पूरी तरह खत्म नहीं हुआ भारत-चीन सीमा विवाद! मंगलवार को लद्दाख के चुशूल में फिर होगी कोर कमांडर स्तर की बैठक

सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक पूर्वी लद्दाख के चुशूल में मंगलवार को भारतीय और चीनी सेना के बीच कोर कमांडर लेवल की बैठक होगी। इस दौरान होनी वाली बातचीत मुख्य रूप से LAC पर पीछे हटने के दूसरे चरण पर केंद्रित होगी।

फोटो: Getty Images
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नवजीवन डेस्क

पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में भले ही दोनों देशों भारत और चीन की सेना कुछ किलोमीटर पीछे हो गई हो, लेकिन दोनों देशों के बीच जारी विवाद अभी कम नहीं हुआ। इस बात का अंदाजा मंगलवार को दोनों देशों के बीच कमांडर लेवल की होने वाली बैठक को लेकर लगाया जा सकता है। न्यूज एजेंसी एएनआई ने भारतीय सेना के हवाले से ये खबर दी है कि मंगलवार को लद्दाख में इसको लेकर एक अहम बैठक होगी। जिसमें विवादित इलाके से पीछे हटने को लेकर चर्चा होगी।

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न्यूज एजेंसी एएनआई ने बताया कि सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक पूर्वी लद्दाख के चुशूल में मंगलवार को भारतीय और चीनी सेना के बीच कोर कमांडर लेवल की बैठक होगी। इस दौरान होनी वाली बातचीत मुख्य रूप से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर पीछे हटने के दूसरे चरण पर केंद्रित होगी। भारतीय सेना ने इस बैठक के सकारात्मक रहने की उम्मीद जताई है। खबर ये भी है कि पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्‍चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर भारत और चीन की सेना का पीछे हटना अभी भी जारी है। खबरों की माने तो पेट्रोलिंग प्वाइंट (पीपी) 15 के अलावा पीपी 14 और पीपी-17 पर डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया को पूरा कर लिया गया है। इसके अलावा लद्दाख के फिंगर एरिया से भी अब पीपुल्‍स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के जवान पीछे हटने लगे हैं।

आपको बता दें, भारत-चीन के बीच मई से ही लद्दाख में सीमा विवाद जारी था। इस बीच 15-16 जून की रात गलवान घाटी में हुई झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे। साथ ही चीन को भी काफी नुकसान पहुंचा था। तब से दोनों देश लगातार बातचीत पर जोर दे रहे हैं। इससे पहले 10 जुलाई को सीमाई मसलों पर भारत और चीन के बीच 16वीं बैठक हुई थी। इस बैठक में दोनों ही पक्षों ने आपसी संबंधों की मजबूती के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखने की जरूरत पर सहमति जताई। विदेश मंत्रालय की मानें तो दोनों पक्ष एलएसी के पास से सैनिकों की वापसी सुनिश्चित करेंगे। यही नहीं दोनों ही पक्ष गतिरोध का समाधान सुनिश्चित करने के लिए राजनयिक और सैन्य स्तर पर बातचीत बहाल रखने पर सहमत हुए हैं।

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