कांग्रेस ने बैंक डिफाल्टरों पर कार्रवाई को झूठ बताकर निर्मला सीतारमण पर साधा निशाना, पूछे ये चार सवाल
रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि वित्त मंत्री जैसे बड़े पद पर बैठ कर झूठ बोलना और भटकाना तो और बड़ा पाप है। वहीं पी. चिदंबरम ने इस मामले में निर्मला सीतारमण पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि वे टेक्निकल रूल के पीछे क्यों छिप रही हैं।
देश के बैंकों ने 50 विलफुट डिफाल्टरों का 68,000 करोड़ से ज्यादा का कर्ज माफ करने को लेकर सियासत गरमा गई है। कांग्रेस द्वारा प्रधानमंत्री से पूछे गए सवाल के बचाव में अब वित्त मंत्री का बयान सामने आया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि सरकार ने अब तक विजय माल्या, नीरव मोदी जैसे डिफाल्टरों पर क्या कार्रवाई की है। जिसके बाद कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने वित्त मंत्री की सफाई को झूठ बताते हुए उनसे चार सवालों का जवाब मांगा है।
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कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्विटर पर कुछ दस्तावेज पोस्ट करते हुए लिखा कि वित्त मंत्री जैसे बड़े पद पर बैठ कर झूठ बोलना और भटकाना तो और बड़ा पाप है। वित्त मंत्री ने कहा कि मोदी-चोकसी-माल्या से 2780.50 करोड़ रुपये जब्त किए गए, लेकिन वित्त मंत्रालय ने संसद में 16 मार्च 2020 को बताया था कि 5 साल में PMLA और FEMA के तहत ED ने केवल 96.93 रुपये जब्त किए हैं। इसके साथ ही उन्होंने वित्त मंत्री से चार सवाल पूछे।
वहीं वरिष्ठ कांग्रेस नेता चिदंबरम ने इस मामले में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि वे टेक्निकल रूल के पीछे क्यों छिप रही हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा इस मामले में दिए गए स्पष्टीकरण पर टिप्पणी करते हुए चिदंबरम ने कहा, 'मैंने संसद में पूछा था कि 2004 से पहले, 2004 से 2014 तक के और 2014 के बाद के नॉन प्रोफिटेबल असेट यानी NPA का ब्रेकअप सरकार क्यों नहीं दे रहीं।'
पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री चिदंबरम ने कहा कि यह ब्रेकअप मिले तो ही यह अंदाज़ा लगेगा कि इस दौरान कितने लोन दिए गए? वित्त मंत्री सिर्फ़ यह कहती रहती हैं कि सारे लोन पूर्ववर्ती यूनाइटेड प्रोग्रेसिव अलायंस (UPA) सरकार के दौरान दिए गए।RBI का वह नियम उन विल्फुल डिफ़ॉल्टर पर क्यों लागू किया जा रहा जो भगोड़े घोषित किए जा चुके हैं।यह नियम दूसरी कैटेगरी के डिफ़ॉल्टर पर भी लागू हो सकता है, लेकिन भगोड़ों पर क्यों? वित्त मंत्री एक तकनीकी बात कह रही हैं पर सवाल एक बड़े आयाम का है।भगोड़ों पर वो नियम लागू क्यों हो रहा है जो हज़ारों करोड़ का क़र्ज़ लेकर भाग चुके हैं।वित्त मंत्री टेक्निकल रूल के पीछे क्यों छिप रही हैं।यह नियम उन नार्मल डिफ़ॉल्टर पर लागू हो सकता है जिनकी संपत्ति से यहां पर रिकवरी हो सकती है।
ये है कांग्रेस का सवाल
- मोदी सरकार ने 2014-15 से 2019-20 के बीच डिफाल्टरों का 6,66,000 करोड़ रुपये का कर्ज क्यों राइट ऑफ किया?
- क्या 95 डिफाल्टरों का 68,607 करोड़ रुपये कर्ज माफ करने का RBI का RTI जबाब सही है?
- मोदी सरकार देश का पैसा ले कर भाग गए घोटालेबाजों - नीरव मोदी, मेहुल चोकसी(₹8,048 CR), जतिन मेहता (₹6,038 CR), माल्या(₹1,943 CR) व अन्य मित्रों का कर्ज क्यों राइट ऑफ कर रही है?
- इतने बड़े 6,66,000 करोड़ के बैंक कर्ज राइट ऑफ की अनुमति सरकार में किसने दी और क्यों?
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