बीजेपी का महिला सम्मान एक दिखावा! शहीद की बेटी के साथ होता रहा दुर्व्यवहार और गुजरात के सीएम देते रहे भाषण
गुजरात में एक चुनावी सभा के दौरान सीएम विजय रुपाणी से मिलकर अपनी तकलीफ बताने आई एक शहीद की बेटी को न सिर्फ अपमानित किया गया बल्कि उसके साथ दुर्व्यवहार करते हुए उसे उठाकर सभा से बाहर कर दिया गया।
राष्ट्र प्रेम का दावा करने वाली और सब पर इसे लागू करने वाली बीजेपी का देश प्रेम और देश के लिए जान न्यौछावर करने वाले शहीदों के प्रति कैसा रवैया है, ये गुजरात के सीएम विजय रुपाणी की एक सभा में सबके सामने आ गया। एक चुनावी सभा के दौरान सीएम विजय रुपाणी से मिलकर उन्हें अपनी परेशानी बताने आई एक शहीद की बेटी को न सिर्फ अपमानित किया गया बल्कि उसके साथ दुर्व्यवहार करते हुए उसे उठाकर सभा से बाहर ले जाया गया। और ये सब कुछ उस वक्त हुआ, जब मंच पर खुद सीएम विजय रुपाणी मौजूद थे और अपना चुनावी भाषण कर रहे थे।
राष्ट्रवाद और देश प्रेम को लेकर राजनीति करने वाली बीजेपी के लिए देश और उसपर जान देने वाले शहीद कितने मायने रखते हैं इसकी बानगी गुजरात के नर्मदा में सीएम विजय रुपाणी की एक चुनावी सभा में देखने को मिली। दरअसल नर्मदा जिले में गुजरात के सीएम विजय रुपाणी एक चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे। उसी दौरान एक लड़की हाथ में कुछ कागज लिए उनके मंच की ओर बढ़ने लगी। वह मंच से कुछ ही दूरी पर थी कि सुरक्षाकर्मियों ने उसे रोक लिया। जब उसने कहा कि वह एक शहीद की बेटी है और उसे सीएम से मिलकर उन्हें ज्ञापन देना है तो पुलिस वालों ने उसकी एक भी नहीं सुनी। वहां मौजूद महिला पुलिसकर्मियों से उसकी खींचातानी भी हुई जिसके बाद पुलिसकर्मियों ने उसे चारों ओर से पकड़ कर गिरा दिया। फिर भी वह लड़की पुलिसकर्मियों से जूझती रही, जिसके बाद उन्होंने उसे पकड़कर उठा लिया और चारों तरफ से टांगकर सभा स्थल से बाहर कर दिया।
हालांकि अभी ये पता नहीं चल सका है कि उस लड़की को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है या छोड़ दिया है। लेकिन इस घटना ने बीजेपी के महिला सशक्तिकरण, राष्ट्रप्रेम और शहीदों का सम्मान करने के दावे की पोल खोल दी है। बात ये नहीं है कि नारी सम्मान और महिला सशक्तिकरण पर भाषण देने वाली और राष्ट्रवाद और राष्ट्र प्रेम नापने के नए-नए मानक तय करने वाली बीजेपी के एक सीएम के पास एक शहीद की बेटी का दर्द सुनने के लिए समय नहीं है, बल्कि तकलीफ की बात तो ये है कि उनसे कुछ ही दूरी पर एक शहीद की बेटी के साथ धक्कामुक्की और दुर्व्यवहार होता रहा और सीएम अपना भाषण देते रहे। कोई राजनेता या सीएम इस हद तक संवेदहीन भी हो सकता है कि उसे अपने सामने एक लड़की के साथ हो रहे धक्कामुक्की से भी कोई अंतर नहीं पड़े! नीचे दिया गया वीडियो इस बात की गवाही देता है कि गुजरात की बीजेपी सरकार महिलाओं और शहीदों को लेकर कितनी संवेदनहीन है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इस घटना पर दुख जताते हुए इसे मानवता को शर्मसार करने वाला बताया है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “भाजपा का घमंड अपने चरम पर है। परम देशभक्त रुपाणीजी ने शहीद की बेटी को सभा से बाहर फेंकवा कर मानवता को शर्मसार किया है।” उन्होंने बीजेपी सरकार से शर्म करने और लड़की को न्याय देने की मांग करते हुए लिखा, “15 साल से परिवार को मदद नहीं मिली, खोखले वादे और दुत्कार मिली। इंसाफ मांग रही इस बेटी को आज अपमान भी मिला। शर्म कीजिए, न्याय दीजिए।”
गुजरात प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी ने इस घटना की निंदा करते हुए इसका वीडियो ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा, “सीएम विजय रुपाणी के सामने किस तरह एक शहीद की बेटी के साथ दुर्वव्यवहार किया गया, यह देखकर दुख और आश्चर्य में हूं। वह अपनी परेशानी बताने के लिए सिर्फ सीएम से मिलना चाहती थी।“ उन्होंने लिखा, “सीएम को तत्काल गुजारत की इस बेटी और उसके पिता के बलिदान का अपमान करने के लिए उससे माफी मांगनी चाहिए।“
और यह भी तब जब खुद बीजेपी के नेता और देश के पीएम नरेंद्र मोदी अक्सर अपने भाषणों में नारी सशक्तिकरण और देश प्रेम की बात करते हैं। हाली ही में उन्होंने हैदराबाद में महिला उद्यमियों के एक वैश्विक सम्मेलन का उद्घाटन किया था जिसमें अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी इवांका ट्रंप भी शामिल हुई थीं। यही नहीं, शुक्रवार को ही पीएम मोदी ने गुजरात की महिला पार्टी कार्यकर्ताओं से वीडियो कॉल के जरिये बातचीत की। इसकी जानकारी खुद उन्होंने ट्वीट कर दिया था। उन्होंने लिखा, “आज शाम 4.30 बजे गुजरात की महिला पार्टी कार्यकर्ताओं से वीडियो कॉल के जरिये बात करूंगा। पूरे गुजरात की महिला कार्यकर्ताओं से बातचीत को लेकर आशांवित हूं।“ लेकिन इन सबके बावजूद उनकी ही पार्टी के सीएम को एक लड़की के साथ हो रहे दुर्व्यवहार से कोई फर्क नहीं पड़ा है।
गुजरात में इसी महीने विधानसभा के चुनाव होने हैं जिसमें 22 साल से राज्य की सत्ता पर काबिज बीजेपी को कांग्रेस पार्टी से कड़ी टक्कर मिल रही है। बीजेपी ने राज्य में अपनी सत्ता बचाए रखने के लिए पूरा जोर लगाया हुआ है। खुद पीएम मोदी की अगुवाई में 20 से ज्यादा केंद्रीय मंत्री राज्य में डेरा डाले हुए हैं। लेकिन इसके बावजूद कई चुनावी सभाओं में बीजेपी के प्रति लोगों का गुस्सा सामने आ चुका है। सूरत में अमित शाह की रैली में उनके खिलाफ लगे नारे हों, या हाली ही में पीएम मोदी की कई रैलियों में खाली पड़ी कुर्सियां हों या फिर दो दिन पहले उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ की चुनावी सभा में लगभग पूरा खाली पड़ा मैदान हो। अब जाकर सीएम रुपाणी की सभा में भी ऐसा ही नजारा देखने को मिला है। बीजेपी के इतने साल के राज में लोग परेशान हैं, बदहाल हैं और जब कोई सवाल पूछता है तो उसके साथ इसी तरह का दुर्व्यवहार किया जाता है।
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