कांग्रेस सांसद ने PM से पूछा: मोदी को मणिपुर की महिलाओं और बच्चों की चीखें क्यों नहीं सुनाई देती?

आर्थर ने प्रधानमंत्री से यह भी पूछा कि मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को क्यों नहीं बदला गया। उन्होंने आश्चर्य जताया कि शांति लाने के लिए एक व्यक्ति को बदलना इतना मुश्किल क्यों है।

कांग्रेस सांसद अल्फ्रेड आर्थर
कांग्रेस सांसद अल्फ्रेड आर्थर
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नवजीवन डेस्क

कांग्रेस ने अशांत मणिपुर की यात्रा न करने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मंगलवार पर निशाना साधा और कहा कि आखिरकार प्रधानमंत्री को महिलाओं और बच्चों की चीखें क्यों नहीं सुनाई देती हैं, जो अपने घर नहीं लौट पा रहे हैं। पार्टी ने राज्य में शांति कायम करने के लिए मुख्यमंत्री को हटाने की केंद्र से मांग की और सवाल भी किया कि आखिर केंद्र सरकार एक आदमी को क्यों नहीं हटा पा रही है?

मणिपुर बाह्य से कांग्रेस के सांसद अल्फ्रेड आर्थर ने केंद्रीय बजट पर लोकसभा में आगे की चर्चा के दौरान मोदी से हिंसा-प्रभावित राज्य का दौरा करने का अनुरोध करते हुए पूछा, ‘‘आप उन महिलाओं और बच्चों की चीखें क्यों नहीं सुन पा रहे हैं, जो अपने घर तक नहीं जा पा रहे हैं।’’

आर्थर ने कहा कि पिछले 15 महीने से मणिपुर अशांत है और चर्चा में बना हुआ है, लेकिन करीब हर सप्ताह पूर्वोत्तर राज्यों की यात्रा करने वाले केंद्रीय मंत्रियों ने हिंसा के बाद से राज्य की यात्रा नहीं की है।

उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष की ओर से ‘मोदी है तो सब मुमकिन है’ का नारा दिया जाता रहा है, यह सुनने में जरूर अच्छा लगता है, लेकिन मोदी जी के कार्यकाल में (मणिपुर के लोगों के लिए) न्याय कहां हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे परिवार ने देश की आजादी में कुर्बानी दी है लेकिन क्या यही दिन देखने के लिए हमारे परिवार ने कुर्बानी दी थी।’’


आर्थर ने प्रधानमंत्री से यह भी पूछा कि मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को क्यों नहीं बदला गया। उन्होंने आश्चर्य जताया कि शांति लाने के लिए एक व्यक्ति को बदलना इतना मुश्किल क्यों है।

उन्होंने पूछा, ‘‘एक समुदाय कह रहा है कि एक व्यक्ति ने इस संघर्ष की शुरुआत की है। आपके पास मुख्यमंत्री के अलावा 49 और सदस्य हैं। प्रधानमंत्री उन्हें बदल सकते थे। क्या शांति लाने के लिए एक व्यक्ति को बदलना इतना मुश्किल है? यदि आप एक छोटे से राज्य में शांति नहीं ला सकते, तो आप इतने बड़े देश में शांति कैसे बनाए रखेंगे?"

आर्थर ने पूछा, "मेरा राज्य पिछले 15 महीनों से सभी गलत कारणों से खबरों में रहा है। मैंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा सदन के सामने रखे गए बजट को पढ़ा है। मुझे लगता है कि वह यह समझने में विफल हैं कि इस समय मणिपुर सबसे कम प्रति व्यक्ति आय वाला राज्य है और यहां सबसे अधिक मुद्रास्फीति है। आप एक ऐसे राज्य से कैसे उम्मीद कर सकते हैं जो आय में सबसे कम है और सबसे अधिक कीमतें चुका रहा है?"

