भीमा कोरेगांव हिंसाः कुएं में मिली चश्मदीद लड़की की लाश, हत्या की आशंका

पुणे के भीमा-कोरेगांव में हुए दंगे की चश्मदीद एक लड़की की लाश एक कुएं से बरामद हुई है। मृतक अपने परिवार के घर और होटल के दंगाई भीड़ द्वारा जलाने की प्रत्यक्षदर्शी थी।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

महाराष्ट्र के पुणे जिले के भीमा-कोरेगांव में हुए दंगे की एक चश्मदीद लड़की को मृत पाया गया है। घटना की 19 वर्षीय प्रत्यक्षदर्शी पूजा की लाश दंगा प्रभावित लोगों के लिए वाडागांव में बनाए गए पुनर्वास केंद्र के पास के एक कुएं से बरामद हुई है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक प्राथमिक जांच में ये मामला खुदकुशी का है। पुलिस ने कहा कि ये हत्या का मामला नहीं लग रहा। इस बीच लाश की पोस्टमॉर्टम में पूजा की मौत का कारण पानी में डूबने से बताया गया है। पुलिस ने घरवालों की शिकायत पर 9 लोगों पर खुदकुशी के लिए उकसाने का मामला दर्ज कर दो लोगों को गिरफ़्तार किया है। इस मामले में पुलिस ने आईपीसी की धारा 306 के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

11वीं की छात्रा पूजा अपने परिवार के लिए नए ठिकाने की मांग को लेकर पिछले 3 महीने से सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रही थी बताया जा रहा है कि पूजा के परिवार वालों का जमीन विवाद को लेकर अदालत में केस चल रहा है। भीमा-कोरेगांव दंगे के दौरान घर को हुए नुकसान की वजह से उसका परिवार संघर्ष कर रहा था। परिवार ने जहां घर बनाया था, वहां पर जमीन मालिक के साथ उनका विवाद चल रहा था। परिवार ने फरवरी में एक एफआईआर दर्ज कराई थी और कहा था कि कुछ स्थानीय लोग हिंसा की प्रत्यक्षदर्शी होने की वजह से पूजा को धमका रहे हैं और परेशान कर रहे हैं।

पूजा के भाई ने कहा कि “हमने शिकरापुर पुलिस को शनिवार दोपहर पूजा के लापता होने की सूचना दी थी। जिस कुएं से उसका शव मिला है, वह कोरेगांव-भीमा से सिर्फ 2 किलोमीटर की दूरी पर है। हमें शक है कि गांववालों ने उसे या तो कुएं में कूदने पर मजबूर किया होगा या फिर उसे धक्का दे दिया होगा।” पुणे पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस मामले में पूजा के परिवार द्वारा लगाए गए आरोपों की भी जांच होगी।

पूजा पुणे के भीमा-कोरेगांव में हुए दंगों में अपने परिवार द्वारा बनाए घर और होटल को दंगाई भीड़ द्वारा आग के हवाले करने की चश्मदीद थी। पुणे के भीमा कोरेगांव में इस साल 1 जनवरी को हिंसा भड़क गई थी। उस दिन बड़ी संख्या में दलित समुदाय के लोग ब्रिटिश-पेशवा लड़ाई के 200 साल पूरे होने पर जश्न मनाने के लिए इकट्ठा हुए थे। इस दौरान कथित तौर पर ऊंचे समुदाय के लोगों के साथ हिंसा के दौरान आगजनी और पथराव में पूजा के परिवार का घर और होटल पूरी तरह जलकर खाक हो गया था।

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