दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण इमरजेंसी, स्कूल-कालेज बंद, धुएं और धुंध से कोई राहत नहीं

दिल्ली-एनसीआर में एयर इमरजेंसी जैसे हालात हैं। स्कूल-कालेज बंद कर दिए गए हैं। तीन दिन से पूरे उत्तर भारत में जारी धुएं और धुंध से कोई राहत नहीं मिली है।

फोटो: सोशल मीडिया 
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नवजीवन डेस्क

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर धूएं की चादर में लिपटा नजर आ रहा है। दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर 6 गुणा बढ़ गया है। इसके चलते लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अगर हवा का बहाव बहुत तेज नहीं हुआ तो दिल्ली को कम से कम तीन दिनों तक इस भीषण प्रदूषण की मार झेलनी पड़ सकती है। लोगों को सांस लेने में भी मुश्किल हो रही है।

दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने स्मॉग के मद्देनजर दिल्ली के सभी प्राइमरी स्कूलों को बुधवार तक बंद रखने का आदेश दिया था, लेकिन बढ़े प्रदूषण को देखते हुए डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने स्कूलों को अब बुधवार की जगह रविवार तक बंद रखने का आदेश दिया है।

इसके अलावा गाजियाबाद में भी स्कूलों को बंद कर दिया गया है। धुंध का असर यातायात पर भी पड़ रहा है। कई ट्रेनें भी अपने समय से काफी देर से चल रही है। नई दिल्ली में करीब 53 ट्रेनें लेट हो गई हैं, जबकि 5 ट्रेनों के समय में बदलाव किया गया है और एक ट्रेन को रद्द भी कर दिया गया है।

हरियाणा और पंजाब में किसानों द्वारा खेतों में बचे अवशिष्ट जलाने से बढ़े प्रदूषण को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों को चिठ्ठी लिखी है। उन्होंने कहा कि हम सभी को मिलकर बढ़ते प्रदूषण का कोई हल निकालना चाहिए।

राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने कहा है कि दिल्ली में इमरजेंसी जैसी स्थिति है। एनजीटी ने यूपी, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली सरकार को निर्देश दिया है कि वे वायु प्रदूषण को रोकने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दें। प्राधिकरण ने इन राज्यों से 9 नवंबर तक की गई कार्रवाई की रिपोर्ट जमा करने का आदेश दिया है।

इसके अलावा एनजीटी ने दिल्ली सरकार, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति, दिल्ली के तीनों नगर निगमों और पुलिस को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि किसी भी बाजार में प्लास्टिक के थैलों का इस्तेमाल न हो।

उधर दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा है कि खेतों में बचे अवशिष्ट जलाने से ज्यादा निर्माण कार्यों से प्रदूषण बढ़ रहा है। हालांकि कोर्ट ने माना कि नवंबर और दिसंबर के महीने में खेतों में बचे अवशिष्ट जलाने से प्रदूषण ज्यादा बढ़ता है। हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार की रिपोर्ट पर असंतोष जताया है। कोर्ट ने 20 नवंबर से पहले केंद्र और दूसरी एजेंसियों से अपने आदेशों के अनुपालन से संबंधित रिपोर्ट तलब किया है।

इस बीच इंवायरनमेंट पॉल्यूशन (प्रिवेंशन एंड कंट्रोल) अथॉरिटी (EPCA) ने प्रदूषण संकट से निपटने के लिए तत्काल कुछ कदम उठाने के आदेश दिए हैं। EPCA ने दिल्ली मेट्रो को पीक आवर के दौरान कम से कम 10 दिनों तक किराया कम रखने, ज्यादा कोच लगाने और फेरी बढ़ाने का आदेश दिया है। इस बीच मेट्रो सुरक्षा में तैनात CISF सुरक्षाबलों के बीच 8,000, एयरपोर्ट पर 5,000 और बाकी जगहों पर 1,000 मास्क बांटे गए।

EPCA ने दिल्ली-एनसीआर में नगर निगमों को पार्किंग शुल्क में 4 गुना इजाफा करने का आदेश दिया है। इसके अलावा उसने दिल्ली-एनसीआर में धूल से होने वाले प्रदूषण मानकों का उल्लंघन करने वाली रोड कंस्ट्रक्शन एजेंसियों पर 50,000 रुपये दंड लगाने का निर्देश दिया है। EPCA ने दिल्ली सरकार को भी निर्देश दिया है कि अगर प्रदूषण की स्थिति और बिगड़ती है तो वह ऑड-इवन और निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने जैसे कदम उठाने के लिए तैयार रहे।

बढ़ते प्रदूषण की वजह से दिक्कतों का सामना कर रहे लोगों ने भी अपनी परेशानी जाहिर की।

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Published: 08 Nov 2017, 1:02 PM