हम हिंदुस्तान के संविधान की रक्षा के लिए अपनी जान की बाजी लगा देंगे, बीजेपी ने संविधान का मर्डर किया: आजाद
गुलाम नबी आाजद ने कहा, ‘हम हिंदुस्तान के संविधान की रक्षा के लिए अपनी जान की बाजी लगा देंगे, लेकिन आज बीजेपी ने इसी संविधान का मर्डर किया, लोकतंत्र का भी मर्डर किया। जिस आर्टिकल 370 के द्वारा हमने हिंदुस्तान को जम्मू-कश्मीर दिया, आज उसी संविधान की मोदी सरकार ने धज्जियां उड़ा दीं।’
जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने पर कांग्रेस के नेता और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि आज बीजेपी ने संविधान की हत्या कर दी है। बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में सोमवार को जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने का संकल्प पेश किया है। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन का संकल्प भी पेश किया गया।
गुलाम नबी आाजद ने कहा, 'हम हिंदुस्तान के संविधान की रक्षा के लिए अपनी जान की बाजी लगा देंगे, लेकिन आज बीजेपी ने इसी संविधान का मर्डर किया, लोकतंत्र का भी मर्डर किया। जिस आर्टिकल 370 के द्वारा हमने हिंदुस्तान को जम्मू-कश्मीर दिया, आज उसी संविधान की मोदी सरकार ने धज्जियां उड़ा दीं।'
उन्होंने कहा, 'सबसे पहले यह बताना चाहता हूं कि एक ऐतिहासिक आर्टिकल 370, जिसके द्वारा जम्मू-कश्मीर स्टेट को देश के साथ जोड़ा गया था और 70 साल में लाखों लोगों ने कुर्बानियां दी हैं। पैरा-मिलिट्री फोर्सेज के, पुलिस के, लोगों ने कुर्बानियां दी हैं, अपने जीवन का बलिदान दिया है। मुख्य धारा के राजनीतिक दलों ने अपने नेता खो दिए हैं, अपने वर्कर्स खो दिए हैं। 1947 से लाखों सिविलियंस कुर्बान हो गए हैं, जम्मू-कश्मीर को हिंदुस्तान के साथ रखने के लिए। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की जनता हर वक्त हिंदुस्तान के साथ खड़ी रही। यह सत्य है कि कुछ लोग भारत में जम्मू-कश्मीर के विलय के खिलाफ थे और हैं।'
वहीं, एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भी धारा 370 हटाए जाे का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने से पहले घाटी के नेताओं को भरोसे में लिया जाना चाहिए था।
डीएमके ने भी धारा 370 हटाए जाने क विरोध किया है। पार्टी अध्यक्ष एमके स्टालिन ने कहा,“जम्मू और कश्मीर के लोगों से परामर्श किए बिना, अनुच्छेद 370 को हटा दिया गया है। लोकतंत्र की हत्या हुई है।”
बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह ने 5 अगस्त (सोमवार) को राज्यसभा में दो अहम संकल्प पेश किए। इस संकल्प में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने और जम्मू-कश्मीर राज्य को दो भागों में बांटने का संकल्प शामिल है। जम्मू-कश्मीर अब केंद्र शासित प्रदेश होगा। इस प्रदेश की अपनी विधायिका होगी। जबकि लद्दाख अब जम्मू-कश्मीर से अलग एक केंद्र शासित प्रदेश होगा। लद्दाख में विधानसभा नहीं होगी।
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