UP Election 2022: वाराणसी के कबीर चौरा मठ पहुंचीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, अगले 3 दिन तक करेंगी प्रवास
संत कबीरदास का सांस्कृतिक महत्व भी बहुत है। कबीर चौरा मठ में संत कबीरदास जी ने अपना पूरा जीवन बिताया था। ये मठ कबीरदास की शिक्षाओं, संदेशों एवं स्मृतियों का केंद्र है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के सातवें और आखिरी चरण के लिए कांग्रेस भी तैयारी में लगी है। इसी कड़ी में कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाराणसी स्थित कबीर चौरा मठ पहुंची। अगले 3 दिन कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का डेरा कबीर चौरा मठ ही रहेगा।
प्रियंका गांधी ने कबीरदास की मूलगादी में दर्शन किए। इस मौके पर महंत ने कबीरदास की स्मृतियों को साझा किया।
आपको बता दें, संत कबीरदास का सांस्कृतिक महत्व भी बहुत है। कबीर चौरा मठ में संत कबीरदास जी ने अपना पूरा जीवन बिताया था। ये मठ कबीरदास की शिक्षाओं, संदेशों एवं स्मृतियों का केंद्र है। देशभर के कबीरपंथियों और कबीरदास जी को मानने वाले लोगों के लिए कबीर चौरा मठ एक मुख्य आकर्षण का केंद्र है। 1934 में महात्मा गांधी जी का भी इस मठ में आगमन हुआ था। यहां पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू भी कई बार आ चुके हैं। इसके अलावा राष्ट्रकवि रविंद्रनाथ टैगोर इसे अपना डेरा बनाते थे।
कहा जा रहा है कि वाराणसी में कबीर चौरा मठ को अपना ठिकाना बनाकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने एक बहुत बड़ा राजनीतिक संदेश दिया है। संत कबीर दास जी के सामाजिक न्याय एवं समानता के संदेश से उत्तरप्रदेश का दलित एवं अति पिछड़ा वर्ग बहुत जुड़ाव रखता है। उत्तरप्रदेश के सांतवें फ़ेज में जहां चुनाव होना (पूर्वांचल) है, उन जगहों पर अति पिछड़ी जातियों एवं दलितों की संख्या अच्छी-ख़ासी है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने दलित व अति पिछड़े वर्ग के अधिकारों के लिए लगातार आवाज़ उठाई है। उन्होंने अपने घोषणा पत्र में भी दलित व अति पिछड़े वर्ग के लिए काफ़ी दूरगामी परिणामों वाली घोषणाएं की हैं। कबीर चौरा मठ का ठिकाना प्रियंका के संघर्षों और सामाजिक न्याय को मज़बूत करने के उनके प्रयासों को लेकर एक बड़ा संदेश देगा।
वाराणसी के राजनीतिक पंडितों का मानना है कि प्रियंका गांधी ने कबीर चौरा मठ के ज़रिए प्रियंका गांधी ने सांस्कृतिक जगत को भी एक बड़ा संदेश दिया है।
कबीर चौरा मठ के आस-पास गलियों में भारतीय कला जगत की मशहूर हस्तियों एवं पद्म पुरस्कार विजेताओं के घर हैं। ये लोग भारत की कला जगत के स्तंभ हैं। लोग क़यास लगा रहे हैं कि प्रियंका के इस मोहल्ले में प्रवास से भारतीय कला जगत के ज़रिए पूरे वाराणसी में एक अच्छा संदेश जाएगा।
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