CM बघेल ने गिनाए पीएम केयर फंड में चीनी कंपनियों से मिला दान,बोले-इसे गुप्त तरीके से PM कर रहे संचालित

छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने केंद्र की मोदी सरकार पर सख्त लहजे में हमला बोला है। भूपेश बघेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए पीएम केयर फंड पर सवाल उठाया है। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा है कि कोई नहीं जानता कि यह कैसे चलाया जाता है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

पीएम केयर फंड में गड़बड़ी को लेकर इन दिनों प्रधानमंत्री से लगातार विपक्ष की ओर से सवाल किया जा रहा है। कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी के बाद अब छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने केंद्र की मोदी सरकार पर सख्त लहजे में हमला बोला है। भूपेश बघेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए पीएम केयर फंड पर सवाल उठाया है। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा है कि कोई नहीं जानता कि यह कैसे चलाया जाता है।

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सीएम भूपेश बघेल ने आगे कहा है कि पीएम केयर फंड पूरी तरह से प्रधानमंत्री द्वारा गुप्त तरीके से संचालित है। भारत-चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर बघेल ने कहा कि आज के हालात से पहले चीन का दौरा कई बार किया गया, लेकिन अपने देश में वहां से कोई निवेश नहीं आया। सीएम बघेल ने आरोप लगाया कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और पीएम मोदी ने कई बार चीन की यात्रा की है, लेकिन एक पैसे का निवेश अपने देश में नहीं हुआ। बघेल ने आगे कहा कि सिर्फ पीएम नहीं कई प्रदेश के मुख्यमंत्रियों ने चीन का दौरा किया, पर अपने देश को इससे कोई फायदा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि गुजरात से लेकर छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भी चीन गए थे। पर असल बात तो यह है कि अगर कोई निवेश वहां से नहीं आया तो ऐसे दौरे का मतलब क्या?

सीएम बघेल ने भी ये आरोप लगाया कि पीएम केयर फंड में कई चीनी कंपनियां अपना योगदान दे रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा-रिपोर्ट बताती है कि 20 मई, 2020 तक पीएम केयर्स फंड में 9 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि प्राप्त हुई है। चौंकाने वाली बात यह है कि चीनी सीमा के भारतीय सीमा में घसपैठ के बावजूद भी चीनी कंपनियों के फंड से पैसा प्राप्त हुआ है। प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए कि 2013 से स्पेस शत्रुता के बावजूद उन्होंने चीनी कंपनियों से धन क्यों प्राप्त किया।

हुवेई

बघेल ने कहा- प्रधानमंत्री को बताना चाहिए कि चीन की हुवेई कंपनी ने विवादित फंड (पीएम केयर्स) में सात हजार करोड़ रुपए उपलब्ध कराए हैं और क्या इसका सीधा संबंधी चीनी सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी से है।

टिक टॉक, पेटीएम

प्रधानमंत्री को बताना चाहिए कि क्या टिक टॉक ने 30 हजार करोड़ रुपए दिए है। क्या 38 प्रतिशत चीनी स्वामित्व वाली कंपनी पेटीएम ने 100 करोड़ का दान दिया है।

एमआई, ओपो

क्या चीनी कंपनी एमआई ने विवादित कोष में 15 करोड़ रुपए दिए हैं। क्या चीनी कंपनी ओपो ने इस कोष में एक करोड़ का डोनेशन दिया है।

सीएम ने पूछा क्या पीएम मोदी ने एनआरएफ में प्राप्त राशि को पीएम केयर्स फंड में डायवर्ट कर दिया है। और कितने सौ करोड़ डायवर्ट कर दिया गया है। यदि भारत के प्रधानमंत्री विवादास्पद व पारदर्शिता से रहित कोष में चीनी कंपनियों से मिले सैकड़ों करोड़ के दान को स्वीकार कर अपनी स्थिति से समझौता करेंगे तो वह चीन के अतिक्रमण से देश की रक्षा कैसे करेंगे। प्रधानमंत्री को इसका जवाब देना होगा।

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