पैसे के जोर और ईवीएम में छेड़छाड़ से जीती है गुजरात में बीजेपी : हार्दिक पटेल
पाटीदार आरक्षण आंदोलन के युवा नेता हार्दिक पटेल नेकहा है कि गुजरात में बीजेपी की जीत, दरअसल उसकी हार है, और उसने ईवीएम मशीनों मेंछेड़छाड़ कर ये जीत हासिल की है। उन्होंने कहा कि ये बेईमानी की जीत है
पाटीदार अमानत आंदोलन समिति के युवा नेता हार्दित पटेल ने कहा है कि, “मैं बीजेपी को उसकी जीत के लिए अभिनंदन नहीं दूंगा, क्योंकि ये जीत बेईमानी से हुई है। गुजरात की जनता जागृत हुई हैं, लेकिन और जागृत होना ज़रूरी हैं। EVM के साथ छेड़छाड़ हुई है और यह हक़ीक़त है।” अपने ट्वीट में हार्दिक बीजेपी पर पैसे और बेईमानी से गुजरात चुनाव जीतने का आरोप लगाया।
इससे पहले पत्रकारों से बातचीत में हार्दिक ने कहा कि, “सूरत, राजकोट और अहमदाबाद में ईवीएम मशीनों में टेपरिंग हुई है। क्योंकि यहां हार और जीत का अंतर बेहद कम है। बीजेपी ने पैसों के बल पर जीत हासिल की है।”
हार्दिक का कहना है कि “चुनाव परिणाम के बाद भी ईवीएम एक बड़ा मुद्दा रहेगा। इस मुद्दे पर सभी विपक्षी दलों को एकसाथ खड़ा होना होगा। मेरी दादागिरी आगे भी जारी रहेगी।” उन्होंने कहा कि “ईवीएस से छेड़छाड़ कर जीत हासिल करने वाली बीजेपी को मैं बधाई देता हूं।”
उन्होंने कहा कि “अहमदाबाद, सूरत और राजकोट में जो मैंने देखा उससे मुझे यकीन हो रहा है कि कुछ गड़बड़ी जरूर हुई है।” हार्दिक के मुताबिक कोली समुदाय वाली 6 सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस में करीबी लड़ाई थी, जबकि 7 कोली समुदाय वाली सीट पर कांग्रेस आगे है। उन्होंने कहा कि शंकर सिंह वाघेला के उम्मीदवारों ने कांग्रेस को 100 सीटों पर नुकसान पहुंचाया। हार्दिक के मुताबिक दर्जन भर कांग्रेस नेताओं के बागी तेवर से भी पार्टी को नुकसान हुआ है।
हार्दिक ने कहा कि सूरत की वारछा रोड सीट पर 1 लाख पटेल वोटर हैं, लेकिन वहां रैली में इतनी भीड़ होने के बाद भी अगर हारे तो यह सवाल है उठना जायज है कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में गड़बड़ी है। उनका कहना है कि गुजरात की जनता को अभी बहुत ज्यादा जागरूक होने की जरुरत है। हार्दिक के मुताबिक, जहां जीत का अंतर 1,000 से 2,000 तक रहा है, वहां ईवीएम बड़ा मुद्दा रहा है। हार्दिक ने कहा कि बीजेपी ने इसलिए 100 सीटें जीतीं ताकि कोई ईवीएम पर शंका न करे।
अपने राजनीतिक भविष्य के सवाल हार्दिक ने कहा कि मैं 23 साल का हूं, अपने राजनीतिक भविष्य की बात बाद में करेंगे। मैं संघर्ष करूंगा, बुजदिलों की तरह घर में नहीं बैठूंगा। अगले 5 दिनों में मैं फिर जनसंपर्क शुरू करूंगा। हार्दिक ने पूछा कि हमें वोट डालने के बाद भी यह सोचना पड़ता है कि हमारा वोट सही से पड़ा या फिर नहीं, यह कैसा लोकतंत्र
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