पिछले 35 वर्षों में राज्य में जातीय संघर्ष और सबसे खराब बाढ़ का हवाला देते हुए उन्होंने वित्त मंत्री पर "जनविरोधी" बजट पेश करने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा, "और वित्त मंत्री एक ऐसा बजट पेश करती हैं जो जन-विरोधी है। महोदया, आपको यह समझने के लिए रॉकेट साइंस की आवश्यकता नहीं है कि लोगों के लिए क्या अनुकूल है और क्या राष्ट्र के हित के खिलाफ है।"

कांग्रेस सांसद ने कहा, "मेरे परिवार ने इस देश को संवारने के लिए खून बहाया है। हम इस देश के साथ विश्वासघात नहीं कर रहे हैं। हम एक समान बजट के हकदार हैं, यह मेरा अधिकार है। मेरे मतदाताओं ने मुझे भाषणों (भाषणों) या इस प्रतिष्ठित सदन के सामने लाए गए काल्पनिक आंकड़ों के बारे में सुनने के लिए नहीं भेजा है।"

यह देखते हुए कि देश व्यक्तियों से बड़ा है, आर्थर ने कहा कि वह विभिन्न जातियों, धर्मों और समुदायों का प्रतिनिधित्व करने वाले अद्भुत दोस्तों के साथ बड़े हुए और पढ़े हैं।

उन्होंने कहा, "मुझे कभी यह कहने की ज़रूरत महसूस नहीं हुई कि मैं ईसाई हूं। मैं कभी यह नहीं बोलना चाहता कि मैं ईसाई हूं या मैं हिंदू या मुसलमान हूं...।"


उन्होंने कहा कि 2014 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के सत्ता में आने के बाद से एक भी सप्ताह ऐसा नहीं बीता जब कोई केंद्रीय मंत्री मणिपुर का दौरा न करता हो। उन्होंने कहा, "तीन मई, 2023 के बाद वे कहां हैं? वर्ष 2023 के बाद मणिपुर में एक भी मंत्री नहीं देखा गया।"

आर्थर ने कहा, "मैं अपने प्रधानमंत्री से पूछना चाहता हूं, उनका सीना 56 इंच का है, वे एक मजबूत प्रधानमंत्री हैं... हमारे अपने नागरिकों को भोजन भी नहीं मिल रहा है, वे शरणार्थी शिविरों में हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अपने मुख्यमंत्री से पूछिए, जो दिन भर केवल हिंसा की बात करते हैं। यह क्या है? क्या यह मेरा देश है? मेरे परिवार ने यह सब देखने के लिए बलिदान नहीं दिया। मेरे परिवार ने इस देश के लिए जो बलिदान दिया है, उसके लिए मुझे न्याय दिलाइए, यह मेरा अधिकार है।"

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री अमित शाह को अपनी राह सुधारनी चाहिए और मणिपुर का दौरा करना चाहिए।

उन्होंने कहा, "हम सभी भारतीय नागरिक हैं। आप मणिपुर क्यों नहीं आना चाहते? हमने 10 साल से आपकी 'मन की बात' सुनी है। क्या आप उन महिलाओं और बच्चों की चीखें नहीं सुन सकते जो अपने घर वापस नहीं जा सकते?"

कांग्रेस के ही कार्ति चिदम्बरम ने वित्त मंत्री किसी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं इसलिए उन्हें जनता की समस्या से कुछ लेना-देना नहीं है।

उन्होंने कहा कि सरकार में करुणा और सहानुभूति नाम की चीज नहीं है और इस बजट को खारिज कर दिया जाना चाहिए।

पार्टी के ही सप्तगिरि शंकर उलाका ने कहा कि उन्हें बिहार और आंध्र को अधिक पैकेज देने से कोई समस्या नहीं है, लेकिन किसी राज्य को यदि विशेष पैकेज मिलना चाहिए तो वह है ओडिशा।

पार्टी के सदस्य एस. सुपोंगमेरेन जमीर ने भी चर्चा में हिस्सा लिया। समाजवादी पार्टी के जियाउर्रहमान ने कहा कि बजट आम जनता के लिए नहीं बल्कि सरकार बचाने वाला बजट है। उन्होंने जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का बजट कम करने को लेकर सरकार की आलोचना की।

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