कांग्रेस की मांग, कोरोना से निपटने के लिए राज्यों को एक लाख करोड़ रुपये का आर्थिक पैकेज दे केंद्र 

कांग्रेस ने शनिवार को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से कोरोना संकट से निपटने के लिए राज्यों के लिए एक लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की मांग की है। इसके साथ ही बकाया जीएसटी राजस्व का भुगतान करने की मांग की गई है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

कांग्रेस ने शनिवार को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से कोरोना संकट से निपटने के लिए राज्यों के लिए एक लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की मांग की है। इसके साथ ही बकाया जीएसटी राजस्व का भुगतान करने की मांग की गई है। कांग्रेस ने कहा है कि अगर राज्यों को वक्त पर जीएसटी का बकाया नहीं मिला तो कोरोना के खिलाफ लड़ाई पर असर पड़ सकता है और राहत कार्य प्रभावित हो सकते हैं। पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार कोरोना के खिलाफ लड़ाई में राज्य सरकारों एवं राजनीतिक दलों को साथ ले और आम सहमति बनाए।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि "हम केंद्र सरकार से अपील करते हैं कि राज्य सरकारों को सक्षम बनाएं क्योंकि राज्य सरकारें अग्रिम पंक्ति में कोरोना से लड़ रही हैं। राज्य सरकारों को अस्पतालों के लिए संसाधन और गरीबों की मदद के लिए पैसा चाहिए। केंद्र सरकार तत्काल एक लाख करोड़ रुपए का कोरोना पैकेज राज्य सरकारों के लिए जारी करे। साथ ही जीएसटी राजस्व में केंद्र सरकार पर विभिन्न राज्य सरकारों का 42 हजार करोड़ रुपए बकाया है, इसकी तुरंत भरपाई हो।" कांग्रेस के मुताबिक जीएसटी के बकाया राजस्व के लिए बीजेपी शाषित राज्यों की तरफ से भी मांग उठी है।


कांग्रेस ने मांग की है कि केंद्र और आरबीआई को राज्य सरकारों के लिए ऐसे प्रावधान करने चाहिए ताकि उन्हें शून्य ब्याज दर पर ऋण मिल सके। आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के मद्देनजर कांग्रेस ने कहा है कि विभिन्न राज्यों की सीमाएं सील हैं जिसके कारण आवश्यक चीजों की सप्लाई से जुड़े ट्रक ठप खड़े हैं। ऐसे में केंद्र सरकार को ऐसे ट्रकों के आवागमन को सुनिश्चित करनी चाहिए ताकि सप्लाई प्रभवित ना हो।

कांग्रेस ने कहा कि कोरोना के प्रकोप से निपटने के लिए ये स्वीकारना जरूरी है कि इस लड़ाई में राज्य सरकारें सबसे महत्वपूर्ण लड़ाई लड़ रही हैं। ऐसे में रणनीति और नियम बनाने में राज्य सरकारों से भी बात की जाए। आम सहमति बनाने के लिए केंद्र सरकार अन्य राजनीतिक दलों से भी बात करें। प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि सबको साथ लेकर ही इस लड़ाई को जीता जा सकता है।

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