जीत दर्ज की है। जबकि एनएसयूआई केवल एक पद पर कब्जा कर सकी है।
डूसू चुनाव की मतगणना में दिन भर चले उठापटक के बाद गुरुवार की देर शाम आए नतीजों में बीजेपी-आरएसस की छात्र इकाई एबीवीपी ने बाजी मार ली है। एबीवीपी ने अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सह सचिव के पद पर कब्जा किया है। जबकि कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई ने सचिव पद पर आखिरी समय तक बढ़त कायम रखते हुए जीत दर्ज की है। अध्यक्ष पद पर एबीवीपी के अंकिव बसोया, उपाध्यक्ष पर पर शक्ति सिंह और सह सचिव पद पर ज्योति चौधरी ने जीत दर्ज की है। जबकि एनएसयूआई के आकाश चौधरी ने सचिव पद पर जीत हासिल की है।
गौरतलब है कि अध्यक्ष पद के लिए आखिरी समय तक एनएसयूआई के सन्नी छिल्लर और एबीवीपी के अंकिव बसोया के बीच कांटे की टक्कर चलती रही। दोनों के बीच का अंतर काफी कम होने का कारण दोनों उम्मीदवारों में उठापटक का दौर चलता रहा। इस वजह से मतगणना स्थल के बाहर मौजूद समर्थकों और मीडियाकर्मियों के बीच कई बार काफी भ्रम की स्थिति पैदा होती रही। अंतिम नतीजे आने से पहले मतगणना केंद्र के बाहर अध्यक्ष पद पर एनएसयूआई उम्मीदवार की जीत का शोर भी मच गया और समर्थक खुशी मनाने लगे। लेकिन काफी उहापोह के बाद आए अंतिम नतीजों में एबीवीपी उम्मीदवार ने बाजी मार ली। हालांकि एबीवीपी उम्मीदवार ने बहुत कम अंतर से जीत दर्ज की है।
अंतिम नतीजों के अनुसार अध्यक्ष पद के एबीवीपी उम्मीदवार को कुल 20,467 वोट मिले, जबकि एनएसयूआई के सन्नी छिल्लर को 18,723 वोट मिले। वहीं, उपाध्यक्ष पद पर जीते एबीवीपी के शक्ति सिंह को 23,046, जबकि एनएसयूआई की लीना को 15000 वोट मिले। सचिव पद के लिए एनएसयूआई के आकाश को 20,198 और एबीवीपी के सुधीर को 14109 वोट मिले। वहीं सह सचिव पद पर एबीवीपी की ज्योति चौधरी को 19353 और एनएसयूआई के सौरभ को 14381 वोट मिले।
इससे पहले मतगणना के दौरान दिन भर गहमा गहमी की स्थिति रही। इस दौरान ईवीएम के खेल को लेकर भी काफी हंगामा हुआ। ईवीएम मशीनों में गड़बड़ी पर एनएसयूआई की शिकायत को लेकर कुछ घंटे तक मतगणना रोकनी भी पड़ी थी। दरअसल मतगणना के दौरान एक ईवीएम में 10वें नंबर पर 40 वोट पड़ने का मामला सामने आया, जबकि चुनाव में केवल 8 प्रत्याशी ही थे और 9वां नंबर नोटी का था। ऐसे में 10वे नंबर का बटन काम नहीं करना चाहिए था, लेकिन फिर भी उस पर 40 वोट पड़े, जो एक बार फिर ईवीएम पर सवाल खड़े करता है। ईवीएम में खराबी को लेकर एनएसयूआई ने विरोध दर्ज कराते हुए फिर से चुनाव की मांग की तो वहीं आरएसएस-बीजेपी की छात्र इकाई एबीवीपी मतगणना फिर से शुरू कराने पर अड़ी रही। मतगणना रुकने से पहले तक एनएसयूआई उम्मीदवार अध्यक्ष समेत तीन पदों पर बढत बनाए हुए थे, जबकि एबीवीपी का उम्मीदवार सिर्फ उपाध्यक्ष पद पर आगे चल रहा था।
बता दें कि डूसू चुनाव के लिए बुधवार को वोट डाले गए थे। इस बार मतदान प्रतिशत काफी कम रहा था। दिल्ली विश्वविद्याल के कॉलेजों में 52 केंद्रों पर हुए मतदान में केवल 44.46 प्रतिशत ही मतदान हुआ था। डूसू चुनाव में आमतौर पर मुख्य मुकाबला कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई और बीजेपी की छात्र इकाई एबीवीपी के बीच ही रहता है। हालांकि इस बार आम आदमी पार्टी की छात्र इकाई छात्र युवा संघर्ष समिति ने वामपंथी छात्र संगठन आईसा के साथ गठबंधन किया था।
(बिपिन के इनपुट के साथ)
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