एक और नारा बना जुमला, अब ‘कांग्रेस मुक्त’ भारत का अर्थ ही अलग बता रहे हैं पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी के नारों को उनकी ही पार्टी ने जुमले कहा था, अब वे खुद ही कह रहे हैं कि उनके नारों का अर्थ कुछ और था। प्रधानमंत्री अब कह रहे हैं कि कांग्रेस मुक्त भारत के नारे का अर्थ अलग था।
पीएम मोदी ने रविवार को एक और टीवी चैनल को नया इंटरव्यू दिया। यह बहस बाद में कि टीवी चैनल वह है जो गला फाड़-फाड़कर उनकी तारीफों के पुल बांधता रहा है, और विपक्ष से एक पत्रकार के नाते नहीं बल्कि सरकार या बीजेपी प्रवक्ता के रुप में सवाल करता रहा है।
बहरहाल, इस इंटरव्यू में जब पूछा गया कि आपने तो 2014 में नारा दिया खा कि आप देश को कांग्रेस मुक्त कर देंगे। (यहां एंकर यह कहते-कहते खुद को रोक गईं कि आपके ही राज्य गुजरात में कांग्रेस की वापसी हो गई और आप सौ सीटों से नीचे आ गए) अब कांग्रेस की सिर्फ 4 राज्यों में सरकार है और इस साल कई राज्यों में चुनाव होना है। क्या आपका यह नारा सही साबित हो रहा है।
प्रधानमंत्री सवाल के पीछे छिपी असली बात समझ गए। करीब 500 शब्दों में इस सवाल का जवाब दिया। बोले, “अच्छा हुआ कि आपने यह सवाल पूछ लिया। मेरे नारे मशहूर हो जाते हैं, लेकिन उनके पीछे छिपी भावनाएं कोई नहीं समझता, क्योंकि राजनीति में बहुत सी बातें जल्दबाज़ी में हो जाती हैं। कांग्रेस इस देश की राजनीति का स्तंभ रही है और उसकी संस्कृति ने सभी पार्टियों को प्रभावित किया है। आज हर कोई कुर्ता पहनता है, क्योंकि कांग्रेस के जमाने में हर कोई कुर्ता पहनता था।”
संस्कृति से कुर्ते तक पहुंचते पहुंचते प्रधानमंत्री मोदी मानों शब्द खोज रहे थे। कहा, “जब मैं कांग्रेस मुक्त भारत की बात कहता हूं तो ये किसी दल या सिर्फ कांग्रेस के लिए नहीं है। कांग्रेस की संस्कृति के लिए है, जो पूरे देश में है। आजादी के बाद कांग्रेस ही सारे राजनीतिक दलों को आकर्षित कर रही थी। सभी उसकी संस्कृति अपना रहे थे।” इतना कहते कहते उन्हें फिर ध्यान आया कि उन्हें तो कांग्रेस की आलोचना करनी है, इसलिए फौरन कांग्रेस पर जातिवाद, वंशवाद, भ्रष्टाचार और शोषण के आरोप लगा दिए और कहा कि कांग्रेस को इस सबसे मुक्त होना चाहिए। लेकिन साथ ही यह माना कि सभी राजनीतिक दलों में है ये सब।
प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान पर कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने एक ट्वीट में कहा कि, “जो लोग कांग्रेस की सदियों पुरानी ऐतिहासिक संस्कृति पर उपदेश दे रहे हैं, उन्हें पहले बीजेपी को बांटो और राज करो की संस्कृति से, लोकतंत्र का गला घोंटने पर, संवैधानिक संस्थाओं के अपमान से, वरिष्ठों के अपमान से और लोगों को धोखा देने के लिए गढ़े गए जुमलों से मुक्त करना चाहिए।”
करीब डेढ़ घंटे के इस इंटरव्यू में मोदी ने यूं तो बहुत से मुद्दों पर बात की, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के संकट पर कन्नी काट गए। उन्होंने कहा कि, “सरकार और राजनीतिक दलों को इससे दूर रहना चाहिए। हमारे देश की न्यायपालिका का एक बहुत ही उत्कृष्ट अतीत रहा है, वे बहुत ही सक्षम लोग हैं। वे एक साथ बैठेंगे और अपनी समस्याओं का समाधान निकालेंगे। हमारी न्यायिक प्रणाली में मेरी आस्था है, वे निश्चित तौर पर एक समाधान निकालेंगे।'
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: 22 Jan 2018, 6:59 AM