विकास की रफ्तार गिरने पर कांग्रेस ने कहा- बीजेपी के लिए जीडीपी- गोडसे डिवाइसिव पॉलिटिक्स, जो चरम पर है

जीडीपी के ताजा आंकड़ों पर मोदी सरकार को घेरते हुए कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि देश की विकास दर साढ़े 6 साल के निचले स्तर 4.5% पर पहुंच गई है। लेकिन फिर भी बीजेपी जश्न में है, क्योंकि उसके लिए जीडीपी का अर्थ गोडसे डिवाइसिव पॉलिटिक्स है, जो चरम पर है।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

देश के आर्थिक मंदी की चपेट में होने के स्पष्ट संकेत देने वाले ताजा जीडीपी आंकड़े चिंता पैदा करते हैं। शुक्रवार को भारत सरकार की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार साल की दूसरी तिमाही में देश की विकास दर लुढ़क कर 4.5 फीसद पर पहुंच गई है, जो साढ़े 6 साल में सबसे निचला स्तर है। लगातार देश में जारी आर्थिक संकट से इनकार करती रही मोदी सरकार और उसके मंत्रियों के लिए ये आंकड़े आंखें खोलने वाले हैं। आज के आंकड़ों ने विपक्ष की उन चिंताओं को भी सच साबित कर दिया है जिसमें लगातार देश की अर्थव्यवस्था के खराब होने की बात कही जा रही थी।

जीडीपी के ताजा आंकड़ों पर कांग्रेस ने मोदी सरकार आर्थिक दृष्टि पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस मीडिया सेल के इंचार्ज रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि जीडीपी के आज जारी आंकड़ों ने साबित कर दिया है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने अर्थव्यवस्था का बंटाधार कर दिया है। उन्होंने कहा, “बीजेपी की आर्थिक सोच के दिवालियापन का नतीजा है कि दूसरी तिमाही में जीडीपी 6 साल के नीचले स्तर साढ़े चार प्रतिशत पर पहुंच गई है, क्योंकि बीजेपी के लिए अब जीडीपी का अर्थ ‘गोडसे डिवाइसिव पॉलिटिक्स’ हो गया है, जिसकी ग्रोथ लगातार बढ़ रही है और इसीलिए लगता है कि वो जश्न मना रहे हैं।”

कांग्रेस नेता ने कहा कि भले बीजेपी मानती हो, लेकिन जीडीपी ‘गोडसे डिवाइसिव पॉलिटिक्स’ नहीं हो सकती है। जीडीपी इस देश के किसान, इस देश के नौजवान, इस देश के दुकानदार और व्यापारी की तरक्की का मापदंड है, जिस पर ये सरकार औंधे मुंह गिरी है। आर्थिक मंदी, डूबते हुए व्यापार, जाते हुए रोजगार ने धीरे-धीरे इस देश को आज बर्बादी की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है और उसके लिए अगर कोई जिम्मेवार है, तो वो मोदी सरकार है। उन्होंने कहा, “समय आ गया है कि अब इन ताजा आंकड़ों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद सामने आएं और फेल्ड ‘मोदीनॉमिक्स’ और ‘पकौड़ा नॉमिक्स’ जो वो इस देश में 6 साल से बेच रहे हैं, उस पर अपना स्पष्टीकरण भी दें और देश को आगे का रास्ता भी बताएं।”


रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि जीडीपी की ग्रोथ साढ़े 7 प्रतिशत से साढ़े चार प्रतिशत आ जाना दर्शाता है कि देश में नौजवानों के लिए रोजगार नहीं, किसानों के लिए फसल की कीमत नहीं, व्यापार नहीं, निर्यात नहीं, किसी प्रकार का नया उद्योग और धंधा नहीं है। खपत जो है वो आज पिछले 30 साल में सबसे औंधे मुंह पर है, निवेश 16 साल में सबसे निचले पायदान पर है, कोर सेक्टर ग्रोथ 8 साल में सबसे निचले स्तर पर है। आज पूरा देश और देश के लोग गरीबी के एक ऐसे संकट में फंस गए हैं, जिससे निकलने का रास्ता नजर नहीं आता, पर मोदी सरकार है कि मानती ही नहीं!

मोदी सरकार में आर्थिक बदहाली की वजह बताते हुए सुरजेवाला ने काह कि सब ठीक-ठाक नहीं है, बल्कि सबकुछ गलत है और वो इसलिए है कि सरकार की आर्थिक नीतियों के दिवालिएपन ने देश की अर्थव्यवस्था का बंटाधार कर दिया है। उन्होंने कहा कि जब तक ये सरकार अपनी विभाजनकारी नीतियों को छोड़कर देश की अर्थव्यवस्था पर सार्थक ध्यान नहीं देगी, तब तक सुधार नहीं आएगा। केवल 1,45,000 करोड़ के टैक्स पर बड़ी-बड़ी कंपनियों को छूट देने से देश की अर्थव्यवस्था नहीं सुधर जाएगी, क्योंकि बीजेपी और मोदी जी को जानना चाहिए कि यह देश अपने 125 करोड़ लोगों से जीवंत है, ना कि मुट्ठी भर उद्योगपतियों से जिनके मुनाफे के लिए ये सरकार काम कर रही है।

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Published: 29 Nov 2019, 10:49 PM