केजरीवाल को लोगों की समस्याओं से कोई सरोकार नहीं, विधायकों के विकास में लगे हैं सीएम: अनिल चौधरी
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अनिल चौधरी ने कहा कि, अरविंद केजरीवाल को दिल्ली के विकास और दिल्लीवालों के जीवन स्तर को उचा उठाने में कोई सरोकार नहीं है।
दिल्ली विधानसभा ने सोमवार को अपने सदस्यों के वेतन और भत्ते में 66 फीसदी से अधिक की वृद्धि से संबंधित विधेयक पारित किए, जिसपर कांग्रेस ने आप पर निशाना साधा है। पार्टी की दिल्ली इकाई ने कहा, राजधानी में मौजूदा समस्याओं सहित महंगाई झेल रहे दिल्लीवासियों की परेशानियों को नजरअंदाज कर मुख्यमंत्री ने दो दिवसीय विधानसभा का मानसून सत्र सिर्फ विधायकों का वेतन बढ़ाने के लिए रखा है।
कांग्रेस ने मांग उठाई है कि, सीएम विधानसभा सत्र में महंगाई, दिल्ली में बिगड़ते आर्थिक संतुलन, कोविड संक्रमण दर में बढ़ोत्तरी, बेरोजगारी, मानसून में जल-जमाव जैसे ज्वलंत मुद्दो सहित दिल्लीवालों की समस्याओं पर चर्चा हो और दिल्ली के हर गली-मौहल्ले और कोने पर खोली गई शराब की दुकानों के बाद दिल्ली में जो सामाजिक माहौल बिगड़ रहा है उस पर विधानसभा में भी चर्चा हो।
दरअसल देश में दिल्ली के विधायकों की सबसे कम तनख्वाह है, पिछले करीब 11 साल से दिल्ली के विधायकों को 12,000 रुपए वेतन मिलता था, जिसे बढ़ाकर एक बार 30,000 रुपए किया गया था। भत्ते सहित अब इस वेतन को 90,000 रुपए किया गया है।
इसपर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अनिल चौधरी ने कहा कि, अरविंद केजरीवाल को दिल्ली के विकास और दिल्लीवालों के जीवन स्तर को उचा उठाने में कोई सरोकार नहीं है। सत्र के पहले दिन विधायक वेतन बढ़ोतरी संबधित बिल प्रस्ताव रखा जिसमें मंत्रियों, विधायकों, चीफ व्हीप, स्पीकर, डिप्टी स्पीकर और विपक्ष के नेता के वेतन बढ़ोत्तरी पर निर्णय लिया गया। वहीं अरविन्द केजरीवाल पहले ऐसे मुख्यमंत्री है जिनके पास कोई विभाग नहीं है।
कांग्रेस के मुताबिक, पिछले 8 वर्षों से प्रयासरत आम आदमी पार्टी ने भाजपा के साथ मिलीभगत करके दिल्ली के विधायकों का 66 प्रतिशत वेतन बढ़ाने में कामयाब हो गए हैं, जिसे विधानसभा सत्र में सिर्फ औपचारिकताओं के साथ मुहर लगानी है।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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