गौरी की हत्या में बयान देने पर बीजेपी का इतिहासकार रामचंद्र गुहा को कानूनी नोटिस
रामचंद्र गुहा ने इशारों इशारों में कहा था कि गौरी लंकेश की हत्या में दक्षिणपंथी हिंदुत्ववादी तत्वों का हाथ होने की संभावना है।
पत्रकार-एक्टिविस्ट गौरी लंकेश की हत्या को अभी लोग भूले भी नहीं हैं कि देश का बुद्धिजीवी वर्ग दक्षिणपंथियों के निशाने पर आ गया है। कर्नाटक के बीजेपी युवा मोर्चा ने इतिहासकार और बुद्धिजीवी रामचंद्र गुहा को कानूनी नोटिस भेजा है। उन्हें इस बात के लिए नोटिस भेजा गया है कि उन्होंने इशारों इशारों में कहा था कि पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या में आरएसएस और कुछ हिंदुत्ववादी पार्टियों का हाथ हो सकता है।
गुहा ने कहा था कि, “इस बात की पूरी संभावना है कि गौरी लंकेश के हत्यारे भी उसी संघ परिवार से आए हों, जिन्होंने पंसारे, दाभोलकर और कलबुर्गी की हत्या की थी।” उन्होंने तार्किक विचारकों की लगातार हो रही हत्याओँ के संदर्भ में यह बात कही थी। इन सभी हत्याओं में दक्षिणपंथी तत्वों के शामिल होने का शक है।
गुहा को जो कानूनी नोटिस भेजा गया है उसमें कहा गया है कि:
हमारे क्लाइंट के खिलाफ आपके जानबूझकर, झूठे और सोचे-समझे बयानों के कारण हमारे क्लाइंट के हजारों सदस्यों और समर्थकों के मन में जबरदस्त गुस्सा है। आपके आधारहीन आरोप इस मंशा से लगाए गए हैं ताकि कथित घटना में हो रही जांच को प्रभावित और भ्रमित किया जा सके। आपका यह कृत्य एक गंभीर अपराध है और इसके लिए कानूनी कार्यवाही होगी।
नोटिस में कहा गया है कि इस पूरे मुद्दे पर रामचंद्र गुहा बीजेपी और आरएसएस को अगले तीन दिनों के भीतर तत्काल एक माफीनामा जारी कर इस आधारहीन, झूठे और बदनाम करने वाले आरोपों को वापस लें। नोटिस में चेतावनी दी गयी है कि, “अगर आपने नोटिस में दिए गए निर्देशों का पालन नहीं किया तो हमारा मुवक्किल आपके खिलाफ सिविल और आपराधिक कानूनी कार्यवाही करने के लिए बाध्य हो, और इसके नतीजों और कीमत के आप स्वंय जिम्मेदार होंगे।”
इस बीच रामचंद्र गुहा ने इस नोटिस को मिलने के बाद कई ट्वीट के जरिए अपनी बात सामने रखी है। उन्होंने उस लेख का जिक्र भी किया है जिसके लिए उन्हें नोटिस भेजा गया है।
रामचंद्र गुहा ने अपने एक ट्वीट में याद दिलाया है कि किस तरह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी कहते थे कि किसी पुस्तक का जवाब एक नई पुस्तक ही हो सकती है और कुछ नहीं।
उन्होंने यह भी कहा है कि आज भारत में लेखकों, पत्रकारों, बुद्धिजीवियों को धमकाया जा रहा है, लेकिन ऐसी धमकियों से वे डरने वाले नहीं हैं।
रामचंद्र गुहा उन लोगों में हैं जिन्होंने गौरी लंकेश की हत्या और कर्नाटक में शिक्षाविद् और तार्किक विचारक एम एम कलबुर्गी, महाराष्ट्र में वाम विचारक गोविंद पंसारे और महाराष्ट्र में ही तर्कशास्त्री नरेंद्र दाभोलकर की हत्याओं में एकरूपता का मुद्दा उठाया था। इन तीनों ही बुद्धिजीवियों को उनके घर के बाहर अज्ञात लोगों ने गोली मार दी थी।
अपने नोटिस में बीजेपी ने कहा है कि इनमें से किसी भी हत्या की गुत्थी अभी तक नहीं सुलझी है। इस बीच कर्नाटक में एक बीजेपी ने ता कहा कि आरएसएस दुनिया का सबसे बड़ा स्वैच्छिक सामाजिक-सांस्कृतिक संगठन है और बीजेपी दुनिया की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक पार्टी है।
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Published: 11 Sep 2017, 11:07 PM