जमाखोरों और बिचौलियों को सरकार के संरक्षण की वजह से बढ़ रहे प्याज के दाम: कांग्रेस
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, “प्याज के दाम बढ़ने से किसान को कोई फाएदा नहीं होता है। किसान को वही 5 से 8 रुपए प्रति किलो प्याज पर मिलते हैं। जब से 40 रुपए से 100 रुपए किलो प्याज हुआ है, तो पैसा असल में ये बिचौलिए और जमाखोर बना रहे हैं।”
राजधानी दिल्ली में प्याज के दाम 80 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गए हैं और माना जा रहा है कि जल्द ही यह सैकड़ा पार कर जाएंगे। दिवाली के बाद खुदरा बाजारों में 60 रुपये प्रति किलो बिकने वाले प्याज की कीमत में 45 से 50 फीसदी तक की बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है।
प्याज के बढ़ते दामों को लेकर कांग्रेस ने पार्टी मुख्यालय में एक प्रेस कांफ्रेंस की। इस दौरान पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा, “आज देश प्याज के आंसू रो रहा है। ये मैं इसलिए नहीं कह रही हूं क्योंकि एक राजनीतिक मुद्दा है, बल्कि इसलिए कह रही हूं क्योंकि मैं भी एक परिवार चलती हूं। हिंदुस्तान में कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक करीब डेढ़ करोड़ टन प्याज प्रतिवर्ष इस्तेमाल किया जाता है। आज प्याज की कीमतें दो हफ्ते पहले के 40-50 रुपए से 100 रुपए प्रति किलो पार कर गई है।”
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, “अब सरकार क्या कर रही है- अफगानिस्तान से, तुर्की से, ईजिप्ट से, ईरान से प्याज का आयात किया जाएगा, इस ‘आपूर्ति’ की कमी को पूरा करने के लिए अब प्याज हमारे देश में आएगा। लेकिन आंकड़े, विशेषज्ञ और तथ्य ये बताते हैं कि प्याज की आपूर्ति में कहीं पर भी कोई कमी नहीं है।”
महाराष्ट्र में बारिश की वजह से प्याज की जो पैदावार कम होने वाली बातों का खंडन करते हुए सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, “बारिश से प्याज की जो पैदावार होती है, उसमें 5 से 10 प्रतिशत से ज्यादा का अभाव नहीं होता है। प्याज की खपत पर 5 से 10 प्रतिशत से ज्यादा का अभाव नहीं होता है, इसीलिए ये समझना जरुरी है कि ये अभाव हो क्यों रहा है? कीमतें बढ़ क्यों रही हैं? पिछले एक हफ्ते में कीमतें करीब-करीब 45 प्रतिशत बढ़ी हैं। 45 से 50 प्रतिशत कीमत बढ़ना बड़ी बात है, 100 रुपए किलो प्याज होना और भी बड़ी बात है। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि जो जमाखोर हैं, जो बिचौलिए हैं, वो प्याज की जमाखोरी कर रहे हैं, वो प्याज जमा कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “एक आंकड़े के मुताबिक प्याज के दाम बढ़ने से किसान को कोई फाएदा नहीं होता है। किसान को वही 5 से 8 रुपए प्रति किलो प्याज पर मिलते हैं। जो थोक व्यापारी होते हैं, उसको 10 प्रतिशत, 15 प्रतिशत ज्यादा मिलते हैं और जो रिटेल होता है, उसको 20 से 25 प्रतिशत ज्यादा मिलते हैं। जब से 40 रुपए से 100 रुपए किलो प्याज हुआ है, तो पैसा असल में ये बिचौलिए और जमाखोर बना रहे हैं।”
कांग्रेस प्रवक्ता ने सरकार से आग्रह करते हुए कहा, “जो किसान प्याज उगाता है, उनको उसका उचित मूल्य दिलाईए, बिचौलिओं और जमाखोरों, जो कि प्याज की कीमत बढ़ा रहे हैं और 100 रुपए किलो से ज्यादा प्याज बिक रहा है, उनके ऊपर से अपना संरक्षण हटाकर एक कड़ी कार्यवाही करिए।”
इस दौरान सुप्रिया श्रीनेत ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “ऐसा क्यों है कि जब-जब BJP की सरकार आती है, तब-तब ये देश प्याज के आंसू रोता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि कहीं न कहीं बिचौलियों को और जमाखोरों को इस सरकार का, इस पार्टी का संरक्षण प्राप्त है।”
इस दौरान कांग्रेस प्रवक्ता ने दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण, हरियाणा पंजाब में पराली जालाए जाने और महाराष्ट्र में सरकार बनाए जाने जैसे कई दूसरे मुद्दों पर भी पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब दिया। पंजाब में पराली जलाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ राज्य की सरकार को ऐक्शन लेना चाहिए।
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