चीन का नाम लेने से डरते हैं पीएम मोदी? अरुणाचल के 30 स्थानों के नाम बदले पर कांग्रेस ने केंद्र पर साधा निशाना

उनका कहना था कि जब विपक्ष मणिपुर के मामले पर ‘अविश्वास प्रस्ताव’ लेकर आया था, तब हमने चीन की स्थिति पर भी अपनी बात रखी थी। चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने चीन के बारे में एक शब्द नहीं बोला। विदेश भी एक शब्द नहीं बोले।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

कांग्रेस ने मंगलवार को आरोप लगाया कि चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश के 30 स्थानों का नाम बदले जाने पर विदेश मंत्री एस जयशंकर की प्रतिक्रिया बहुत कमजोर थी जो सरकार एवं विदेश मंत्री को शोभा नहीं देती। पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने दावा किया कि जो लोग कच्चातिवु पर आवाज बुलंद करते हैं वो चीन का नाम लेने से भी डरते हैं।

उन्होंने सवाल किया कि भारत की कितनी जमीन मई, 2020 के बाद से चीन के नियंत्रण में है तथा मोदी सरकार ने उस जमीन को खाली क्यों नहीं कराया?

चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश के विभिन्न स्थानों के 30 नए नाम जारी किए जाने के कुछ दिन बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को कहा था कि अरुणाचल एक भारतीय राज्य था, है, और भविष्य में भी रहेगा।

उन्होंने कहा था, "अगर मैं आपके घर का नाम बदल दूं, तो क्या वह मेरा हो जाएगा? अरुणाचल प्रदेश एक भारतीय राज्य था, एक भारतीय राज्य है और भविष्य में भी रहेगा। नाम बदलने से कुछ हासिल नहीं होगा।"


तिवारी ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘चीन ने अरुणाचल प्रदेश में 30 स्थानों का नाम बदल दिया। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा- ‘‘मैं आपके घर का नाम बदल दूं, तो वह घर मेरा थोड़े हो जाएगा?’’ अगर किसी के घर पर अपनी नेमप्लेट लगा दे तो फौजदारी का मुकदमा बनता है। इतनी कमजोर और लचीली प्रतिक्रिया भारत सरकार और उसके विदेश मंत्री को शोभा नहीं देती।’’

उन्होंने दावा किया कि जो लोग बुलंद आवाज में कच्चातिवु द्वीप की बात करते हैं, वे चीन का नाम लेने से भी डरते हैं।

तिवारी का कहना था, ‘‘आज लगभग 4 साल हो गए जब चीन की फौज ने भारत की सीमा में घुसपैठ की थी, लेकिन मोदी सरकार की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। जनवरी 2023 में तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने एक रिसर्च पेपर में लिखित रुप से कहा था कि नियंत्रण रेखा के ऊपर 65 में से 26 पेट्रोलिंग प्वाइंट पर हम नहीं जा पाते। इस बारे में मोदी सरकार की तरफ से कोई स्पष्टीकरण नहीं आया।’’

उनका कहना था कि जब विपक्ष मणिपुर के मामले पर ‘अविश्वास प्रस्ताव’ लेकर आया था, तब हमने चीन की स्थिति पर भी अपनी बात रखी थी। चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने चीन के बारे में एक शब्द नहीं बोला। विदेश भी एक शब्द नहीं बोले।

तिवारी ने कहा, ‘‘जो लोग कच्चातिवु की बात करते हैं, वो ये भूल जाते हैं कि 1971 में इंदिरा गांधी जी ने दुनिया का भूगोल बदल दिया था। न वह अमेरिका से डरीं, न उसके सातवें बेड़े से डरीं और न पश्चिमी देशों की सरकारों से डरीं। पूर्वी पाकिस्तान की जनता जिस प्रताड़ना को झेल रही थी, प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जी ने जनता को उस पीड़ा से बाहर निकाला था।’’


उन्होंने कहा, ‘‘मैं बीजेपी से कहना चाहता हूं कि अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए ऐसे मुद्दे न लाएं, जिससे हिंदुस्तान की सामरिक साख कमजोर हो।’’ तिवारी ने सवाल किया, ‘‘भारत की कितनी जमीन मई, 2020 के बाद से चीन के नियंत्रण में है? मोदी सरकार ने उस जमीन को खाली क्यों नहीं कराया? ’’

उन्होंने कहा कि सरकार को इन सवालों के जवाब देने चाहिए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदम्बरम ने मंगलवार को कच्चातिवु मुद्दे पर केंद्र को आगाह करते हुए कहा कि 50 साल बाद द्वीप पर कोई भी ‘‘झूठा और आक्रामक’’ बयान श्रीलंकाई सरकार और 35 लाख तमिलों को टकराव की स्थिति में ले आएगा।

उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘50 वर्षों के बाद कच्चातिवु पर कोई भी असत्य और आक्रामक बयान श्रीलंकाई सरकार और 35 लाख तमिलों को टकराव की स्थिति में लाएगा।’’

पीटीआई के इनपुट के साथ

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