यूपी चुनावः मुख्तार के बेटे अब्बास पर भड़काऊ भाषण का केस दर्ज, अफसरों को हिसाब-किताब की धमकी के वायरल वीडियो पर एक्शन
बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी के बेटे को मऊ से ओम प्रकाश राजभर की पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने मैदान में उतारा है। मऊ में शुक्रवार को ही समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की अब्बास अंसारी के समर्थन में जनसभा भी होनी है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के सातवें चरण के मतदान से पहले बाहुबली मुख्तार अंसारी के बेटे और मऊ सदर से प्रत्याशी अब्बास अंसारी पर भड़काऊ भाषण देने पर केस दर्ज हुआ है। जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे और सपा गठबंधन के प्रत्याशी अब्बास अंसारी ने सरकार बनने पर अफसरों से हिसाब-किताब की धमकी दी है।
सुभासपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे अब्बास का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह अखिलेश यादव का नाम लेकर कहते दिख रहे हैं कि सरकार बनने पर ट्रांसफर से पहले अफसरों से हिसाब-किताब होगा। वीडियो वायरल होने के बाद एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार की ओर से अब्बास पर कार्रवाई का आदेश दिया गया है। अब्बास के खिलाफ मऊ पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है।
बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी के बेटे को मऊ से ओम प्रकाश राजभर की पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने मैदान में उतारा है। अब अब्बास अंसारी के खिलाफ केस दर्ज करने के साथ पुलिस वीडियो की जांच भी कर रही है। मऊ में शुक्रवार को ही समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की अब्बास अंसारी के समर्थन में जनसभा भी होनी है।
मऊ के पुलिस अधीक्षक सुशील घुले ने बताया कि प्रत्याशी अब्बास अंसारी के वायरल विडियो के सम्बन्ध में थाना कोतवाली में आचार संहिता के उलंघन के सम्बन्ध में धारा 171, 506 का अभियोग पंजीकृत किया गया है और इस सम्बन्ध में निवार्चन अधिकारी 356-मऊ सदर, मऊ को अग्रिम कार्यवाही हेतु रिपोर्ट दी गयी है।
बता दें कि मऊ से पांच बार विधायक रहे मुख्तार अंसारी की जगह पर इस बार उनके बड़े बेटे अब्बास अंसारी यहां से मैदान में हैं। अब्बास अंसारी ने गुरुवार को एक चुनावी सभा में कथित तौर पर यह भड़काऊ भाषण दिया था, जिसका वीडियो वायरल होने के बाद चर्चा का विषय बन गया है। जिसका संज्ञान लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस ने यह कार्रवाई की है।
इस वीडियो में अब्बास अंसारी जनता से कह रहे हैं, "सूद समेत वापस लौट आऊंगा, जो आज डंडा चला रहे हैं, यहां पर मुख्यमंत्री होने वाले अखिलेश भैया से कह कर आया हूं। छह महीने तक कोई ट्रांसफर पोस्टिंग नहीं होगा। जो है वह यहीं रहेगा, जिस जिसके साथ जो जो किया है, उसका हिसाब-किताब यहां देना पड़ेगा। सपा सरकार बनने पर अधिकारियों से अच्छी तरह से निपटा जाएगा।"
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