विधानसभा चुनावः मतगणना के बाद नहीं, शुरू में हो VVPAT सत्यापन, मांग पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार
वरिष्ठ अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा ने मुख्य न्यायाधीश एन वी रमण की अध्यक्षता वाली न्यायमूर्ति ए.एस. बोपन्ना और हिमा कोहली की पीठ के समक्ष याचिका का उल्लेख किया। पीठ ने याचिका के बारे में चुनाव आयोग को सूचित करने के लिए कहा और कहा कि बुधवार को इसे देखा जाएगा।
पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के बाद मतगणना शुरू होने से दो दिन पहले मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट एक जनहित याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया, जिसमें मांग की गई है कि मतगणना के बाद नहीं, मतगणना की शुरूआत में ही वीवीपैट का सत्यापन होना चाहिए।
वरिष्ठ अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा ने मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमण की अध्यक्षता वाली न्यायमूर्ति ए.एस. बोपन्ना और हिमा कोहली की पीठ के समक्ष याचिका का उल्लेख किया। पीठ ने अरोड़ा से पूछा गिनती परसों है और उन्होंने अब याचिका का जिक्र किया है? अरोड़ा ने बुधवार को याचिका पर सुनवाई के लिए दबाव डाला, क्योंकि मतगणना परसों है।
पीठ ने अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा को याचिका के बारे में चुनाव आयोग को सूचित करने के लिए कहा और कहा कि अदालत बुधवार को इस मामले की जांच करेगी। संक्षिप्त सुनवाई के दौरान, पीठ ने 2019 के दिशानिर्देशों की ओर भी इशारा किया।
याचिका में प्रति निर्वाचन क्षेत्र में एक बूथ के बजाय पांच बूथों पर ईवीएम के वीवीपैट सत्यापन की मांग की गई है, जो कि मौजूदा प्रथा है। अप्रैल 2019 में, सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को वोटर-वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) पर्चियों को एक इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) प्रति विधानसभा क्षेत्र से बढ़ाकर पांच करने का आदेश दिया था।
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