बायकॉट आलिया भट्ट हुआ ट्रेंड, लोग करने लगे एक्ट्रेस को बॉयकॉट, वजह जानकर आएगी हंसी!

आज सुबह ट्विटर देखा अतो अचंभा हुआ ये जान कर कोई #BoycottAliaBhatt ट्रेंड कर रहा है। अरे अभी तो आलिया भट की फिल्म ‘डार्लिंग्स’ रिलीज़ भी नहीं हुई और आलिया पर लोगों का इतना गुस्सा?

फोटो: सोशल मीडिया
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प्रगति सक्सेना

आज सुबह ट्विटर देखा अतो अचंभा हुआ ये जान कर कोई #BoycottAliaBhatt ट्रेंड कर रहा है। अरे अभी तो आलिया भट की फिल्म ‘डार्लिंग्स’ रिलीज़ भी नहीं हुई और आलिया पर लोगों का इतना गुस्सा? समझ नहीं आया। एक बार को लगा शायद ये वही लोग हैं जो आमिर खान की लाल सिंह चड्ढा को भी बगैर देखे ‘बायकाट’ कर रहे हैं।

लेकिन ज़रा रुकिए। ये दूसरी किस्म के लोग हैं, भाई! ज़रा ध्यान से इस मसले को देखा तो समझ आया कि ये भी दरअसल हमारे सेलेक्टिव ‘अति संवेदनशील’ होने का ही एक लक्षण है। ‘कैंसिल कल्चर’ को आजकल वैसे भी इतनी अहमियत दी जा रही है कि लगता है कुछ रोज़ में वही हमारी मुख्या संस्कृति हो जाएगी। आपने मुंह खोला – और लीजिये जो आप बोलने वाले थे वो कैंसल कर दिया गया!


लेकिन आलिया भट्ट को बायकाट करने वाली जमात कुछ ख़ास है। अभी तक दक्षिणपंथी लोग अपनी अपनी अस्मिता को लेकर आहत होते रहते थे लेकिन अब तो हिंदी भाषी क्षेत्र के पुरुष मात्र ही आहत हो गए। जाहिर तौर पर आलिया को बायकाट अकरने वाले लोगों का कहना है कि ‘डार्लिंग्स’ फिल्म में पुरुष पर बहुत हिंसा दिखाई गई है! अब बताइए, आपने फिल्म देखी नहीं, सिर्फ ट्रेलर के बूते पर इस नतीजे पर पहुंचाना ना सिर्फ बेमानी है, बल्कि हास्यास्पद भी है।

दूसरे, जहां तक हमारी समझ और आंकड़े बताते हैं, हमारे समाज में, महिलाएं घरेलू हिंसा कि शिकार ज्यादा होती हैं पुरुषों के बनिस्पत। तो अगर एक पुरुष पर कोई हिंसा दिखाई जा रही है तो ज़रूरी नहीं कि वो घरेलू हिंसा हो या वो पुरुष वाकई असहाय हो (फिल्म का ट्रेलर इस बात को स्पष्ट नहीं करता। हां ये संवाद आलिया भट ज़रूर बोलती हैं- कि जो कुछ इसने मेरे साथ किया वही मैं इसके साथ करूंगी।) यहां तो गजब ‘रोल रिवेर्सल’ दिखाई दे रहा है। ट्विटर के ट्रेंड को देख कर तो कोई यही समझेगा कि हमारे यहां के पुरुष बहुत असुरक्षित हैं और प्रताड़ित हैं।


तो ये बायकाट करने वाली जमात दरअसल उन्हीं लोगों से बनी दीखती है जो महज कवर को देख कर पूरी किताब को समझ लेने का दावा करते हैं।

‘बैटमैन’ नाम की फिल्म में विलेन का एक संवाद होता है – “व्हाई सो सीरियस!” हमें लगता है कि जितने ‘अति संवेदनशील’, बात -बात पर सोशल मीडिया में अपनी तुनक मिजाज़ी दिखाने वाले ‘कैंसिल कल्चर’ और बायकाट जैसे शब्दों का प्रचुर मात्रा में इस्तेमाल करने वाले लोग हैं, उन्हें ज़रा बैटमैन के इस संवाद को ध्यान में रखना चाहिए और जीवन समाज से जुड़े जो गंभीर मुद्दे हैं, सोशल मीडिया पर उन्हें उजागर करना चाहिए।

बाकी, फिल्म को रिलीज़ तो हो जाने दीजिये- फिर अच्छी है या खराब -इस पर कमेंट कीजिए। आलिया भट को बायकाट करने का क्या फायदा?

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