राष्ट्रीय सुरक्षा पर घृणित राजनीति करना पीएम मोदी और बीजेपी का इतिहासः कांग्रेस
मुंबई में 26 नवंबर 2008 को हुए आतंकी हमले की बरसी पर कांग्रेस ने पीएम मोदी और बीजेपी को घेरते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाया। तथ्यों के साथ पीएम मोदी के झूठों का जवाब देते हुए कांग्रेस ने राष्ट्रीय सुरक्षा पर 15 सवालों के जवाब मांगे हैं।
आज ही के दिन 2008 में 10 आतंकियों ने मुंबई को निशाना बनाया था। इस हमले की 10वीं बरसी पर कांग्रेस ने पीएम मोदी को घेरते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाया। कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि मुंबई के 26/11 आतंकी हमले के दौरान हमारे सुरक्षाबलों ने अदम्य संकल्प, साहस और बहादुरी का प्रदर्शम करते हुए अपने सर्वोच्च बलिदान से हमले को नाकाम कर दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस देश के उन सुरक्षाबलों, पुलिस, एनएसजी कमांडोज, अग्निशमन कर्मचारियों की बहादुरी को सलाम करती है, जिन्होंने त्रासदी की उस घड़ी में अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति का परिचय दिया।
इस अवसर पर कांग्रेस नेता ने पीएम मोदी और बीजेपी पर तीखा हमला करते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि एकमात्र शख्स जिसने 26/11 आतंकी हमले के दौरान घृणित राजनीति का प्रदर्शन किया, वो नरेन्द्र मोदी थे। उन्होंने एक वीडियो क्लिप जारी करते हुए बताया कि जब सुरक्षाबल के जवान आतंकवादियों से लोहा ले रहे थे उस समय गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी आतंकी हमले के पास एक जगह पर मीडिया को संबोधित करते हुए तत्कालीन यूपीए सरकार पर आरोप लगा रहे थे। सुरजेवाला ने कहा, “इतना ही नहीं, दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान समाचार पत्रों में रक्तरंजित विज्ञापन जारी कर बीजेपी सैनिकों के बलिदान का राजनीतिकरण कर अपनी ओछी अवसरवादिता का उदाहरण पेश कर चुकी है।
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय सुरक्षा और जवानों के बलिदान का राजनीतिकरण करना बीजेपी के अंतर्मन में निहित है। उन्होंने 26/11 हमले के दौरान और उसके बाद यूपीए सरकार द्वारा की गई दृढ़ कार्रवाई का जिक्र करते हुए कहा पीएम मोदी और बीजेपी को यह याद रखना चाहिए कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने ही आतंकवादी कसाब को 2012 में फांसी पर लटकाया, और हमले के मास्टरमाइंड ‘डेविड हेडली’ को 2013 में 35 वर्षों के लिए जेल की सजा सुनिश्चित कराया। उन्होंने कहा कि मुंबई हमले के बाद कांग्रेस सरकार ने सशक्त राजनयिक चैनलों के जरिये हमले के प्रमुख षड़यंत्रकारी और पाकिस्तान स्थित आतंकी समूह लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज मौहम्मद सईद पर अमेरिका द्वारा 1 करोड़ की इनाम राशि का ऐलान और उसे अंतरार्ष्ट्रीय आतंकवादी घोषित कराना सुनिश्चित कराया।
उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार की ढुल-मुल पाकिस्तान नीति के कारण पिछले साढ़े चार साल के दौरान मुंबई आतंकी हमले के अन्य साजिशकर्ता अपने खिलाफ किसी कार्रवाई से बचे हुए हैं। सुरजेवाला ने बताया कि हमले के एक अन्य मास्टरमाइंड और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के ऑपरेशन कमांडर जकी उर रहमान लखवी ने खुद को पाकिस्तान सरकार से दोषमुक्त सिद्ध करवा लिया है। निचली अदालत से जमानत लेने के बाद अप्रैल, 2015 से लखवी पाकिस्तान में खुला घूम रहा है। उन्होंने सवाल किया कि “किसी भी आतंकवादी हमले के राजनीतिकरण के अवसर को भुनाने से नहीं चूकने वाले पीएम मोदी क्या 26/11 आतंकी हमले के गुनाहगारों को सजा दिलाने के संबंध में अपनी सरकार के ‘ट्रैक रिकॉर्ड’ पर कोई जवाब देंगे?”
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने विभिन्न घटनाओं और तथ्यों का जिक्र करते हुए मोदी सरकार से 15 सवाल पूछते हुए उनके जवाब देने की मांग की।
- क्या ये सच नहीं कि मोदी सरकार के पिछले 54 महीने के दौरान अकेले जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के कारण 426 जवानों को अपना बलिदान देना पड़ा और 278 नागरिकों को अपना बहुमूल्य जीवन गंवाना पड़ा?
- क्या ये सच नहीं कि सुरक्षा प्रतिष्ठानों पर 16 प्रमुख आतंकवादी हमलों में, जिनमें सीआरपीएफ कैंप, आर्मी कैंप, एयरफोर्स स्टेशन और मिलिट्री स्टेशन, अमरनाथ यात्रा, सुंजवान आर्मी कैंप हमला शामिल है, अनेक बहुमूल्य जीवन गंवाने पड़े?
- क्या ये सच नहीं कि शहीद मनदीप और शहीद नरेन्द्र सिंह के सिर पाकिस्तान द्वारा काट दिए गए और उनके शव क्षत-विक्षत कर दिए गए और मोदी सरकार मूक दर्शक बनी रही?
