सुप्रीम कोर्ट की इस गाइडलाइन की वजह से ताजमहल का दीदार नहीं कर पाएंगे ट्रंप? ‘द बीस्ट’ पर फंसा पेंच
सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के मुताबिक, ईंधन से चलने वाली कोई भी कार या वाहन ताजमहल के 500 मीटर के दायरे में नहीं आ सकता है। लेकिन, अमेरिकी सीक्रेट सर्विस चाहता है कि राष्ट्रपति ट्रंप ताजमहल के मुख्य द्वार तक अपनी कार द बीस्ट में जाएं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत के दौरे पर आने वाले हैं। राष्ट्रपति ट्रंप के दो दिवसीय दौरे की शुरुआत अहमदाबाद से होगी। उसके बाद वो ताजमहल का दीदार करने आगरा भी जाने वाले हैं। इसके लिए अमेरिकी राष्ट्रपति की कार द बीस्ट अगरा पहुंच गई है। लेकिन ट्रंप के ताज दौरे पर संशय की स्थिति अब भी बरकरार है।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के मुताबिक, ईंधन से चलने वाली कोई भी कार या वाहन ताजमहल के 500 मीटर के दायरे में नहीं आ सकता है। लेकिन, अमेरिकी सीक्रेट सर्विस चाहता है कि राष्ट्रपति ट्रंप ताजमहल के मुख्य द्वार तक अपनी कार द बीस्ट में जाएं। अमेरिकी एडवांस की 35 सदस्यीय टीम आगरा पहुंच चुकी है। लेकिन यह तय नहीं है कि ट्रंप को ताजमहल के गेट तक जाने के लिए कार के इस्तेमाल की इजाजत मिलेगी या नहीं। हालांकि यह तय है कि खेरिया एयरपोर्ट से ट्रंप अपनी कार बीस्ट से अमर विलास होटल तक आएंगे।
बता दें कि फिलहाल सभी पर्यटक गोल्फ-कार्ट से ताजमहल के दरवाजे तक जाते हैं। सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रपति ट्रंप को ताजमहल के गेट तक जाने के लिए गोल्फ कार्ट के इस्तेमाल की ही इजाजत दी गई है। हालांकि, सीक्रेट सर्विस सुरक्षा की वजह से गोल्फ कार्ट का इस्तेमाल नहीं करना चाहता।
गौरतलब है कि इससे पहले 2015 में तत्कालनीन राष्ट्रपति बराक ओबामा को भी ताज के दीदार को जाना था। पंद्रह दिन तक ताजनगरी में इसकी तैयारियां भी चली, यहां तक कि अमेरिका से फ्लीट की गाड़ियां तक आ गई थीं। लेकिन उनके काफिले को दरवाजे तक जाने की इजाजत नहीं मिलने की वजह से आखिरी समय पर उनका प्रोग्राम रद्द हो गया था। अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों ने अपने राष्ट्रपति को बैटरी बस से ताजमहल ले जाने से साफ इनकार कर दिया था। उन्होंने तर्क दिया था कि बैटरी बस बुलटप्रूफ नहीं है। जिस गाड़ी में उनके राष्ट्रपति चलते हैं, उसी से रॉयल गेट तक जाएंगे।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कार ‘द बीस्ट’ विशेष विमान से आगरा पहुंच गई है। ट्रंप इसी कार से खेरिया एयरपोर्ट से ताज का दीदार करने के लिए जाएंगे। यह कार बम, केमिकल, न्यूक्लियर अटैक प्रूफ है। इस कार का हर हिस्सा खास है, जो जरूरत और समय के अनुसार अपनी भूमिका निभाता है। यह कार कम से कम 14 कारों के काफिले की बीचोंबीच चलती है। अमेरिकी अफसरों की गाड़ियां भी मालवाहक विमान से आगरा लाई गई हैं।
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