बिहार: शपथ के तीन दिन बाद ही मंत्री मेवालाल ने दिया इस्तीफा, तेजस्वी बोले- CM साहब महज एक इस्तीफे से बात नहीं बनेगी
बिहार की नीतीश कुमार की नई-नई बनी सरकार में इस्तीफे का दौर शुरू हो गया है। नीतीश कुमार ने भ्रष्टाचार के आरोप झेल चुके नेता मेवालाल चौधरी को अपना शिक्षा मंत्री चुना था। लेकिन उन्हीं मेवालाल ने पद की शपथ लेने के तीन दिनों के भीतर ही अपने पद से इस्तीफा भी दे दिया है।
बिहार की नीतीश कुमार की नई-नई बनी सरकार में इस्तीफे का दौर शुरू हो गया है। नीतीश कुमार ने भ्रष्टाचार के आरोप झेल चुके नेता मेवालाल चौधरी को अपना शिक्षा मंत्री चुना था। लेकिन उन्हीं मेवालाल ने पद की शपथ लेने के तीन दिनों के भीतर ही अपने पद से इस्तीफा भी दे दिया है।
आरजेडी (राष्ट्रीय जनता दल) पिछले 2 दिनों से लगातार मेवालाल चौधरी के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप को लेकर और उनकी पत्नी की संदिग्ध मौत के मामले में मेवालाल की कथित संलिप्तता को लेकर जांच की मांग कर रही थी।
वहीं मेवालाल चौधरी के इस्तीफा देने के बाद आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर एक बार फिर से हमला बोला है। तेजस्वी ने मेवालाल की इस्तीफे को नाटक करार दिया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, "मैंने कहा था ना आप थक चुके है इसलिए आपकी सोचने-समझने की शक्ति क्षीण हो चुकी है। जानबूझकर भ्रष्टाचारी को मंत्री बनाया थू-थू के बावजूद पदभार ग्रहण कराया घंटे बाद इस्तीफ़े का नाटक रचाया। असली गुनाहगार आप है। आपने मंत्री क्यों बनाया??आपका दोहरापन और नौटंकी अब चलने नहीं दी जाएगी?"
तेजस्वी ने आगे लिखा, "मुख्यमंत्री जी, जनादेश के माध्यम से बिहार ने हमें एक आदेश दिया है कि आपकी भ्रष्ट नीति, नीयत और नियम के खिलाफ आपको आगाह करते रहें। महज एक इस्तीफे से बात नहीं बनेगी। अभी तो 19 लाख नौकरी,संविदा और समान काम-समान वेतन जैसे अनेकों जन सरोकार के मुद्दों पर मिलेंगे। जय बिहार,जय हिन्द"
बता दें कि मेवालाल चौधरी को शिक्षामंत्री बनाए जाते ही नीतीश कुमार की नई सरकार पर सवाल उठने लगे थे। तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनता दल ने इसे लेकर खूब बवाल मचाया था। दरअसल, मसला यह भी था कि मेवालाल पर भागलपुर कृषि विश्वविद्यालय का कुलपति रहते हुए सहायक प्रोफेसर और कनिष्ठ वैज्ञानिक के पदों पर नियुक्तियों में हुए भ्रष्टाचार और अनियमितताओं से जुड़े आरोप लगे हैं। ऐसे में ऐसे नेता को ही शिक्षामंत्री बनाए जाने के फैसले ने नीतीश कुमार की और ज्यादा भद्द पिटवा दी।
यहां तक कि चौधरी को 2017 में जेडीयू से निलंबित कर दिया गया था, लेकिन बाद में फिर से शामिल कर लिया गया। दिलचस्प बात यह है कि उस समय बीजेपी ने विपक्ष में रहते हुए चौधरी की गिरफ्तारी की मांग की थी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद उस वक्त बिहार राज्यपाल हुआ करते थे। उन्होंने मेवालाल चौधरी के खिलाफ आपराधिक मामला दायर करने की मंजूरी दी थी। वैसे अभी तक मेवालाल के खिलाफ चार्जशीट दर्ज नहीं की गई है।
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: 19 Nov 2020, 4:53 PM