गलवान घाटी पर बड़ा सवाल- क्या अपने क्षेत्र में ही एक बफर जोन का निर्माण कर भारत के दावे को कमजोर कर रही मोदी सरकार?
कांग्रेस ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गलवान घाटी की स्थिति को लेकर सवाल किए। पार्टी ने प्रधानमंत्री से पूछा कि क्या अपने क्षेत्र में ही एक बफर जोन का निर्माण किया जा रहा है और गलवान घाटी पर दावे को कमजोर किया जा रहा है।
कांग्रेस ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गलवान घाटी की स्थिति को लेकर सवाल किए। पार्टी ने प्रधानमंत्री से पूछा कि क्या अपने क्षेत्र में ही एक बफर जोन का निर्माण किया जा रहा है और गलवान घाटी पर दावे को कमजोर किया जा रहा है। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भारतीय सेना के गलवान घाटी में पीछे हटने की रपटों के बीच प्रधानमंत्री से चार सवाल किए।
सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, "प्रिय प्रधानमंत्री, 1. क्या आप हमारे क्षेत्र में बफर जोन का निर्माण कर रहे हैं? 2. क्या आप हमारी सेना को पीछे कर रहे हैं? 3. क्या आप पीपी-14 को भारतीय सेना का होने से समझौता कर रहे हैं? 4. क्या आप गलवान घाटी में भारत के दावे को कमजोर कर रहे हैं? भारत जवाब चाहता है।"
उन्होंने अपने ट्वीट के साथ एक न्यूज रपट का हवाला दिया। 15 जून को, भारत और चीनी सेना के बीच पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 के पास खूनी संघर्ष हो गया था, जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। कोर कमांडर के बीच हुए समझौते में, इन क्षेत्रों में एलएसी के दोनों तरफ कम से कम 1.5 किलोमीटर के एक बफर जोन को बनाने पर सहमति हुई थी।
सूत्रों का कहना है कि गलवाना घाटी में बर्फ के पिघलने की वजह से जलस्तर बढ़ गया है, जिस वजह से हो सकता है कि चीनी सेना तेजी से पीछे हटीं हैं। कहा जा रहा है कि भारतीय सेना चीनी सेना पर ड्रोन से नजर रख रही है, क्योंकि गलवान नदी में बढ़ते जलस्तर की वजह से फिजिकल वेरीफिकेशन नहीं हो पा रहा है।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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