यूपी में ‘बेटी बचाओ’ और ‘मिशन शक्ति’ हैं खोखले वादे, प्रियंका गांधी का योगी सरकार पर हमला
एक रिपोर्ट में कहा गया है कि, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह क्षेत्र गोरखपुर में 12 से अधिक लड़कियों की मौत हुई है। इस रिपोर्ट को शेयर करते हुए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा है।
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार शुरू से ही कानून व्यवस्था को लेकर सवालों के घेरे में रही है। हत्या, गैंगरेप और अपहरण जैसी घटनाओं ने यूपी पुलिस पर कई दाग लगाए हैं। हालिया रिपोर्ट भी राज्य में अपराध की बढ़ती घटनाओं को उजागर कर रहे हैं। ऐसी ही एक रिपोर्ट में कहा गया है कि, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह क्षेत्र गोरखपुर में 12 से अधिक लड़कियों की मौत हुई है। इस रिपोर्ट को शेयर करते हुए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा है।
प्रियंका गांधी ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा, 'यूपी के मुख्यमंत्री जी के गृहक्षेत्र से आई खबर पढ़कर आपको अंदाजा लगेगा कि जिस सिस्टम ने अभी कुछ दिनों ही पहले महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चलाए गए "मिशन शक्ति" के नाम पर झूठे प्रचार में करोड़ों रुपए बहा दिए, वो सिस्टम जमीनी स्तर पर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर इस कदर उपेक्षित रवैया अपनाए हुए है।'
प्रियंका गांधी ने आगे लिखा, 'इस खबर के अनुसार गोरखपुर में पिछले दिनों 12 से अधिक लड़कियों की मौत के मामले आए। इन अपराधों में सजा दिलाना तो दूर कुछ मामलों में पुलिस मृत लड़कियों की पहचान तक नहीं कर पाई। उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ हर दिन औसतन 165 अपराध होते हैं।'
आगे प्रियंका गांधी ने लिखा, 'पिछले दिनों ऐसे सैकड़ों मामले सामने आए जिनमें या तो प्रशासन ने पीड़ित पक्ष की बात नहीं सुनी या फरियादी महिला से ही बदतमीजी कर दी। क्या आप सोच सकते हैं कि जो सरकार महिला सुरक्षा के नाम पर अपनी पीठ थपथपाने के लिए करोड़ों रुपए के विज्ञापन देती हो उस सरकार के थानों में जब महिला शिकायत लेकर पहुंचती है तो थाने में उस पर भद्दी टिप्पणियां की जाती हों और उसके प्रति संवेदना करने के बजाए उसका निरादर किया जाता है।'
कांग्रेस महासचिव ने कहा, 'महिला सुरक्षा को लेकर हाथरस, उन्नाव एवं बदायूं जैसी घटनाओं में यूपी सरकार के व्यवहार को पूरे देश ने देखा। महिला सुरक्षा की बेसिक समझ है कि महिला की आवाज सर्वप्रथम है। मगर यूपी सरकार ने बार-बार ठीक इसके उलट काम किया। इससे यह स्पष्ट है कि उनके लिए “बेटी बचाओ” और “मिशन शक्ति” सिर्फ खोखले नारे हैं।'
प्रियंका ने आगे लिखा, 'महिलाओं की आवाज और उनकी आपबीती को लेकर महिलाओं के प्रति सरकार को अपना व्यवहार बदलना पड़ेगा और महिलाओं के साथ संवेदनशीलता दिखानी पड़ेगी। जब कोई पीड़ित महिला या उसका परिवार आवाज उठाए और सत्ताधारी दल के लोग उस महिला और उसके परिवार पर ही भद्दी टिप्पणियां करने लगें तो इससे घृणित कोई और कार्य नहीं है।'
उन्होंने आगे लिखा, 'महिला सुरक्षा को सुनिश्चित करने की प्राथमिक शर्त है - महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों को सामने लाना। और इसके लिए महिलाओं की आवाज को आदर से सुनना होगा।'
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