भारत बंद लोगों का लोकतांत्रिक अधिकार, डॉक्टरों को सुरक्षा की गारंटी दे सरकार; पवन खेड़ा ने बीजेपी को घेरा

पवन खेड़ा ने भारत बंद को लेकर कहा, "यह लोगों का लोकतांत्रिक अधिकार है, अगर कोई किसी नियम, नीति या किसी फैसले के खिलाफ है तो वह विरोध कर सकता है और शांतिपूर्ण विरोध से ही हमें आजादी मिली है।"

फोटोः सोशल मीडिया
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आईएएनएस

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने बुधवार को आईएएनएस से बातचीत के दौरान कई मुद्दों पर केंद्र सरकार को घेरा। उन्होंने 'भारत बंद', देश में महिलाओं के साथ हो रहे दुष्कर्म, देशभर में हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों पर बात की।

पवन खेड़ा ने भारत बंद को लेकर कहा, "यह लोगों का लोकतांत्रिक अधिकार है, अगर कोई किसी नियम, नीति या किसी फैसले के खिलाफ है तो वह विरोध कर सकता है और शांतिपूर्ण विरोध से ही हमें आजादी मिली है।"

बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने मंगलवार को भारत से बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को प्रत्यर्पित करने का अनुरोध किया ताकि हसीना मुकदमे का सामना कर सकें। इस पर पवन खेड़ा ने कहा कि भारत की एक स्वतंत्र विदेश नीति है और भारत उस विदेश नीति में किसी भी तरह का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं करता है।


महिलाओं के साथ यौन शोषण की घटनाओं पर पवन खेड़ा ने कहा, "महिलाओं के खिलाफ उत्पीड़न और यौन शोषण की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। हाल ही में महाराष्ट्र के बदलापुर की घटना भी सामने आई जहां छोटी बच्चियों के साथ गलत काम किया गया, लेकिन किसी सरकार की तरफ से कोई जिम्मेदारी वाला बयान नहीं आया और न ही इस पर कोई सख्त कार्रवाई की गई, लेकिन जब भी गैर बीजेपी शासित राज्यों में ऐसा होता है तो बीजेपी तुरंत मुख्यमंत्री का इस्तीफा मांगती है। हम जानना चाहते हैं कि देवेंद्र फडणवीस जो गृह मंत्री हैं, क्या वह इस्तीफा दे रहे हैं?"

बीजेपी से सहयोगी दलों की नाराजगी के बारे में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को अब समझ आ रहा है कि गठबंधन की राजनीति कैसी होती है। 10 साल तक उन्होंने लोगों को विवादों में उलझाए रखा, लेकिन अब उन्हें काम करना पड़ेगा और वह काम नहीं कर पा रहे हैं, क्योंकि उन्हें न तो काम करने की आदत है और न ही उनके पास काम करने की क्षमता है। वे निर्णय लेते हैं और अगले दिन निर्णय पलट देते हैं। निर्णय लेने से पहले सलाह लेने की आदत उनमें नहीं है, जो होनी चाहिए।"

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