रेप सर्वाइवर की संघर्ष पर आधारित डॉक्यूमेंट्री ऑस्कर पहुंची, घिनौनी सोच से लड़ता बाप और रोंगटे खड़े कर देने वाला सच!
ऑस्कर के पहले इस फिल्म का प्रीमियर टोरंटो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में हो चुका है। वहां इसने एम्प्लीफाई वॉयस पुरस्कार जीता था। इसके अलावा अलग-अलग फिल्म फेस्टिवल में इसे कुल 19 अवार्ड मिले हैं।
96वें ऑस्कर में बेस्ट डॉक्यूमेंट्री कैटेगरी के लिए नॉमिनेट हुई इकलौती भारतीय फिल्म “टू किल ए टाइगर” झारखंड की एक रेप सर्वाइवर लड़की और उसके पिता के संघर्ष की दास्तां पर आधारित है।
इस डॉक्यूमेंट्री में दिखाया गया है कि रांची के बेड़ो का निवासी एक किसान गैंगरेप की शिकार हुई अपनी 13 साल की बेटी को इंसाफ दिलाने की खातिर पुलिस, पॉलिटिशियन्स, दबंगों और गांव वालों के दबावों से किस तरह जूझता है।
निशा पाहुजा द्वारा निर्देशित इस डॉक्यूमेंट्री की पूरी शूटिंग बेड़ो में हुई है। गैंगरेप की वारदात इसी जगह पर हुई थी।
9 मई 2017 को बेड़ो में नाबालिग बच्ची एक शादी से अपने घर लौट रही थी। इसी दौरान तीन लोगों ने उसे किडनैप कर उसका गैंगरेप किया था। आरोपियों के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट लिखाने से लेकर उनकी गिरफ्तारी के लिए उसे जद्दोजहद करनी पड़ी।
आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद उसे केस और आरोप वापस लेने के लिए स्थानीय नेताओं और गांव वालों का दबाव भी झेलना पड़ा। इतना ही नहीं, गांव के लोगों ने उल्टे लड़की पर ही तोहमत मढ़ दी। इस पूरी लड़ाई में लड़की और उसके पिता को कितनी तरह की मानसिक यंत्रणाएं झेलनी पड़ीं, डॉक्यूमेंट्री इसी पर आधारित है।
पीड़िता और उसके पिता की लड़ाई में एक स्वयंसेवी संस्था खड़ी हुई और आरोपी जेल भेजे गए।
ऑस्कर के पहले इस फिल्म का प्रीमियर टोरंटो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में हो चुका है। वहां इसने एम्प्लीफाई वॉयस पुरस्कार जीता था। इसके अलावा अलग-अलग फिल्म फेस्टिवल में इसे कुल 19 अवार्ड मिले हैं।
फिल्म का निर्माण डेविड ओपेनहीम, निशा पाहुजा, कॉर्नेलिया प्रिंसिपे और एंडी कोहेन ने किया है। गौरतलब है कि ऑस्कर अवार्ड 11 मार्च को दिए जाने हैं।
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