राहुल का पीएम से पांचवा सवाल, मोदी समेत फिर गुजरात पहुंची पूरी सरकार
गुजरात चुनाव में पहले दौर के मतदान के लिए प्रचार अब चरम पर पहुंच गया है। यूपी निकाय चुनावों में जीत की पोल खुलने के बाद गुजरात विधानसभा चुनावों को लेकर बीजेपी ज्यादा बेचैन नजर आने लगी है।
गुजरात चुनाव में पहले दौर के मतदान के लिए प्रचार अब चरम पर पहुंचने गया है। उत्तर प्रदेश निकाय चुनावों में झूठी जीत की पोल खुलने के बाद गुजरात विधानसभा चुनावों को लेकर अब बीजेपी ज्यादा बेचैन नजर आने लगी है। जहां कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम से पांचवा सवाल किया है, वहीं पीएम और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह समेत कई केंद्रीय मंत्री और बड़े बीजेपी नेता रविवार को मैदान में उतर रहे हैं।
आखिरी मौके पर वोटरों को लुभाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार से दो दिन के गुजरात दौरे पर हैं। इन दो दिनों में वे सात रैलियां करेंगे। रविवार को भरुच और सुरेंद्रनगर में तीन जनसभाएं होंगी।
इस बीच कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने सवालों की सीरीज में प्रधानमंत्री से एक और सवाल पूछा है। राहुल ने गुजरात में बीजेपी के 22 वर्षों के शासन का हिसाब मांगते हुए 5वां सवाल शिक्षा और स्वास्थ्य के साथ महिलाओं के अधिकारों पर पूछा है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि, “22 सालों का हिसाब, #गुजरात_मांगे_जवाब, प्रधानमंत्रीजी- 5वाँ सवाल: न सुरक्षा, न शिक्षा, न पोषण, महिलाओं को मिला तो सिर्फ़ शोषण, आंगनवाड़ी वर्कर और आशा, सबको दी बस निराशा। गुजरात की बहनों से किया सिर्फ़ वादा, पूरा करने का कभी नहीं था इरादा।”
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का यह पांचवा सवाल है, लेकिन अभी तक किसी का जवाब नहीं मिला है। ऐसे में सबकी निगाहें प्रधानमंत्री मोदी की भरूच रैली पर हैं। भरूच में विधानसभा की पांच सीटें हैं। फिलहाल इनमें से चार पर बीजेपी का कब्जा है। उधर, राजकोट की आठ विधानसभा सीटों में से चार बीजेपी के पास तो चार कांग्रेस के पास हैं। राजकोट पश्चिम से मुख्यमंत्री विजय रूपाणी चुनाव मैदान में हैं।
लंबे समय से सत्ता पर काबिज होने के बावजूद गुजरात में इस बार बीजेपी की हालत खराब है और पीएम मोदी को खुद कमान संभालनी पड़ी है। आखिर क्या वजह है कि गुजरात में मोदी की ताबड़तोड़ रैलियों करना पड़ रही हैं। दरअल मोदी के गुजरात से जाने के बाद राज्य में राजनीतिक हालात अस्थिर हैं। राज्य में दलितों पर हिंसा के खिलाफ और आरक्षण के लिए पाटीदार समुदाय के आंदोलन हुए। पुलिस की कार्रवाई में 14 पाटीदार युवा मारे गए।
इस आंदोलन में हार्दिक पटेल पाटीदार समाज के बड़े नेता बनकर उभरे। दलितों को जिग्नेश मेवाणी के तौर पर युवा नेता मिला। अल्पेश ठाकोर ओबीसी नेता बनकर उभरे। इन आंदोलनों के ठीक बाद पंचायत चुनाव हुआ। इसमें 31 ताल्लुकाओं में बीजेपी को सिर्फ 10 पर ही जीत मिली। जिला पंचायत चुनाव में भी पार्टी को बुरी तरह से हार मिली।
हालात बुरी होते देखकर बीजेपी ने गुजरात की पहली महिला मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल को भी हटा दिया। उनकी जगह विजय रूपाणी को मुख्यमंत्री बनाया।
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