मोदी सरकार की प्रस्तावित ‘नई नोटबंदी’ से हैदराबाद में अफरा-तफरी, बैंकों का ग्राहकों को पैसे देने से इनकार, एटीएम भी खाली
केंद्र सरकार के प्रस्तावित एफआरडीआई कानून ने एक बार फिर नोटबंदी जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। आरोप है कि हैदराबाद में शादी जैसे कार्यक्रमों के लिए बैंक लोगों के जमा रुपये देने से इनकार कर रहे हैं।
तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में कई बैंकों से लोगों को अपने ही जमा रुपये नहीं मिलने की खबर है। शहर की कई एटीएम मशीन पहले से ही बंद हैं और बाकी में रुपये ही नहीं हैं। शादी-विवाह जैसे अवसरों पर काम आने के लिए लोग बैंकों में रुपये जमा कराते हैं और अब जब लोगों को रुपये की जरूरत आ पड़ी है तो बैंक रुपये देने से इनकार कर रहे हैं। देश की सबसे बड़ी राष्ट्रीय बैंक एसबीआई को लेकर इस तरह की कई शिकायतें सामने आ रही हैं।
दरअसल केंद्र सरकार के प्रस्तावित एफआरडीआई बिल के बारे में लोगों को जैसे ही ये पता चला कि अगर ये बिल पास हो गया तो बैंकों में रखा उनका पैसा सुरक्षित नहीं रहेगा तो हैदराबाद में बड़े पैमाने पर लोगों ने बैंकों में जमा अपना पैसा निकालना शुरू कर दिया। पिछले सप्ताह जब बैंकों में रुपये निकालने वालों की लंबी-लंबी कतारें लगने लगीं तो बैंक अधिरकारियों ने लोगों को 10 से 20 हजार रुपये तक की रकम ही निकालने की अनुमति दी। अब तक हैदराबाद में लोगों ने अपने करोड़ों रुपये बैंक से निकाल लिए हैं।
बैंके के प्रबंधकों ने लोगों को बहुत समझाने की कोशिश की और कहा कि वे तब तक इंतजार कर लें जब तक कि एफआरडीआई बिल संसद से पास नहीं हो जाता है, लेकिन किसी ने भी एक ना सुनी। लोगों को अपने पैसे डुबने का अंदेशा हो गया है। बैंक लोगों को ये समझाने में नाकाम रहे हैं कि प्रस्तावित विधेयक बैंक ग्राहकों के अधिकारों की हिफाजत कर सकेगा या नहीं। स्थिति उस समय ज्यादा खराब हो गई जब अलग अलग संगठनों और बैंक कर्मचारियों ने भी एफआरडीआई बिल के विरोध में आवाजें उठानी शुरू कर दीं। इसके बाद लोगों को ये विश्वास हो गया कि ये विधेयक ग्राहकों के हक में नहीं है।
इन सब के बीच बैंकों से लगातार रकम निकाले जाने की वजह से अब बैंक इस स्थिति में नहीं रह गए हैं कि सभी ग्राहकों को उनके पैसे लौटा सकें। जबकि लोग बैंकों में जमा रुपये पर बहुत ज्यादा निर्भर हैं। शहर के विभिन्न इलाकों में लोगों की शिकायत है कि शादी के लिए भी उन्हें उनके ही पैसे नहीं दिए जा रहें हैं और ये कहा जा रहा है कि उन्हें ऊपर से आदेश मिले हैं।
बैंकों में लंबी-लंबी कतारों और रुपये की अनुपलब्धता की वजह से नोटबंदी जैसे हालात पैदा हो गए हैं और अपने ही जमा रुपये नहीं मिलने की वजह से लोगों में नाराजगी और बेचैनी देखने को मिल रही है।
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