यूपी चुनावः तीसरे चरण की 59 सीटों पर प्रचार खत्म, अखिलेश-शिवपाल समेत इन दिग्गजों की साख दांव पर
इस चरण में जहां बीजेपी के सामने पिछले चुनाव की सफलता दोहराने की चुनौती है, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी मुखिया अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल यादव के सामने अपनी साख के साथ-साथ यादव बेल्ट में समाजवादी पार्टी का किला वापस लेने की भी चुनौती है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में दो चरणों का मतदान हो चुका है और अब तीसरे चरण का चुनाव होना है, जिसमें 16 जिलों की 59 सीटों पर 20 फरवरी को मतदान होना है। तीसरे चरण की सीटों पर आज प्रचार का आखिरी दिन था। शाम 6 बजे प्रचार समाप्त भी हो गया। अब 20 फरवरी की सुबह इन सीटों पर वोट डाले जाएंगे।
तीसरे चरण में पश्चिमी यूपी के पांच जिलों- फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, कासगंज और हाथरस, अवध क्षेत्र के छह जिले- कानपुर, कानपुर देहात, औरैया, कन्नौज, इटावा और फरुर्खाबाद के साथ बुंदेलखंड क्षेत्र के पांच जिले- झांसी, जालौन, ललितपुर, हमीरपुर और महोबा की कुल 59 सीटों पर इस चरण में मतदान होगा। इस चरण में कुल 627 प्रत्याशी मैदान में हैं, जिनके भाग्य का फैसला करीब दो करोड़ मतदाता करेंगे।
इस चरण में जहां बीजेपी के सामने पिछले चुनाव में मिली सफलता को दोहराने की चुनौती है, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी मुखिया अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल यादव के सामने अपनी साख के साथ-साथ यादव बेल्ट में समाजवादी पार्टी का किला वापस लेने की भी चुनौती है। वहीं इस चरण में एसपी सिंह बघेल और सतीश महाना जैसे बीजेपी के दिग्गज नेताओं की भी साख दांव पर लगी है।
यूपी चुनाव का तीसरा चरण काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि इसी चरण में पूर्व मुख्यमंत्री और सपा मुखिया अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल यादव भी चुनाव मैदान में हैं तो एसपी सिंह बघेल और सतीश महाना जैसे बीजेपी के दिग्गज नेताओं के भाग्य का फैसला भी इसी चरण में होगा। इनके अलावा तीसरे चरण के चुनाव में सभी पार्टियों से और भी कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है।
तीसरे चरण में सबसे बड़ा मुकाबला मैनपुरी की करहल सीट पर है, जहां से सपा मुखिया अखिलेश यादव चुनाव मैदान में हैं। उनके सामने बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल को उतारा है। कांग्रेस ने यहां अखिलेश यादव को समर्थन दिया है। खास बात ये है कि एसपी सिंह बघेल ने अपना सियासी सफर सपा से ही शुरू किया था। मुलायम यादव एसपी सिंह बघेल के राजनीतिक गुरु रहे हैं।
इस चरण में इटावा के जसवंतनगर से शिवपाल यादव मैदान में हैं। यह सीट शिवपाल यादव का गढ़ मानी जाती है। शिवपाल पिछले 5 बार से यहां से जीत रहे हैं। बीजेपी ने जसवंत नगर से युवा नेता विनय शाक्य को मैदान में उतारा है तो बीएसपी ने बिजेंद्र कुमार को उतारा है जबकि कांग्रेस ने कोई कैंडिडेट नहीं दिया है। तीसरे चरण में फर्रुखाबाद सदर सीट से पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता सलमान खुर्शीद की पत्नी लुईस खुर्शीद की किस्मत भी दांव पर है। उन का मुकाबला बीजेपी के मौजूदा विधायक सुनील द्विवेदी और समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी सुमन मौर्य के साथ है।
तीसरे चरण में योगी सरकार के मंत्री और बीजेपी के दिग्गज नेता सतीश महाना की कानपुर की महाराजपुर सीट से दांव पर है। महाना 7 बार से विधायक हैं और इस बार 8वीं बार मैदान में हैं। महाना के खिलाफ सपा के फतेह बहादुर सिंह गिल मैदान में हैं। इनके अलावा कानपुर की कल्याणपुर सीट से योगी सरकार की राज्य मंत्री नीलिमा कटियार फिर से चुनाव मैदान में हैं। कटियार का मुकाबला सपा के पूर्व विधायक सतीश निगम के साथ है। लेकिन इस सीट पर कांग्रेस ने विकास दुबे के साथ एनकाउंटर मारे गए अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे की बहन नेहा तिवारी को उम्मीदवार बनाकर मुकाबला त्रिकाणीय बना दिया है।
इनके अलावा इस चरण में बीजेपी के दिग्गज नेता और ब्राह्मण चेहरा माने जाने वाले रामवीर उपाध्याय हाथरस की सादाबाद सीट से चुनाव मैदान में हैं। रामवीर उपाध्याय का मुकाबला सपा-रालोद गठबंधन के प्रदीप चौधरी से है। इस सीट पर बीएसपी से अविन शर्मा और कांग्रेस से मथुरा प्रसाद मैदान में हैं। इनके अलावा आईपीएस पद से वीआरएस लेकर बीजेपी में शामिल हुए असीम अरुण कन्नौज सदर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। असीम अरुण का मुकाबला सपा के अनिल दोहरे से है। वहीं बीएसपी ने यहां से समरजीत दोहरे को चुनाव मैदान में उतारा है।
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