- क्या 2014 के मई से पाकिस्तान द्वारा युद्ध विराम उल्लंघन की घटनाओं में 500 प्रतिशत वृद्धि से स्पष्ट नहीं होता कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की सुरक्षा को खतरे में डाला है?
- वह 56 इंच की छाती कहां गई, जब पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा और अतंर्राष्ट्रीय सीमा पर युद्ध विराम का 3,000 बार उल्लंघन किया?
- पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकवादी हमले की जांच के लिए 2016 के मार्च में पीएम मोदी ने कुख्यात पाकिस्तानी जांच ऐजेंसी आईएसआई को निमंत्रण क्यों दिया? बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने मार्च, 2016 में कोलकाता में सार्वजनिक रुप से पाकिस्तान की आईएसआई को प्रशंसा का चरित्र प्रमाण पत्र यह कहते हुए क्यों दिया कि ‘पाकिस्तान ने पठानकोट आतंकवादी हमले में जांच के लिए गंभीर प्रयास किए हैं’? क्या कुख्यात आईएसआई ने 5 अप्रैल, 2016 को यह दावा नहीं किया कि भारत ने पठानकोट में अपने सैनिकों को स्वयं मारा है? क्या आईएसआई के पूर्व प्रमुख लैफ्टिनेट जनरल असद दुरानी ने ये दावा नहीं किया कि आईएसआई भारत के प्रधानमंत्री के रुप में नरेन्द्र मोदी को प्राथमिकता देती है?
- क्या ये सत्य नहीं कि मोदी सरकार ने र्ष 2018-19 के बजट में जीडीपी का मात्र 1.58 प्रतिशत सशस्त्र सेनाओं के लिए आवंटित किया है, जो 1962 से लेकर आज तक का न्यूनतम रक्षा आवंटन है?
- क्या ये तथ्य नहीं कि मेजर जनरल बी सी खंडूरी की अध्यक्षता वाली रक्षा संबंधी संसदीय समिति ने सशस्त्र सेनाओं की आवश्यकता की घोर उपेक्षा संबंधी शर्मनाक स्थिति को यह कहते हुए उजागर किया है कि सैन्य बलों के पास उपलब्ध 68 प्रतिशत उपकरण अत्यधिक पुराने हैं और उनके पास अस्त्र-शस्त्र की आपात खरीद के लिए कोई पैसा नहीं है?
- क्या प्रधानमंत्री मोदी चीन द्वारा अवैध कब्जे और किले बंदी के समक्ष ‘मौन मोदी’ बन गए हैं? क्या यह सच नहीं कि चीन ने दक्षिण डोकलाम के रास्ते सड़क निर्माण करके सिलीगुड़ी गलियारे से ‘चिकन नेक’ में घुसपैठ कर ली है?
- क्या प्रधानमंत्री मोदी ने ‘माउंटेन स्ट्राइक कोर’ की स्थापना के कांग्रेस-यूपीए सरकार के प्रस्ताव को निरस्त कर चीन के सामने अपने घुटने नहीं टेक दिए जिसके अंतर्गत चीन की सीमा के साथ 90,274 अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती होनी थी और जिसपर 64,678 करोड़ रुपए का व्यय प्रस्तावित था ?
- ‘वन रैंक वन पेंशन’ को ‘वन रैंक फाईव पेंशन’ का रुप देकर क्या प्रधानमंत्री मोदी ने हमारे सैनिकों, दीर्घानुभवी सैनिकों और पूर्व सैनिकों के सम्मान को ठेस नहीं पहुंचाई है?
- क्या पीएम मोदी ने नक्सलवाद को सिर उठाने, हमारे सैनिकों को मारने और आंतरिक गड़बड़ी फैलाने की अनुमति देकर आंतरिक सुरक्षा के साथ खिलवाड़ नहीं किया है? क्या यह सत्य नहीं कि छत्तीसगढ़ चुनाव के दौरान पांच नक्सली हमले हुए? क्या ये सत्य नहीं कि आज भी सुरक्षा बल के जवान छत्तीसगढ़ में नक्सली हमलों में अपने जीवन का बलिदान दे रहे हैं?
- क्या ये सत्य नहीं कि साल 2015 से आज तक मोदी सरकार की निगेहबानी में 3200 नक्सली हमलों में 245 जवानों ने शहादत प्राप्त की और 380 आम नागरिकों को भी अपना जीवन गंवाना पड़ा?
- क्या ये सत्य नहीं कि 26/11 हमले के बाद कांग्रेस, यूपीए सरकार ने ‘नेशनल काउंटर टैरेरिज्म सेंटर’ (एनसीटीसी) के गठन का प्रस्ताव रखा था और गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुरजोर तरीके से इस प्रस्ताव का विरोध किया था?
- क्या ये सत्य नहीं कि कांग्रेस सरकार ने नेट ग्रिड की संस्थापना का प्रस्ताव दिया था, जो कि एक समन्वित आसूचना ग्रिड के रुप में भारत सरकार की मूल सुरक्षा ऐजेंसियों के लिए डेटा बेस उपलब्ध करवाता, जिससे सूचना एजेंसियों को सूचना संबंधी आंकड़े त्वरित रुप से उपलब्ध होते? क्या ये सत्य नहीं कि मोदी सरकार ने नेट ग्रिड सीईओ का पद दो वर्ष तक रिक्त रखा, जिसके कारण इस समस्त प्रणाली पर बुरा प्रभाव पड़ा ?
रणदीप सुरजेवाला ने 15 सवालों में विभिन्न घटनाओं और तथ्यों का जिक्र करते हुए मोदी सरकार से जवाब देने की मांग की।
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