चीन की चालाकी: समझौते की वजह से नहीं बल्कि इस कारण गलवान घाटी से पीछे हटी चीनी सेना?
सूत्रों ने कहा कि गलवान घाटी में बर्फ पिघलने के कारण गलवान नदी का जल स्तर अचानक बढ़ गया है, जिसकी वजह से चीन इस क्षेत्र से पीछे हटने को मजबूर हुआ हो। भारतीय सेना द्वारा कथित रूप से चीनी गतिविधि को सत्यापित करने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है
चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिक पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 और 15 से करीब 2 किलोमीटर पीछे हट गए हैं, जबकि हॉट स्प्रिंग्स में पीछे हटने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। सेना के पीछे हटने की प्रक्रिया दो महीने तक चले सैन्य गतिरोध के बाद शुरू हुई है और यह 'कोर कमांडरों की बैठक में सहमत शर्तों के अनुसार' हो रही है।
सूत्रों ने कहा कि चीनी सैनिकों ने गलवान घाटी में पेट्रोलिंग पॉइंट 14 और पेट्रोलिंग पॉइंट 15 पर से टेंट और अन्य संरचनाएं हटा दी हैं। गौरतलब है कि 15 जून को पेट्रेलिंग पॉइंट 14 पर भारतीय सेना के जवानों और चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में 10 भारतीय जवान शहीद हो गए थे, जबकि अज्ञात संख्या में चीनी सैनिक भी मारे गए थे। कोर कमांडरों के बीच हुए समझौते के अनुसार, इन क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा के दोनों ओर कम से कम 1.5 किलोमीटर का एक बफर जोन बनाया जाना है।
सूत्रों ने कहा कि गलवान घाटी में बर्फ पिघलने के कारण गलवान नदी का जल स्तर अचानक बढ़ गया है, जिसकी वजह से चीन इस क्षेत्र से पीछे हटने को मजबूर हुआ हो। भारतीय सेना द्वारा कथित रूप से चीनी गतिविधि को सत्यापित करने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है, क्योंकि गलवान नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण फिजिकल वेरिफिकेशन में बाधा उत्पन्न हुई है।
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: 08 Jul 2020, 7:00 PM