बाबरी विध्वंस केस पर 28 वर्ष बाद कल आएगा फैसला, आडवाणी, जोशी समेत सभी आरोपियों को अदालत में उपस्थित रहने के आदेश
बाबरी मस्जिद विध्वंस केस में 28 साल के लंबे इंतजार के बाद लखनऊ में सीबीआई की विशेष अदालत कल यानी की 30 सितंबर को अपना फैसला सुनाने जा रही है।
बाबरी मस्जिद विध्वंस केस में 28 साल के लंबे इंतजार के बाद लखनऊ में सीबीआई की विशेष अदालत कल यानी की 30 सितंबर को अपना फैसला सुनाने जा रही है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार सीबीआई कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर 2 सितंबर से अपना निर्णय लिखवाना शुरू कर दिया। अब निर्णय क्या होगा, यह सोचकर हर किसी की धड़कनें तेज हो गई हैं।
इस केस में बीजेपी के बड़े नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती, विनय कटियार, साध्वी रितंभरा और राम विलास वेदांती समेत कुल 32 लोग आरोपी हैं। अदालत ने इन सभी आरोपियों को सुनवाई के दौरान कोर्ट में मौजूद रहने को कहा है। घटना के 28 साल बाद आने जा रहे फैसले से पहले ही 18 आरोपियों की मौत हो चुकी है। बाकी जीवन के अंतिम पड़ाव में राम मंदिर निर्माण शुरु होने से बेहद प्रसन्न थे पर अगले कुछ घंटे उन पर बहुत भारी हैं।
28 साल तक चले इस मामले की सुनवाई में 351 लोगों ने गवाही दी, 600 दस्तावेज पेश किए गए। इतने लंबे समय तक चले इस केस के 17 आरोपियों की मौत मुकदमे की सुनवाई के दौरान ही हो गई। अब बुधवार को सीबीआई के स्पेशल जज सुरेंद्र कुमार यादव बाकी बचे 32 लोगों पर अपना फैसला सुनाएंगे।
आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक बुधवार को सुनवाई के दौरान बाबरी विध्वंस केस में आरोपी नृत्य गोपाल दास अदालत में मौजूद नहीं रहेंगे। नृत्य गोपाल दास कुछ समय पहले से कोरोना से पीड़ित थे, इसके बाद वह बीमार चल रहे हैं। नृत्य गोपाल दास श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष भी हैं। इनके अलावा बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी के भी अदालत में मौजूद नहीं रहने की उम्मीद है। उमा भारती और कल्याण सिंह कोरोना से संक्रमित हैं, ऐसे में उन दोनों के भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़ने की उम्मीद है।
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