नागरिक कानून के विरोध में फिर सड़क पर उतरीं ममता बनर्जी, दिया नारा- ‘No CAA, No NRC in Bengal’
ममता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि, ‘उपद्रवियों की पहचान उनके पहनावे के आधार पर नहीं की जा सकती।’ बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड में एक रैली में कहा था कि आग लगाने वालों का पता उनके कपड़ों से चल जाता है।
संशोधित नागरिकता कानून पर पश्चिम बंगाल में जारी हिंसा और आगजनी की घटनाओं को ‘छिटपुट घटनाएं’ बताते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि संसद में BJP के पास संख्या बल है तो इसका यह मतलब नहीं है कि वह राज्यों पर कानून लागू करने का दबाव बनायेगी।
ममता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि, ‘उपद्रवियों की पहचान उनके पहनावे के आधार पर नहीं की जा सकती।’ बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड में एक रैली में कहा था कि आग लगाने वालों का पता उनके कपड़ों से चल जाता है। तृणमूल प्रमूख ने दावा किया कि केंद्र ने राज्य में हिंसा की ‘एक-दो मामूली घटनाओं’ के बाद राज्य में रेल सेवाएं बंद कर दीं।
संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में एक प्रदर्शन रैली में ममता ने कहा, ‘महज एक या दो छोटी घटनाएं होने पर केंद्र ने बंगाल में रेल सेवा बंद कर दी। रेलवे की संपत्ति की रक्षा करना रेलवे सुरक्षा बल के अधिकारियों का काम है, फिर भी उन्हें हमने मदद दी। हमने (परेशानी खड़ी करने वाले) 600 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। हम रेलवे और केंद्र सरकार से सेवाएं बहाल करने का अनुरोध करते हैं।’ ममता बनर्जी ने मंगलवार को नागरिकता कानून के विरोध में यादवपुर बस स्टैंड से भवानीपुर स्थित जादूबाबू बाजार तक करीब 6.5 किमी तक रैली का नेतृत्व किया। रैली के दौरान, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, 'हमारा नारा है- No NRC No CAB in Bengal।'
मुख्यमंत्री ने कहा कि संशोधित कानून के खिलाफ हिंसा से प्रदर्शन का उद्देश्य खत्म हो जायेगा। उन्होंने कहा, ‘हिंसा और आगजनी बर्दाश्त नहीं की जायेगी। दोषियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई करेगी। हिंसा से प्रदर्शन का उद्देश्य ही खत्म हो जायेगा।’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के छात्रों का जो उत्पीड़न किया गया हम उसकी निंदा करते हैं, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।’
उन्होंने बीजेपी पर देश में हिंसा भड़काने का आरोप लगाया और कहा कि संशोधित नागरिकता कानून संसद से जल्दबाजी में पारित करवाया गया। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने विपक्षी दलों को संशोधित नागरिकता कानून पर विचार-विमर्श करने का वक्त ही नहीं दिया, इसे जल्दबाजी में पारित करवाया।
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