योगी ‘राज’ में जय श्री राम कहा तो ठीक, अल्लाहु अकबर कहने पर पिटाई और धार्मिक भावनाएं भड़काने का मुकदमा
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में नगर निगम के पार्षद मुशर्रफ हुसैन के साथ बीजेपी नेताओं ने उर्दू में शपथ लेने की वजह से मारपीट की। पुलिस ने उलटे बीएसपी के पार्षद के खिलाफ केस दर्ज कर लिया।
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में नगर निगम के पार्षद का उर्दू में शपथ लेना उनके लिए मुसीबत का सबब बन गया। इस पूरे मामले में हैरानी की बात यह है कि उन बीजेपी नेताओं के खिलाफ पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की, जिन्होंने पार्षद मुशर्रफ हुसैन के साथ उर्दू में शपथ लेने की वजह से मारपीट की थी। उलटे पुलिस ने बीएसपी के पार्षद मुशर्रफ हुसैन के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। मारपीट के बाद पीड़ित पार्षद मुशर्रफ हुसैन ने पुलिस में शिकायत भी की थी। इस दौरान मौके पर मौजूद एसएसपी राजेश पांडेय ने कड़ी मशक्कत के बाद पार्षद मुशर्रफ हुसैन को बचाया था।
इस पूरे मामले में एसएसपी राजेश पांडेय का कहना है कि पार्षद मुशर्रफ हुसैन के खिलाफ उर्दू में शपथ लेने के लिए केस दर्ज नहीं किया गया है, बल्कि धार्मिक भवनाएं भड़काने, हंगामा करने और राजकार्य में बाधा डालने के लिए केस दर्ज किया गया है। एसएसपी ने कहा कि पूरे मामले की जांच हो रही है, जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
पीड़ित पार्षद मुशर्रफ हुसैन का कहना है कि मुझसे पहले दूसरे पार्षदों ने अपने-अपने तरीके से शपथ ली। उन्होंने कहा, “शपथ लेने के दौरान कई पार्षदों ने जय श्री राम के नारे लगाए। मैंने अल्लाहु अकबर का नारा लगा दिया, जिसके बाद बीजेपी के नेता हिंसा करने लगे।” खबरों के मुताबिक, यह पूरा मामला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंच गया है। बीजेपी विधायक संजीव राजा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर अलीगढ़ में हुए निकाय चुनाव में हार के लिए अफसरों को जिम्मेदार ठहराया है। अलीगढ़ में हाल ही में हुए निकाय चुनाव में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था और यहां बीएसपी ने जीत हासिल की थी। बीएसपी के मोहम्मद फुरकान यहां के मेयर चुने गए हैं।
अलीगढ़ में ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि किसी पार्षद ने उर्दू में शपथ ली हो। 2013 में ही सपा से जीतकर पार्षद बने बाबा फरीद ने भी उर्दू में शपथ ली थी। निकाय चुनाव में जीतने के बाद सहारनपुर में भी मंसूर बदर नाम के एक पार्षद ने उर्दू में शपथ ली है। उन्हें यह शपथ मेयर संजीव वालिया ने दिलाई। उनका विरोध हुआ, लेकिन मंसूर बदर नहीं माने और उन्होंने उर्दू में शपथ ली। साथ ही मंच से उर्दू का पत्र लहराकर भी दिखाया। सहारनपुर में मंसूर बदर के अलावा हाजी गुलशेर (शेर), मुमताज परवीन, रिजवान जोगी, शाहिद कुरैशी, इमरान सैफी, नौशाद राव, शहजाद चौधरी, नौशाद राजा सहित कई पार्षदों ने उर्दू में शपथ ली।
पार्षद मुशर्रफ हुसैन के साथ हुई मारपीट के बाद बीएसपी के नेता गुस्से में है। बीएसपी के पूर्व विधायक हाजी जमीरउल्लाह ने ये सवाल उठाया कि आखिर पार्षद मुशर्रफ हुसैन की सरेआम पिटाई करने वाले बीजेपी नेताओं के खिलाफ प्रशासन ने केस दर्ज क्यों नहीं किया? वहीं पार्षद मुशर्रफ हुसैन के समर्थकों का कहना है कि हार की हताशा में बीजेपी के लोग बौखला गए थे, और यही वजह है कि उन लोगों ने मुशर्रफ हुसैन के साथ ऐसा सलूक किया।
उर्दू में ली गई शपथ पर वकील सज्जाद हुसैन और चंद्रशेखर दीक्षित ने कहा कि किसी भी क्षेत्रीय भाषा में शपथ ली जा सकती है। उर्दू को प्रदेश में दूसरी राज भाषा का दर्जा है, इसलिए उर्दू में शपथ लेना कोई गैरकानूनी बात नहीं है।
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Published: 15 Dec 2017, 7:51 PM