क्या गुजरात में मोदी की रैली में भीड़ के लिए बंद करा दी गईं मोरबी की फैक्टरियां? 

गुजरात में बीजेपी की खिसकती जमीन अब साफ नजर आने लगी है। एक ट्वीट पर वायरल हो रहे संदेश को सच मानें तो मोरबी की सिरेमिक इंडस्ट्री में काम बंद कर लोगों को मोदी की रैली में भेजने का आदेश दिया गया था

फोटो : सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

क्या बीजेपी प्रधानमंत्री मोदी की रैलियों के लिए जबरदस्ती लोगों को लेकर जा रही है? क्या रैलियों में भीड़ जुटाने के लिए उद्योगों को बंद कर वहां के कामगारों और कारीगरों को रैली में लाने के फरमान जारी किए जा रहे हैं? क्या सोमवार को भुज और दूसरी जगहों पर हुई रैलियों में कम भीड़ आने से मोदी ने नाराजगी जताई है? क्या मोदी की नाराजगी दूर करने के लिए पहले से जीएसटी की मार झेल रहे उद्योगों पर काम बंद कर रैलियों में शामिल होने का दबाव बनाया जा रहा है?

ये वह कुछ सवाल हैं जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गुजरात के मोरबी इलाके में चुनावी रैली को लेकर उठ रहे हैं। वजह है सोशल मीडिया पर वायरल वह ट्वीट जिसमें गुजराती में लिखे एक पत्र के हवाले से कहा गया है कि प्रधानमंत्री की मोरबी रैली के लिए सिरेमिक उद्योग से जुड़ी फैक्टरियों को बंद कर कम से कम 25 आदमी प्रति फैक्टरी रैली में भेजने को कहा गया है।

TheAgeOfBananas नाम के व्यक्ति या संस्था ने @iScrew हैंडिल से एक के बाद एक कई ट्वीट कर इस बारे में विस्तार से जानकारी दी है। इसमें कहा गया है कि पीएम मोदी की चुनावी रैली के लिए बीजेपी उद्योगों में उत्पादन बंद कर वर्कर्स को रैली में भेजने का दबाव बना रही है। ट्वीट में दावा किया गया है कि मोरबी की सिरेमिक इंडस्ट्री एसोसिएशन के सदस्यों और फैक्टरी मालिकों को संदेश भेजकर लोग भेजने को कहा गया है।

क्या गुजरात में मोदी की रैली में भीड़ के  लिए बंद करा दी गईं मोरबी की फैक्टरियां? 

ट्वीट में यह भी कहा गया है कि एक तरफ को प्रधानमंत्री मोदी हैदराबाद में शुरु हुई विश्व उद्यमिता शिखर सम्मेलन से आ रहे हैं, दूसरी तरफ गुजरात के उद्योगों को बंद करने का दबाव बनाया जा रहा है। ट्वीट के मुताबिक सोमवार को भुज-कच्छ, जसदान आदि जगहों पर पीएम मोदी की रैली में अपेक्षा से कहीं कम भीड़ आने के बाद बीजेपी ने यह कदम उठाया है। ट्वीट में कहा गया है कि फैक्टरी मालिकों को अपने-अपने उद्योग से भेजे जाने वाले कामगारों की संख्या एक व्हाट्सएप नंबर पर कंफर्म करने को कहा गया है।

क्या गुजरात में मोदी की रैली में भीड़ के  लिए बंद करा दी गईं मोरबी की फैक्टरियां? 

ट्वीट में टिप्पणी करते हुए कहा गया है कि एक तरफ तो सिरेमिक उद्योग जीएसटी की मार झेल रहा है, दूसरी तरफ उत्पादन बंद करने से उनपर अतिरिक्त दबाव बनेगा।

हर फैक्टरी से लोगों को भेजने के लिए गुजराती में लिखे एक पत्र की फोटो भी ट्वीट की गई है और उसके जवाब में कई फैक्टरियों की तरफ से रैली में भेजे जाने वाले मजदूरों की संख्या दर्शाते हुए व्हाट्सएफ मैसेज के स्क्रीनशॉट भी पोस्ट किए गए हैं।

गुजराती में लिखे पत्र का जो अनुवाद ट्वीट में दिया गया है उसमें कहा गया है कि, ‘आप लोग इस समय काफी संघर्ष से दो-चार हैं, लेकिन यह आयोजन बहुत महत्वपूर्ण है। हमें उम्मीद है कि हर फैक्टरी में आधे दिन के लिए पैकिंग और लोडिंग का काम बंद करके कम से कम 25 लोग भेजे जाएंगे। आप अपना काम दोपहर बाद शुरु कर सकते हैं। मोदी साहेब प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार मोरबी आ रहे हैं और हम इस रैली को कामयाब बनाना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि आप रैली में सुबह 8 बजे से 11 बजे तक मौजूद रहें। नीचे दिए गए फोन नंबर पर अपनी फैक्टरी और भेजे जाने वाले लोगों की संख्या रजिस्टर करें।’

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