सीटों पर आंख तरेरने के बाद चिराग पासवान ने जेटली को लिखा पत्र, कहा- नोटबंदी का हिसाब भी दे दें
पांच राज्यों के चुनावी नतीजों में बीजेपी की हार के बाद एनडीए में रार बढ़ती जा रही है। सीटों पर आंखें तरेरने के बाद एलजेपी सांसद चिराग पासवान ने अब वित्त मंत्री अरुण जेटली को पत्र लिखकर नोटबंदी का हिसाब देने को कहा है।
एनडीए में बढ़ती रार की खबरों के बीच राम विलास पासवान की पार्टी एलजेपी और बीजेपी के बीच तल्खी तेज होती जा रही है। अब एनडीए से बाहर होने की अटकलों के बीच एलजेपी संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष चिराग पासवान ने नोटबंदी पर वित्त मंत्री अरुण जेटली को पत्र लिखकर जवाब मांगा है। चिराग पासवान ने अपने पत्र में जेटली से नोटबंदी से हुए फायदों का हिसाब मांगा है।खबरों के अनुसार इससे पहले भी चिराग पासवान ने पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से केंद्र सरकार की उपलब्धियों, रोजगार और मुद्रा लोन के लाभार्थियों का आंकड़ा मांगा था, लेकिन उसका जवाब उन्हें अब तक नहीं मिला है।
गौरतलब है कि हाल में बदली राजनीतिक हवा में एलजेपी के एनडीए से अलग होने की अटकलें तेज हैं। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद बैकफुट पर नजर आ रही बीजेपी के लिए उस समय चिराग पासवान ने समस्या खड़ा कर दी, जब मंगलवार को उन्होंने ट्वीट कर एनडीए के नाजुक दौर से गुजरने की बात कह दी। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की तारीफ करते हुए तीन राज्यों में कांग्रेस को मिली जीत का श्रेय उन्हें देते हुए उनकी जमकर तारीफ की। इसके साथ ही उन्होंने बीजेपी को चेतावनी देते हुए यहां तक कह दिया कि वह गठबंधन में बचे हुए साथियों की चिंताओं का समय रहते सम्मानपूर्वक समाधान करे। अगर इस विषय पर समय रहते बात नहीं बनी तो इससे नुकसान भी हो सकता है।
चिराग पासवान के इन्हीं बयानों और तल्ख तेवर के बाद एलजेपी के भी एनडीए से छिटकने के कयास लगने लगे हैं। सूत्रों के अनुसार चिराग पासवान ने बीजेपी को अल्टीमेटम देते हुए कह दिया है कि अगर बीजेपी ने किसान और गरीबों के लिए अगले सप्ताह भर के भीतर कोई फैसला नहीं लिया तो उनकी पार्टी एनडीए से अलग होने पर विचार कर सकती है।
वहीं, इसी बीच आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने तो स्पष्ट तौर पर कह दिया है कि नये साल में रामविलास पासवान की पार्टी महागठबंधन में शामिल हो जाएगी। उन्होंने चिराग पासवान के बयानों को लेकर कहा कि ये सब बयान से शुरू होता है और अब तो शुरू हो ही गया। यहां गौर करने वाली बात ये है कि महागठबंधन में आज शामिल होने वाले पूर्व केन्द्रीय मंत्री और आरएलएसपी अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा के बारे में रघुवंश प्रसाद सिंह महीनों पहले से कहते आ रहे थे कि वह एनडीए छोड़कर इस पाले में आएंगे। इतना ही नहीं इससे पहले उन्होंने जीतन राम मांझी के भी एनडीए छोड़ महागठबंधन में शामिल होने का दावा किया था, जो आगे चलकर सच साबित हुई।
इधर एलजेपी के ताजा कदम से सकते में आई बीजेपी अब डैमेज कंट्रोल में जुट गई है। रामविलास पासवान के रुख ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को सोचने पर मजबूर कर दिया है। खबरों के मुताबिक गुरुवार शाम को शाह ने रामविलास पासवान और उनके बेटे चिराग पासवान को मुलाकात के लिए बुलाया है। बताया जा रहा है कि भूपेंद्र यादव, अमित शाह का संदेश लेकर राम विलास पासवान के पास गए थे।
बहरहाल चिराग पासवान के ताजा बयानों से दिल्ली से लेकर बिहार तक के सियासी गलियारों में कयास लगने लगे हैं कि ‘मौसम विज्ञानी’ के नाम से चर्चित रामविलास पासवान शायद एक बार फिर चुनाव से ठीक पहले पाला बदलने की तैयारी में हैं। खास बात है कि ये चर्चा आम है कि 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले चिराग पासवान ने ही रामविलास पासवान को बीजेपी के साथ गठबंधन करने के लिए राजी किया था, जिसका पार्टी को फायदा भी मिला। और अब एक बार फिर चिराग पासवान लोकसभा चुनाव से पहले सक्रिय हो गए हैं तो कयास लगने लगे हैं कि कहीं फिर पाला बदलने की तैयारी तो नहीं है।
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