कांग्रेस की बैठक में विधानसभा चुनावों, OBC और जाति-आधारित जनगणना पर चर्चा, खड़गे बोले- 5 राज्यों में पूरी ताकत से जीतेंगे
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि पीएम चाहते तो महिला आरक्षण इसी चुनाव से लागू हो सकता था। और ओबीसी महिलाओं को भी स्थान मिल सकता था। ये बिल केवल प्रचार और वोट बैंक के लिए लाया गया है।
कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की सोमवार को हुई बैठक में आगामी विधानसभा चुनाव, ओबीसी मुद्दे, जाति आधारित जनगणना और 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों पर चर्चा की गई। पार्टी मुख्यालय में आयोजित बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सीपीपी अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व पार्टी प्रमुख राहुल गांधी और कई अन्य शीर्ष नेता शामिल हुए।
बैठक को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा, "हाल में अचानक संसद का विशेष सत्र बुलाया गया जिसमें मोदी सरकार महिला आरक्षण विधेयक लेकर आई। हमेशा की तरह इस बार भी सरकार ने विपक्ष के साथ कोई संवाद नहीं किया और असली मुद्दों से लोगों का ध्यान हटाने की रणनीति पर ही काम किया। कांग्रेस और विपक्षी दलों ने खुले दिल से महिला आरक्षण बिल का समर्थन किया।"
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि पीएम चाहते तो महिला आरक्षण इसी चुनाव से लागू हो सकता था। और ओबीसी महिलाओं को भी स्थान मिल सकता था। ये बिल केवल प्रचार और वोट बैंक के लिए लाया गया है। सच्चाई यह है कि भारत में महिलाओं को शक्तियां देने का सबसे अधिक काम कांग्रेस ने ही किया है।
उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना भी एक अहम सवाल है। कांग्रेस पार्टी लगातार देशव्यापी जाति आधारित जनगणना की मांग उठा रही है। यह अहम मुद्दा है लेकिन इस पर सत्तारूढ दल मौन है। कल्याणकारी योजनाओं में उचित सहभागिता के लिए ये जरूरी है कि हमारे पास कमजोर तबकों की स्थिति पर सामाजिक-आर्थिक डाटा हो। हमारे लिए इन चिंताओं को आम लोगों तक पहुंचाना जरूरी है। कांग्रेस अध्यक्ष ने ऐलान किया कि 2024 में सत्ता में आने पर ओबीसी महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी तय करने के साथ हम महिला आरक्षण तुरंत लागू करेंगे।
बैठक में खड़गे ने क्या कहा...
अब हमें राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनावों के लिए प्रभावी रणनीति बनानी है। इन राज्यों में PM/ HM कई महीनों से दौरा कर रहे हैं। झूठ दर झूठ फ़ैला रहे हैं। उनके पास केवल मणिपुर जाने का समय नहीं है।
साथियों, लोक सभा चुनाव भी हमारे सामने खड़े हैं। इसी बीच जम्मू-कश्मीर में भी विधानसभा चुनावों का ऐलान हो सकता है।
हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में निर्णायक जीत के बाद देश भर में हमारे साथियों में एक नया उत्साह है। हमें अपनी पूरी ताकत लगा कर सभी 5 राज्यों को जीतना है।
पिछले 2 महीनों में मैं कई राज्यों में जनसभाओं में गया और पाया कि अच्छा वातावरण है। हमें प्रत्येक वोटर तक जाना है, प्रचार करना है और माहौल बनाना है।
इन चुनावों में राजनीतिक दलों के नेता ही नहीं, संवैधानिक पदों पर बैठे लोग भी सक्रिय हैं। वे हम लोगों पर सीधे हमले कर रहे हैं। मर्यादाएं टूट रही हैं। ऐसी स्थिति में हम मौन नहीं रह सकते।
