‘ज़ुल्म’ : उन्नाव केस की पीड़िता के नाम नज़्म
उन्नाव रेप केस की पीड़िता की जान लेने की कोशिश को लेकर देश भर में गुस्सा है। इसी बीच हिना रिज़वी हैदर ने हमें यह नज़्म भेजी है।
एक आवाज़ फिर दबाई गई
और इक निर्भया सताई गई
वो ये कहता था छटपटाना नई
ज़ख्म खाना, मगर बताना नई
जो किसी को अगर बताओगी
कुछ नए और ज़ख़्म खाओगी
तुमने अपना किया ही पाया है
मेरे रुतबे को आज़माया है
तुम जो बोलीं, तो ये ही होना था
मौत की नींद तुमको सोना था
मेरा क्या है, मज़े करूंगा मैं
तुम तो मर ही गयीं, जियूँगा मैं
चार दिन चंद लोग बोलेंगे
थक के आख़िर ख़मोश हो लेंगे
चंद शममें भी वो जला देंगे
और फिर सब तुम्हे भुला देंगे
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