बिहार पहुंचे हार्दिक पटेल का नीतीश और पीएम मोदी से सवाल, कब मिलेगा विशेष राज्य का दर्जा?
राजधानी पटना में नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने कहा कि बिहार की जनता ने महागठबंधन को सत्ता सौंपी थी, लेकिन जब नीतीश कुमार गठबंधन तोड़ बीजेपी के साथ चले गए, तो उन्हें कम से कम विशेष राज्य का दर्जा तो दिला ही देना चाहिए।
पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा है कि इस बार चाचा ने मुझे मिलने के लिए भी नहीं बुलाया। उन्हें यह डर सता रहा होगा कि कहीं मुझसे मिलेंगे तो दिल्ली वाले नाराज हो जाएंगे। उन्होंने नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा, “बिहार में तो महागठबंधन को जनता ने सत्ता सौंपा था, लेकिन जब गठबंधन छोड़ जब आप बीजेपी के साथ चले गए, तो अब कम से कम बिहार को विशेष राज्य का दर्जा तो दिला दें।” उन्होंने कहा कि विशेष पैकेज भी बिहार का बकाया है।
पटना में पटेल जागरूकता सम्मेलन में हिस्सा लेने आए हार्दिक पटेल ने कहा कि मैं किसी समाज का विरोधी नही है, लेकिन कुर्मी, कुशवाहा और धानुक एक हो जाएं तो किसी की नहीं चलेगी। उन्होंने कहा, “गुजरात मे भी हम बंटे थे। लेकिन जब एक जुट हुए तो नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी को दो महीने तक गुजरात मे कैंप करना पड़ गया था।”
उन्होंने ऐलान करते हुए कहा कि अगली बार जब वो बिहार आएंगे तो एक महीने रहेंगे और 10 लाख की भीड़ जुटाकर रैली करके दिखाएंगे। हार्दिक पटेल ने कहा, बिहार पिछड़ा राज्य है, इसको बदलने की जरूरत है। जब तक आप जागरूक नही बनेंगे तब तक आपको लोग इस्तेमाल करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि 1994 में कुर्मी चेतना रैली से भले ही कुछ लोग नेता और मंत्री बन गए, लेकिन समाज अभी भी पीछे रह गया है।
उन्होंने नीतीश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि लोगों को उनकी रैली में आने से रोका। उन्होंने कहा, मेरी रैली में शामिल होने के लिए आने वाली गाड़ियों को भी रोका गया है। शहर के बाहर नाकेबंदी की गई है, लेकिन आप लोग यहां पहुंचे इसके लिए आप सभी को धन्यवाद।
बिहार की शिक्षा व्यवस्था का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ये चौपट हो गई है। उन्होंने आगे कहा, “हमने गोरों से आजादी तो ले ली है, लेकिन चोरों में फंस गए।” उन्होंने आगे कहा कि मैं गांधी को मानता हूं, सरदार वल्लभ भाई पटेल को भी मानता हूं। लेकिन कोई अंग्रेज बनने की कोशिश करेगा तो हम भगत सिंह भी बनेंगे। अगर दिल्ली पहुंचना है तो बिहार के रास्ते जाना होगा, तभी तो मैं भी नरेंद्र मोदी की तरह कह सकूंगा कि बिहार से मेरा पुराना रिश्ता है।”
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