"क्या मर्यादा की सारी सीमाएं सिर्फ विपक्ष के लिए हैं?" कांग्रेस ने पूछा- ये मर्यादा कहां थी जब...?
कांग्रेस ने सवाल किया, "ये मर्यादा कहां थी जब विपक्ष के 146 सांसदों को एक साथ सस्पेंड कर दिया जाता है? जब जनता की आवाज उठाने पर विपक्ष का माइक बंद कर दिया जाता है? जब नेता प्रतिपक्ष के भाषण के दौरान स्पीकर को दिखाया जाता है?"
कांग्रेस ने सदन की कार्यवाही को लेकर केंद्र की एनडीए सरकार पर जोरदार हमला बोला है। केंद्र में मुख्य विपक्षी पार्टी ने सरकार से पूछा है कि क्या सारी सीमाएं और मर्यादा सिर्फ विपक्ष के लिए हैं। पार्टी ने सदन की सीसीटीवी फुटेज लीक करने को लेकर भी केंद्र पर सवाल उठाए हैं। पार्टी ने कहा कि आज सत्ता पक्ष सदन की सीसीटीवी फुटेज लीक करके मर्यादा का पाठ पढ़ा रहा है।
कांग्रेस ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, “आज सत्ता पक्ष सदन की CCTV फुटेज लीक करके मर्यादा का पाठ पढ़ा रहा है। क्या मर्यादा की सारी सीमाएं सिर्फ विपक्ष के लिए हैं?”
कांग्रेस ने सवाल किया, "ये मर्यादा कहां थी जब विपक्ष के 146 सांसदों को एक साथ सस्पेंड कर दिया जाता है? जब जनता की आवाज उठाने पर विपक्ष का माइक बंद कर दिया जाता है? जब नेता प्रतिपक्ष के भाषण के दौरान स्पीकर को दिखाया जाता है? जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर को उसके हाल पर जलने के लिए छोड़ देते हैं? जब अपने 2 घंटे 14 मिनट के भाषण में प्रधानमंत्री मणिपुर को नजरअंदाज कर देते हैं?"
पार्टी ने आगे लिखा, "सच्चाई ये है कि.. कल लोकसभा में मणिपुर के दो सांसद मौजूद थे, जो मणिपुर के दो अलग समुदायों से जुड़े थे। सदन में एक समुदाय के सांसद को बोलने का मौका दिया गया, लेकिन दूसरे सांसद को बोलने का मौका नहीं मिला। इसलिए विपक्ष के सांसद चाहते थे कि मणिपुर के दोनों समुदायों के सांसदों को बोलने का मौका दिया जाए, यही विपक्ष की मांग थी।"
"इस बात को लेकर पूर्वोत्तर के सांसद खड़े हुए और उनके साथ पूरा विपक्ष खड़ा हुआ, क्योंकि सब जानते थे कि अगर दो समुदायों के किसी एक सांसद को ही अपनी बात रखने का मौका मिला, तो इसका बेहद गलत संदेश जाएगा। लेकिन बीजेपी के मीडिया सेल ने सारी मर्यादाओं को लांघकर ये प्रोपेगेंडा फैलाने की कोशिश की कि विपक्ष सदन चलने नहीं दे रहा।"
"विपक्ष की असली मर्यादा-निडर और बेखौफ होकर जनता की आवाज उठाने में है, जनता के लिए लड़ने में है, सच का साथ निभाने में है। और जनता की आवाज है कि पिछले एक साल से नफरत की आग में जल रहे मणिपुर को न्याय मिले। मणिपुर में शांति बहाल हो। मणिपुर को न्याय दिलाने के लिए अगर हमें हजार बार भी आवाज उठानी पड़ी तो हम उठाएंगे, पीछे नहीं हटेंगे। हम हर कीमत पर विपक्ष की जिम्मेदारी और धर्म निभाएंगे। मणिपुर को न्याय दिलाकर रहेंगे।"
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