इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना! सड़क पर हुई शख्स की मौत, नगरपालिका के कर्मचारियों ने कूड़ा गाड़ी में उठाया शव
उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है, जहां एक शव के साथ असम्मानजनक व्यवहार किया गया है। यहां 42 साल के एक शख्स की मौत के बाद उसके शव को पोस्टमार्टम हाउस ले जाने के लिए नगर पालिका की कचरा ढोने वाली गाड़ी का इस्तेमाल किया गया।
उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है, जहां एक शव के साथ असम्मानजनक व्यवहार किया गया है। यहां 42 साल के एक शख्स की मौत के बाद उसके शव को पोस्टमार्टम हाउस ले जाने के लिए नगर पालिका की कचरा ढोने वाली गाड़ी का इस्तेमाल किया गया। पुलिस विभाग की इस करतूत का वीडियो सामने आने के बाद अब महकमा लीपापोती कर रहा है।
इस घटना के बारे में और इससे जुड़ी एक वीडियो एनडीटीवी के रिपोर्टर आलोक पांडेय ने सोशल मीडिया पर शेयर किया है। उन्होंने इस घटना के बारे में ट्वीट करते हुए लिखा है कि, 'बलरामपुर में एक बेहद ही शर्मनाक घटना, कल (बुधवार) 42 साल के मोहम्मद अनवर, जिनकी मौत सरकारी अस्पताल के बाहर हो गई, उनके शव को पुलिस के समाने कूड़ा गाड़ी में डाल कर ले जाया गया।'
ये मामला जिले के उतरौला कोतवाली क्षेत्र का है। जहां पुलिस को तहसील गेट के सामने एक अज्ञात व्यक्ति का शव पड़ा होने की सूचना मिली थी। जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव की शिनाख्त सादुल्लाहनगर के सहजौरा निवासी अनवर अली के रूप में की। लेकिन पुलिस ने शव को न तो एंबुलेंस से और न ही किसी अन्य गाड़ी से पोस्टमार्टम हाउस तक ले जाना मुनासिब समझा। इस मामले में पुलिस ने नगर पालिका परिषद की मदद ली और कूड़ा गाड़ी बुलवाकर सफाई कर्मियों से शव को उसी पर ही लदवा दिया। जबकि यह साफ नहीं है कि अनवर की मौत कोरोना वायरस से हुई है या नहीं।
बलरामपुर के एसपी देवरंजन वर्मा ने इस घटना की आलोचन करते हुए कि यह बहुत ही अमानवीय और अपमानजनक व्यवहार है। उन्होंने कहा, 'यह बहुत अमानवीय और गैर-कानूनी काम है। अगर उन्हें कोरोना का संदेह था भी तो उन्हें PPE किट पहनकर शव ले जाना चाहिए था, ना किसी ज़िंदा आदमी का अपमान किया जा सकता है और न ही किसी के शव का। इस मामले में इलाके के सीओ और एसडीएम को जांच सौंपी गई है। वो जिसकी जिम्मेदारी तय करेंगे, उसके खिलाफ फौरन कार्रवाई की जाएगी।'
इसी बीच एनडीटीवी रिपोर्ट आलोक पांडेय ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि इस घटना की वीडियो में उपस्थित दिख रहे एक सब इंस्पेक्टर और 2 आरक्षी को पुलिस विभाग में और 4 नगर पालिका कर्मचारियों को प्रशासन द्वारा प्रथम दृष्टया दोषी पाते हुए, तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है
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