बिहार को मिले स्पेशल पैकेज, नीतीश सरकार के पास मजदूरों के लिए कोई कार्य योजना नहीं- कांग्रेस
कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान बंदी को लेकर अन्य राज्यों से मजदूर वापस लौट रहे हैं। कांग्रेस का कहना है कि आने वाले मजदूरों के पास ना रोजगार के साधन हैं और ना ही इनके लिए सरकार के पास कोई कार्ययोजना है।
कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान बंदी को लेकर अन्य राज्यों से मजदूर वापस लौट रहे हैं। कांग्रेस का कहना है कि आने वाले मजदूरों के पास ना रोजगार के साधन हैं और ना ही इनके लिए सरकार के पास कोई कार्य योजना है। पार्टी ने केंद्र सरकार से बिहार के लिए विशेष पैकेज की मांग की है। युवा कांग्रेस की बिहार इकाई के पूर्व अध्यक्ष ललन कुमार ने सोमवार को कहा, "बिहार को विशेष राज्य का दर्जा अगर केंद्र सरकार नहीं दे रही है तो कम से कम अब इन प्रवासी मजदूरों के रोजगार के साधन उपलब्ध हों, इसके लिए विशेष पैकेज की घोषणा करनी चाहिए।"
उन्होंने कहा कि बिहार की आर्थिक स्थिति पहले से ही खराब है। ऐसे में बिहार सरकार के लिए रोजगार सृजन एक बड़ी समस्या है।
कुमार ने कहा, "एक अनुमान के मुताबिक इस कोरोना बंदी के दौरान करीब 20 लाख मजदूर बिहार वापस आने वाले हैं। ऐसे में इनके सामने ना केवल रोजगार की समस्या है बल्कि वे अकुशल मजदूरों की श्रेणी में आते हैं।"
उन्होंने इन मजदूरों को स्वरोजगार के साधन उपलब्ध कराने के लिए इच्छुक लोगों को प्रशिक्षण दिए जाने की भी मांग की है।
कांग्रेस नेता ने नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार इन परिस्थितियों को जानती है, यही कारण है कि इन मजदूरों को वापस लाने के लिए शुरू से ही आनाकानी कर रही है।
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