मोदी सरकार में एक और महाघोटाला, 30 हजार करोड़ की धोखाधड़ी में एसआरएस ग्रुप का अनिल जिंदल गिरफ्तार
एसआरएस ग्रुप के सीएमडी अनिल जिंदल समेत कंपनी के पांच अधिकारियों को दिल्ली के महिपालपुर से गिरफ्तार कर पुलिस ने कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें एक दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
केंद्र की मोदी सरकार में हुए हजारों करोड़ के पीएनबी महाघोटाले के बाद अब एक और बड़ा घोटाला सामने आया है। ये घोटाला करीब 30 हजार करोड़ रुपये का बताया जा रहा है। 5 अप्रैल को इस मामले के मुख्य आरोपी एसआरएस ग्रुप के चेयरमैन अनिल जिंदल समेत कंपनी के कई अधिकारियों को फरीदाबाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में एसआरएस ग्रुप के खिलाफ पुलिस में 22 केस दर्ज थे। सभी आरोपियों को दिल्ली के महिपालपुर में एक होटल से गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार किए गए लोगों में बिशन बंसल, नानक चंद ताएल, विनोद मामा और देवेंद्र अधाना शामिल हैं। एसआरएस ग्रुप पर बैंकों से हजारों करोड़ रुपये का कर्ज लेकर नहीं लौटाने का भी आरोप है।
पुलिस ने गिरफ्तारी के बाद सभी आरोपियों को अदालत में पेश किया, जहां से सभी को 1 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। शुक्रवार 6 अप्रैल को इन सभी आरोपियों को विशेष अदालत में पेश किया जाएगा।
आरोपियो की गिरफ्तारी के बाद डीसीपी विक्रम कपूर ने बताया कि इन सभी के खिलाफ 4 मार्च को थाना सैक्टर-31 ने आईपीसी की धारा 420, 406, 120 बी और हरियाणा प्रोटेक्शन आफ इंट्रेस्ट ऑफ डिपाजीटर एंड एफई ऐक्ट 2013 के तहत 22 मुकदमे दर्ज किए गए थे। केस दर्ज होने के बाद अनिल जिंदल के घर समेत कई ठिकानों पर पुलिस ने छापेमारी भी की थी।
एसआरएस पीड़ित मंच के संस्थापक राज गुप्ता ने पिछले दिनों आरोप लगाया था कि अनिल जिंदल एसआरएस से जुड़ी कई कंपनीयों को दीवालीया घोषित कराने की कोशिश में हैं। इस मामले को लेकर वह कई बार राज्य के मंत्रियों को से मिले, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
एसआरएस पीड़ित मंच के एक सदस्य मनोज अग्रवाल का तो यहां तक कहना है कि ग्रुप से जुड़े ज़्यादातर अकाउंट एनपीए हो चुके हैं, लेकिन फिर भी बैंक कार्रवाई नहीं कर रही है। इसकी वजह है कि शहर के कई बड़े नेताओं ने ग्रुप के चेयरमैन और उनके साथियों को संरक्षण दिया हुआ है। दिल्ली-एन सी आर में पंजाब नैशनल बैंक से भी बड़े इस घोटाले को रियल स्टेट के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा घोटाला बताया जा रहा है। पुलिस में दर्ज शिकायतों से पता चलता है कि इस घोटाले में 20 हजार परिवारों की लगभग 80 हजार लोगों के साथ धोखाधड़ी की गई।
आरोप है पुलिस ने भी कई साल तक एसआरएस के खिलाफ आई शिकायतों पर जानबूझकर कार्रवाई नहीं की। लेकिन हाल ही में फरीदाबाद में पुलिस कमिशनर का पद संभालने वाले अमिताभ ढिल्लो ने एसआरएस ग्रुप के खिलाफ आई शिकायतों की जांच कर केस दर्ज करने का आदेश दिया था। 60 शिकायतों की जांच के बाद सैक्टर-31 थाना में एसआरएस ग्रुप के चेयरमैन अनिल जिंदल, डायरेक्टर, मैनेजर और कर्मचारियों के खिलाफ 4 मार्च को 22 केस दर्ज किए गए । पुलिस कार्रवाई के बाद अनिल जिंदल और उसके साथी फरार हो गए थे।
अनिल जिंदल ने एसआरएस कंपनी बना कर रीटेल, सिनेमा, ज्वैलरी और प्रॉपर्टी समेत कई तरह के कारोबार शुरू किए थे। इन सभी कारोबार को चलाने के लिए लोगों से ब्याज पर हजारों करोड़ रुपये की संपत्ति एकत्र की गई। लेकिन 2015 से कंपनी ने निवेशकों को ब्याज देना बंद कर दिया। जिसके बाद शहर में लोगों ने हंगामा किया और कई जगहों पर धरना और प्रदर्शन किया।
पिछले साल एसआरएस ग्रुप की धोखाधड़ी और निवेश हड़पने का शिकार हुए लोगों को इंसाफ दिलाने के लिए हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर ने आवाज उठाई थी। अशोक तंवर ने कहा था कि ग्रुप के चेयरमैन अनिल जिंदल, नीरव मोदी की राह पर हैं। फरीदाबाद के बीजेपी नेता उन्हें बचाने की कोशिश कर रहे हैं। यही वजह थी कि कई एफआईआर दर्ज होने के बाद भी अनिल जिंदल या उसके साथीयों की अब तक गिरफ़्तारी नहीं हुई थी।
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