कोरोना के नए वैरिएंट के कहर के बीच बड़ा सवाल, क्या लेनी पड़ेगी वैक्सीन की चौथी डोज? जानें एक्सपर्ट्स ने क्या कहा
देश में अब तक सिर्फ 27 प्रतिशत आबादी ने ही कोरोना वैक्सीन की प्रिकॉशन डोज (तीसरी डोज) ली है।
कोरोना वायरस का नया वैरिएंट जहां चीन समेत दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में कहर बरपा रहा है। वहीं इसका वैरिएंट भारत में भी दस्तक दे चुका है। भारत में इसके चार मामले सामने आने के बाद अब इस बात पर चर्चा होने लगी है कि अब तक जो लोग वैक्सीन के तीन डोज ले चुके हैं वे सुरक्षित हैं या फिर उन्हें चौथी डोज लेनी पड़ेगी?
कोरोना वायरस के नए वैरिएंट के खतरे के बीच इन सभी सवालों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार के आला अधिकारियों की एक हाई लेवल बैठक बुधवार को हुई। इस अहम बैठक में वैक्सीनेशन में सुधार पर जोर दिया गया। अंकड़ों के मुताबिक, अब तक देश में सिर्फ 27 प्रतिशत आबादी ने ही कोरोना वैक्सीन की प्रिकॉशन डोज (तीसरी डोज) ली है। मीटिंग में इस बात पर जाहिर की गई। बैटक में मौजूद नीति आयोग की हेल्थ कमेटी के सदस्य डॉक्टर वीके पॉल ने वरिष्ठ नागरिकों से कोरोना वैक्सीन की प्रिकॉशन डोज जल्द से जल्द लगवाने की अपील की।
अब सवाल यह है कि कोरोना वैक्सीन की चौथी डोज लगवाने की जरूरत पड़ेगी या नहीं? इस सवाल का जवाब एम्स के पूर्व डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया दिया है। उन्होंने वैक्सीन की तीसरी डोज लेने पर काफी जोर दिया। चौथी डोज के सवाल पर डॉ. गुलेरिया ने कहा कि ऐसा कोई डेटा अब तक नहीं आया है, जो चौथी डोज की जरूरत पर जोर देता हो। मतलब यह है कि चौथी डोज लेने की फिलहाल कोई ऐसी जरूरत दिखाई नहीं दे रही है। उन्होंने आगे कहा कि इसकी जरूरत तब तक नहीं है, जब तक की कोई विशेष प्रकार का बाइवेलेंट वैक्सीन नहीं आ जाती।
बाइवेलेंट वैक्सीन क्या है?
बाइवेलेंट वैक्सीन को फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने परिभाषित किया है। एफडीए के अनुसार, बाइवेलेंट वैक्सीन वह वैक्सीन है, जो मूल वायरस के स्ट्रेन के कंपोनेंट और ओमिक्रॉन वैरिएंट के एक कंपोनेंट को मिलाकर बनाई जाती है। इस वैक्सीन से लोगों को संक्रमण के खिलाफ बेहतर और ज्यादा सुरक्षा मिलती है। इन दो कंपोनेंट को के इस्तेमाल की वजह से बाइवेलेंट वैक्सीन कहा जाता है।
कोरोना के नए वैरिएंट के लक्षण क्या हैं?
नए बीएफ.7 सब-वैरिएंट के लक्षण सामान्य फ्लू के समान हैं। इसमें सर्दी, खांसी, बुखार, शरीर में दर्द जैसी परेशानियां हो रही हैं। यह अत्यधिक संक्रामक है। यह कम अवधि के भीतर लोगों के एक बड़े समूह में फैल जाता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, सार्वजनिक स्थानों पर सावधानी बरतना बेहद अहम है। जानकारनों कहा कि हम देखते हैं कि लोग थोड़े लापरवाह हो गए हैं क्योंकि कोविड-19 के दौरान बनाए गए कई नियमों को हटा दिया गया है। इसलिए अब यह अहम है कि हम कम से कम बुनियादी उपायों का पालन करें।
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