मध्य प्रदेश में जारी रहेगा मिलावटखोरों के खिलाफ अभियान: कमलनाथ
CM कमलनाथ ने कहा है, “FSSAI की राष्ट्रीय दूध गुणवत्ता सर्वे- 2018 की रिपोर्ट बेहद गंभीर व चिंतनीय है। देश भर में दूध में मिलावट के आंकड़े चौकने वाले हैं। मिलावटखोर समाज व मानवता के दुश्मन हैं, इन्हें कतई बख्शा नहीं जाना चाहिए।”
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) की रिपोर्ट में दूध में मिलावट का बड़ा खुलासा होने के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने तय किया है कि वह इस रिपोर्ट का अध्ययन तो करेगी ही, साथ ही राज्य में मिलावट खोरों के खिलाफ अभियान जारी रहेगा। FSSAI की अभी हाल ही में जारी की गई रिपोर्ट बताती है कि, दूध में मिलावट की समस्या तो है ही, गंभीर मुद्दा दूध के प्रदूषित होने का है। नियामक के अध्ययन में कहा गया कि दूध में एलाटोक्सिन-एम वन, एंटीबायोटिक्स और कीटनाशक जैसे पदार्थ पाए गए हैं और ये प्रसंस्कृत दूध में अधिक पाए गए हैं।
FSSAI की रिपोर्ट को मध्य प्रदेश सरकार ने गंभीरता से लिया है, राज्य में भी बड़े पैमाने पर मिलावटी दूध और उत्पाद के कई मामले सामने आ चुके हैं।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि, "FSSAI की राष्ट्रीय दूध गुणवत्ता सर्वे- 2018 की रिपोर्ट बेहद गंभीर व चिंतनीय है। देश भर में दूध में मिलावट के आंकड़े चौकने वाले हैं। देश में मिलावट का जहर स्वस्थ समाज व मानवता को नष्ट कर रहा है। मिलावटखोर समाज व मानवता के दुश्मन हैं, इन्हें कतई बख्शा नहीं जाना चाहिए।"
कमलनाथ ने आगे कहा, "हम इस रिपोर्ट का व्यापक अध्ययन करेंगे और प्रदेश में मिलावट को लेकर हम पूर्व से ही 'शुद्घ को लेकर युद्ध' अभियान चला ही रहे हैं। दोषियों पर प्रतिदिन कड़ी कार्यवाही कर रहे हैं। वर्षो से फैले मिलावट के इस जहर को नेस्तनाबूद करने को लेकर व्यापक अभियान सरकार पूर्व से ही निरंतर चला रही है। इस अभियान में और तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं।"
उन्होंने मिलावट खोरों के खिलाफ अभियान जारी रखने का भरोसा दिलाते हुए कहा, "मिलावटखोरों के खिलाफ अभियान सतत जारी रहेगा, कितना भी बड़ा शख्स हो, मिलावट करने पर उसे बख्शा नहीं जाएगा। जनता के स्वास्थ्य की रक्षा हमारा प्रमुख ध्येय है और हम इसको लेकर वचनबद्घ हैं।"
ज्ञात हो कि, राज्य में 19 जुलाई से मिलावट खोरों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। मिलावटी खाद्य पदार्थ निर्माताओं और विक्रेताओं के खिलाफ चलाए जा रहे 'शुद्घ के लिये युद्घ' अभियान में अब तक 31 कारोबारियों के विरुद्घ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की गई है। इसके अलावा 87 मामलों में FIR दर्ज की गई है। अभियान पूरे प्रदेश में निरंतर जारी है।
आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि, अभियान के अन्तर्गत अब तक दूध, दुग्ध उत्पादों और अन्य खाद्य पदार्थों तथा पान मसाला सहित कुल 6,463 नमूने जांच के लिए एकत्रित किए गए। राज्य खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला ने 1,484 नमूनों के जांच प्रतिवेदन जारी किए हैं। इसमें से 491 नमूने अमानक, 112 नमूने मिथ्या छाप, 29 नमूने अपदृव्य, 27 नमूने असुरक्षित, 803 नमूने मानक स्तर और 22 नमूने प्रतिबंधित स्तर के घोषित किए गए हैं।
(आईएएनएस इनपुट के साथ)
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