जैसे-जैसे हम आम चुनाव के करीब आएंगे, ऐसे हमले और झूठ और तेज़ हो जाएंगे। ऐसे हमलों और दुष्प्रचार का मुकाबला करना और झूठ को तुरंत खारिज करना जरूरी है। • RULING PARTY को आगामी चुनाव में अपनी हालत का अंदाजा हो चुका है, इसीलिए वे लोगों को मुद्दों से भटकाने के लिए झूठ पर झूठ बोल रहे हैं।
तीन बैठकों के बाद INDIA गठबंधन आगे बढ़ रहा है। PM के भाषणों से इस गठबंधन की शक्ति का असर साफ दिख रहा है।
बहुत से बुनियादी सवाल हमारे सामने हैं। कई चिंताओं के बिंदु भी हैं। आज देश में कमरतोड़ महंगाई है। 45 साल की सबसे अधिक बेरोजगारी है। नयी पेंशन स्कीम को लेकर सरकारी कर्मचारियों में भारी नाराजगी को सरकार नजरंदाज कर रही है।
विभाजनकारी नीतियां देश के लिए चिंताजनक है। ED/ CBI/ IT जैसी संस्थाओं का दुरुपयोग विपक्षी दलों और मीडिया के खिलाफ हो रहा है।
मणिपुर की हालत पिछले 5 महीने से चिंताजनक बनी हुई है। विपक्ष की मांग के बाद भी प्रधानमंत्री मणिपुर नहीं गए।
मोदी सरकार की नीतियों से अमीर और गरीब की खाई लगातार बढ रही है। हमारे Constitutional Values से लेकर Federal character पर हमला हो रहा है। सामाजिक तनाव पैदा हो रहा है।
राहुलजी लगातार इन मुद्दों को उठा रहे हैं। मैं उनकी सक्रियता और लगातार मेहनत के लिए बधाई देना चाहूंगा। किसानों, मजदूरों, शिल्पकारों, छात्रों, कुलियों और विभिन्न तबकों के बीच वे व्यापक सक्रिय हैं। उनकी मणिपुर और लद्दाख यात्रा का पूरे देश पर असर है। हाल में उनकी पंजाब यात्रा ने एक अलग असर डाला है।
आज लोकतंत्र और संविधान बचाने की चुनौती है। दलितों, आदिवासियों, महिलाओं, और अल्पसंख्यकों के अधिकारों को बचाने की चुनौती है।
ऐसे बहुत से सवालों पर हमें मंथन कर कुछ ठोस रणनीति बनाने की जरूरत है। एक ऐसी सरकार हमें स्थापित करनी है, जो भारत के लोगों के सामने आने वाली इन गंभीर चुनौतियों का समाधान करे। कमजोर तबकों, पिछड़ों, युवाओं, महिलाओं, किसानों और मजदूरों आदि की जिंदगी को आसान बना सके।
इसके लिए हमें घर-घर हर दरवाजे तक अपनी सरकारों की उपलब्धियों को बताना होगा। अपनी भविष्य की योजना के बारे में भी विस्तार से बताना है।
इनके अलावा कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, महासचिव (संगठन) के.सी. वेणुगोपाल, सचिन पायलट, गोवा प्रभारी मनिकम टैगोर, हिमाचल प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला, जम्मू-कश्मीर प्रभारी रजनी पाटिल, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, महासचिव मुकुल वासनिक, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पार्टी महासचिव बैठक के लिए जयराम रमेश, राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर रंधावा, गौरव गोगोई और गुलाम अहमद मीर भी पहुंचे।
कांग्रेस कोषाध्यक्ष अजय माकन, चरणजीत सिंह चन्नी, छत्तीसगढ़ प्रभारी कुमारी शैलजा, बी.के. हरिप्रसाद, माणिकराव ठाकरे, प्रतिभा सिंह, गुरदीप सप्पल, विरप्पा मोइली, लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी, अंबिका सोनी, तारिक अनवर, मनीष तिवारी, दिग्विजय सिंह, भंवर जितेंद्र सिंह, शशि थरूर, रमेश चेन्निथला और पवन खेड़ा भी शामिल हुए।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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