कावेरी जल विवादः तमिलनाडु में बंद का व्यापक असर, आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित
कावेरी नदी जल बंटवारे को लेकर तमिलानाडु में डीएमके द्वारा बुलाए गए बंद का व्यापक असर देखा गया। चेन्नई में डीएमके नेता स्टालीन ने कांग्रेस समेत अन्य कई दलों के नेताओं के साथ जुलूस का नेतृत्व किया।
कावेरी प्रबंधन बोर्ड (सीएमबी) स्थापित करने में केंद्र सरकार की विफलता को लेकर द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (डीएमके) की अगुवाई में 5 अप्रैल को तमिलनाडु बंद के कारण राज्य में सामान्य जीवन बेपटरी हो गया। राज्य में बंद के लिए डीएमके नेता एमके स्टालिन भी चेन्नई में सड़क पर उतरे। उन्होंने अन्ना सालई से मरीना बीच तक अपनी पार्टी और सहयोगी पार्टियों के सदस्यों के साथ एक विशाल जुलूस का नेतृत्व किया जिससे शहर का यातायात बाधित हो गया।
स्टालीन के साथ तमिलनाडु कांग्रेस नेता एस थिरुनावुक्करसर भी जुलूस में मौजूद थे। पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने से पहले स्टालिन ने कहा कि तमिलनाडु बंद सफल रहा है। उन्होंने हड़ताल में सहयोग देने के लिए सभी लोगों को धन्यवाद दिया।
राज्य भर में डीएमके, कांग्रेस, सीपीएम, एमडीएमके, वीसीके से जुड़े सैकड़ों प्रदर्शनकारियों और किसानों को भी पुलिस हिरासत में ले लिया गया।
बंद के दौरान चेन्नई में सड़कों पर कुछ ही सरकारी बसें नजर आईं। वहीं ऑटोरिक्शा भी सड़कों से नदारद रहे। हालांकि रेडियो टैक्सी सेवाएं मौजूद थीं। दक्षिणी रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि उपनगरीय और लंबी दूरी की रेल सेवाएं सामान्य रूप से संचालित की जा रही हैं। सालेम और तिरूनेलवेली में रेलवे लाइन बाधित कर विरोध प्रदर्शन किया गया। तिरूनेलवेली में डीएमके कार्यकर्ताओं ने एक यात्री ट्रेन के सामने विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान 150 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया।
दक्षिणी रेलवे के एक अधिकारी ने कहा कि तिरुनेलवेली विरोध प्रदर्शन के कारण चेन्नई जा रही गुरुवयूर एक्सप्रेस और त्रिवेंद्रम जा रही अनंतपुरी एक्सप्रेस के परिचालन में देरी हुई। तिरुप्पुर में हड़ताल के समर्थन में सभी कारखाने बंद रहे। हालांकि, बंद के दौरान पेट्रोल पंप खुले रहे और दूध की आपूर्ति भी प्रभावित नहीं हुई।
अब तक मिली रिपोर्ट के अनुसार, ईरोड, नागापट्टिनम, तंजावुर, तिरुवरूर, शिवगंगा, रामनाथपुरम में दुकानें बंद हैं। पुडुचेरी में भी बंद से परिवहन सेवाएं प्रभावित हुई हैं। पुडुचेरी में तमिलनाडु राज्य परिवहन निगम की तीन बसों में तोड़फोड़ की गई।
सर्वोच्च न्यायालय ने 16 फरवरी को कावेरी जल में तमिलनाडु का हिस्सा घटाकर 177.25 अरब घनफुट (टीएमसी) कर दिया था जो 2007 में एक अधिकरण की ओर से आवंटित 192 अरब घनफुट से कम है। वहीं, कर्नाटक का हिस्सा 14.75 अरब घनफुट बढ़ा दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट के16 फरवरी के आदेश के तहत केंद्र सरकार 6 सप्ताह के भीतर सीएमबी का गठन करने से विफल रही है। इसकी समय सीमा 29 मार्च को समाप्त हो गई है।
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